दिल्ली शराब घोटाला: केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ पीएमएलए एक्ट के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी

दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय आम आदमी पार्टी (आप) को एक और राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ पीएमएलए एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह मामला दिल्ली सरकार […]

Jan 15, 2025 - 13:03
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दिल्ली शराब घोटाला: केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ पीएमएलए एक्ट के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी
Delhi liquor scam

दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय आम आदमी पार्टी (आप) को एक और राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ पीएमएलए एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह मामला दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई शराब नीति से संबंधित एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोप है कि केजरीवाल और सिसोदिया ने ‘साउथ ग्रुप’ नामक कार्टेल से रिश्वत ली थी।

सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर पीएमएलए एक्ट के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दी है। यह कदम कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उठाया गया है। आरोप है कि इन नेताओं ने दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर ‘साउथ ग्रुप’ नामक कार्टेल को फायदा पहुँचाया, जिससे इनकार्टेल को 2021-22 के दौरान शराब की बिक्री और वितरण में विशेष लाभ हुआ।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश-

दिल्ली हाई कोर्ट में यह मामला पहले ही लंबित था, जब दिल्ली की स्पेशल पीएमएलए अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय करने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने यह स्पष्ट किया था कि पीएमएलए के तहत किसी भी आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए ईडी को विशेष मंजूरी प्राप्त करनी होगी। इस आदेश का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि सीबीआई से मिली मंजूरी ईडी को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का अधिकार नहीं देती, और इसके लिए उन्हें अलग से मंजूरी लेनी होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2024 में अपने आदेश में कहा था कि ईडी को पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकारी से विशेष मंजूरी लेनी होगी। इस फैसले के बाद, ईडी ने विभिन्न मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में विशेष मंजूरी की मांग की है, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामले शामिल हैं।

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