तिहाड़ जेल अधिकारी का रिटायरमेंट वाले दिन ही सस्पेंशन, महाठग सुकेश चंद्रशेखर को घड़ी देना पड़ा भारी!

दिल्ली की मंडोली जेल के RMO डॉ. आर. राठी को रिटायरमेंट के दिन सस्पेंड कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने घोटालेबाज सुकेश चंद्रशेखर को सीनियर अधिकारियों से बिना पूछे घड़ी पहनने की अनुमति दी थी। सुकेश चंद्रशेखर पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, और जेल प्रशासन ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है।

Mar 22, 2025 - 17:18
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तिहाड़ जेल अधिकारी का रिटायरमेंट वाले दिन ही सस्पेंशन, महाठग सुकेश चंद्रशेखर को घड़ी देना पड़ा भारी!
नई दिल्ली: दिल्ली के तिहाड़ जेल की शाखा मंडोली जेल के अधिकारी के खिलाफ रिटायरमेंट के दिन ही कार्रवाई हुई है। मंडोली स्थित सेंट्रल जेल अस्पताल के RMO डॉ. आर. राठी को सस्पेंड कर दिया गया है। ये ऐक्शन उनकी सर्विस के आखिरी दिन हुआ। राठी पर आरोप है कि उन्होंने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर को सीनियर अधिकारियों से बिना पूछे एक घड़ी पहनने की अनुमति दे दी। ये मामला इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में सामने आया। इसके बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और अधिकारियों ने जांच के आदेश दे दिए।

रिटायरमेंट के दिन ही हुए सस्पेंड

एक सीनियर जेल अधिकारी ने बताया कि डॉ. राठी 28 फरवरी को रिटायर होने वाले थे। उसी दिन उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। अधिकारी ने कहा, "उनके सस्पेंशन के बाद, यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है कि उन्होंने ऐसी पर्ची क्यों लिखी। वे पिछले ढाई साल से जेल में RMO के तौर पर काम कर रहे थे।"

2017 से जेल में बंद है सुकेश चंद्रशेखर

सुकेश चंद्रशेखर 2017 से कई आपराधिक मामलों में जेल में बंद है। फिलहाल वह पूर्व रैनबैक्सी मालिक शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति से 200 करोड़ रुपये की उगाही के आरोप में जेल में है। अधिकारी ने बताया कि चंद्रशेखर को 4 नवंबर 2023 को मंडोली जेल में ट्रांसफर किया गया था। आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का प्रतिनिधि बनकर अदिति को फोन किया और कहा कि वह उसके पति को जेल से बाहर निकालने में मदद कर रहा है।

चंद्रशेखर को 11 बार मिल चुकी है सजा

जेल अधिकारी ने यह भी कहा कि जेल में चंद्रशेखर का व्यवहार ठीक नहीं है। उसे 11 बार सजा भी मिल चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की एक अदालत ने जरूरी सुरक्षा जांच के बाद चंद्रशेखर को कलाई घड़ी देने की अनुमति दी थी। राउज एवेन्यू कोर्ट के 10 जनवरी के आदेश में कहा गया था कि नियमों के अनुसार, धातु, सिक्के, गहने, आभूषण, चश्मे, करेंसी नोट आदि जैसी चीजों की अनुमति नहीं है। इसलिए, जेल के कैदियों को कलाई घड़ी पहनने की अनुमति नहीं है।

कोर्ट ने जेल अधिकारियों से मांगा जवाब

अदालत ने कैदी के घड़ी के अनुरोध पर जेल अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या जेल अधीक्षक ने घड़ी पहनने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने कहा, "जेल अधिकारियों से जो जवाब मिला है, उसमें इस सवाल का जवाब नहीं दिया गया है। यह भी चिंता की बात है कि आवेदक/आरोपी ने RMO का लिखित आदेश पेश किया है, जिसमें उन्होंने उसे एक साधारण कलाई घड़ी पहनने की अनुमति देने की सिफारिश की है। आवेदक ने अन्य कैदियों के नाम भी बताए हैं, जिनके नाम अभी आदेश में दर्ज करने की जरूरत नहीं है, जिन्हें घड़ी पहनने की अनुमति दी गई है और वे वास्तव में अपनी जेल में कलाई घड़ी पहन रहे हैं।"स्पेशल जज गोगने ने आगे आदेश दिया कि RMO की पर्ची की एक स्कैन कॉपी डिप्टी सुपरिटेंडेंट को दी जाए, जो इसकी जांच करेंगे। आदेश में कहा गया, "तब तक, आवेदक को जरूरी सुरक्षा जांच के बाद एक साधारण कलाई घड़ी पहनने की अनुमति है। इस स्तर पर आवेदक का कहना है कि उसकी पहले इस्तेमाल की गई घड़ी पहले से ही जेल अधीक्षक के कार्यालय में जमा है और उसे उसे वापस कर दी जाएगी।" इसका मतलब है कि जब तक डिप्टी सुपरिटेंडेंट पर्ची की जांच नहीं कर लेते, तब तक चंद्रशेखर घड़ी पहन सकता है।

सरकार ने हाई कोर्ट में दी चुनौती

इस आदेश को राज्य सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जेल के सुपरिटेंडेंट के माध्यम से एक याचिका दायर की गई है। सरकार का कहना है कि चंद्रशेखर को घड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।इस पूरे मामले में कई सवाल उठ रहे हैं। क्या RMO को बिना वरिष्ठ अधिकारियों से पूछे इस तरह की पर्ची जारी करने का अधिकार था? क्या चंद्रशेखर को जेल में विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं? क्या जेल प्रशासन में कोई मिलीभगत है? इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिल पाएंगे। लेकिन इस घटना ने जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या निकलता है और इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है। फिलहाल, डॉ. राठी सस्पेंड हैं और चंद्रशेखर जेल में बंद हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,