ताजमहल को शिव मंदिर बताते हुए अखिल भारत हिन्दू महासभा के पदाधिकारी ने की पूजा

ताजमहल को शिव मंदिर बताते हुए अखिल भारत हिन्दू महासभा के पदाधिकारी ने की पूजा

Mar 9, 2024 - 10:15
Mar 18, 2024 - 10:11
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'शिवजी ने दर्शन देकर जलाभिषेक के लिए कहा महासभा के प्रवक्ता संजय जाट एवं युवा प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश भदौरिया ने कहा, पवन बाबा को रात में शिवजी दिखाई दिए। उन्होंने जलाभिषेक करने के लिए कहा। इसके बाद वे यहां आए थे। शुक्रवार की साप्ताहिक बंदी के चलते ताजमहल आम पर्यटक के लिए बंद था। इसके चलते मेहताब बाग से पूजा अर्चना की।

  • ताजमहल को शिव मंदिर बताते हुए अखिल भारत हिन्दू महासभा के पदाधिकारी ने की पूजा
  •  मथुरा के रहने वाले पवन वावा महासभा के हैं मंडल उपाध्यक्ष हिरासत में लेने के बाद छोड़ा

महाशिवरात्रि पर ताजमहल को लेकर फिर विवाद खड़ा हो गया।  अखिल भारत हिन्दू महासभा के पवन बाबा ने उसे शिव मंदिर तेजोमहल बताते हुए शुक्रवार को यमुना के दूसरे किनारे ताजमहल के सामने मेहताब बाग पहुंचकर आरती उतारी। इसके बाद डमरू बजाकर नृत्य किया। मेहताब बाग की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। बाहर निकलते समय महासभा के मंडल अध्यक्ष पवन बाबा को कर्मचारियों ने रोककर पुलिस को सौंप दिया। शाम को पुलिस ने नोटिस देकर उन्हें


छोड़ दिया। अखिल भारत हिन्दू महासभा के पदाधिकारी सुबह सवा आठ बजे मेहताब बाग पहुंच गए। शुक्रवार को नमाज के कारण ताजमहल बंद था। महिला दिवस होने से मेहताब बाग में प्रवेश निश्शुल्क था। महासभा के मंडल उपाध्यक्ष वृंदावन के रहने वाले पवन बाबा के बैग को कर्मचारियों ने अंदर नहीं जाने दिया। पवन बैग अपने साथियों को सौंपकर अंदर चले गए। उनके अंदर पहुंचने पर साथियों ने दूसरी तरफ से बैग अंदर फेंक दिया। वे बैग में कपूर गंगाजल, त्रिशूल, डमरू रखकर ले गए थे। मेहताब बाग में ताजमहल की तरफ पहुंचकर पवन बाबा ने अपना कुर्ता उतारा।

यमुना किनारा स्थित दक्षिणी दीवार पर खड़े होकर जलाभिषेक किय। त्रिशूल हाथ में लेकर आरती उतारी। डमरू लेकर नृत्य किया। शिव तांडव और शिव चालीसा का पाठ किया। उनके साथियों ने वीडियो बनाकर इसे इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया। वे कपड़े पहनकर मेहताब बाग से बाहर निकले तो कर्मचारियों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। इंस्पेक्टर एत्माद्दौला दुर्गेश श मिश्रा ने बताया, पवन बाबा ने लिखित में पुलिस को बताया है कि वह सूर्य की पूजा कर रहे थे। इसके बाद उन्हें चेतावनी नोटिस देकर स्वजन को सौंप दिया। अधीक्षण पुरातत्वविद डा. राजकुमार पटेल ने बताया, घटना की जांच कराई जा रही है

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