धमाका सुनकर दिमाग काम नहीं कर रहा था तभी वो...पाकिस्तान के जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में कैसे थे हालात, यात्रियों ने रोते हुए बताया

पाकिस्तान में अपहृत जाफर एक्सप्रेस ट्रेन से रिहा हुए यात्रियों ने हालात की जानकारी दी है। क्वेटा से पेशावर जा रही इस ट्रेन का मंगलवार को बलूच लिबरेशन आर्मी ने अपहरण कर लिया था। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी सेना के 100 से अधिक जवानों को बंधक भी बनाया हुआ है।

Mar 12, 2025 - 19:19
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धमाका सुनकर दिमाग काम नहीं कर रहा था तभी वो...पाकिस्तान के जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में कैसे थे हालात, यात्रियों ने रोते हुए बताया
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाईजैक हुई जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के हालात के बारे में कई तरह की खबरें हैं। इस बीच ट्रेन से छूटे यात्रियों ने हाईजैकिंग के दौरान के हालात का ब्योरा दिया है। उन्होंने बताया है कि घटना के समय क्या कुछ हुआ और उन्होंने कैसे अपनी जान बचाई। बता दें कि मंगलवार को क्वेटा से पेशावर जा रही ट्रेन को बलूच लिबरेशन आर्मी ने हाईजैक कर लिया था। इस ट्रेन को एक सुरंग के पास पटरी से उतारकर रोका गया था। बलूच विद्रोहियों ने ट्रेन में सवार 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को बंधक भी बनाया है। इनमें से दर्जनों बंधकों को वो बलूचिस्तान के अंदरूनी इलाकों में लेकर भी गए हैं।

गोलीबारी में सांस रोके छिपे थे यात्री

बीबीसी से बात करते हुए जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में सवाल इसाक नूर ने कहा, "हम गोलीबारी के दौरान अपनी सांस रोके हुए थे, यह नहीं जानते थे कि आगे क्या होगा।" वह मंगलवार को क्वेटा से पेशावर जा रहे 400 से अधिक यात्रियों में से एक थे, जब बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमला किया और कई लोगों को बंधक बना लिया। ट्रेन का ड्राइवर भी कई लोगों के घायल होने की सूचना है। पाकिस्तानी सेना ने दावा है कि 155 यात्रियों को मुक्त कर दिया गया है और 27 विद्रोही मारे गए हैं। हालांकि, इन आंकड़ों की कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। बचाव अभियान अब भी जारी है।

बीएलए ने कई यात्रियों को रिहा किया

सुरक्षा बलों का कहना है कि उन्होंने शेष यात्रियों को बचाने के लिए सैकड़ों सैनिकों को तैनात किया है। पाकिस्तानी सेना ने हेलीकॉप्टर और स्पेशल फोर्सेज कमांडो को भी तैनात किया है। बीएलए ने चेतावनी दी है कि अगर शेष बंधकों को छुड़ाने का प्रयास किया गया तो "गंभीर परिणाम" होंगे। रिहा किए गए एक दर्जन से अधिक यात्रियों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ आतंकवादी ट्रेन से उतर गए और अपने साथ अज्ञात संख्या में यात्रियों को लेकर आसपास के पहाड़ी इलाके में चले गए हैं।

यात्रियों में फैला था मौत का डर

बीबीसी की रिपोर्ट में ट्रेन में सवार एक अन्य यात्री मुहम्मद अशरफ के हवाले से बताया गया कि वो अपने परिवार से मिलने के लिए क्वेटा से लाहौर जा रहे थे। वो उन यात्रियों में शामिल थे, जो मंगलवार रात ट्रेन से उतरने में कामयाब रहे। उन्होंने बताया, "यात्रियों में बहुत डर था। यह प्रलय का दृश्य था।" इसके बाद यात्रियों के इस समूह ने अगले रेलवे स्टेशन तक लगभग चार घंटे पैदल यात्रा की। कई लोगों ने कमजोर यात्रियों को अपने कंधों पर उठा लिया। उन्होंने कहा, "हम बहुत मुश्किल से स्टेशन पहुंचे, क्योंकि हम थके हुए थे और हमारे साथ बच्चे और महिलाएं भी थीं।"

बच्चों को बचाने की कोशिश कर रहे थे मां-बाप

एक अन्य यात्री नूर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ यात्रा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ट्रेन में शुरुआती विस्फोट "इतना तीव्र" था कि उनका एक बच्चा सीट से गिर गया। उन्होंने और उनकी पत्नी ने गोलीबारी के बीच एक-एक बच्चे को बचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "अगर कोई गोली हमारी तरफ आती है, तो वह बच्चों को नहीं, बल्कि हमें लगेगी।" मुश्ताक मुहम्मद नाम के यात्री ट्रेन की तीसरी बोगी में थे। उन्होंने "अविस्मरणीय" हमले और यात्रियों में दहशत को याद किया। उन्होंने कहा, "हमलावर बलूची में एक-दूसरे से बात कर रहे थे और उनके नेता ने उन्हें बार-बार 'नजर रखने' के लिए कहा, खास तौर पर सुरक्षाकर्मियों पर ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमलावर उन्हें खो न दें।"

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,