टंकी पर चढ़े 20 लोग बोले-ऊपर भूखे मर जाएंगे, लेकिन नीचे नहीं आएंगे, मामला बैंक में 9-करोड़ का गबन का है

श्रीगंगानगर में मिनी बैंक में 9 करोड़ के गबन के खिलाफ 20 खाताधारक पानी की टंकी पर चढ़ गए हैं। चार महिलाएं भी शामिल हैं। इनकी मांग है कि सभी खाताधारकों को उनका पैसा वापस मिले और आरोपियों की गिरफ्तारी हो। खाताधारकों का धरना 95 दिन से जारी है। पुलिस-प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

Mar 17, 2025 - 21:43
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टंकी पर चढ़े 20 लोग बोले-ऊपर भूखे मर जाएंगे, लेकिन नीचे नहीं आएंगे, मामला बैंक में 9-करोड़ का गबन का है
श्रीगंगानगर: जिले के जैतसर में एक मिनी बैंक में 9 करोड़ रुपये के गबन के विरोध में 20 खाताधारक पानी की टंकी पर चढ़ गए। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। यह मामला 3 जीबी ग्राम सेवा सहकारी समिति मिनी बैंक का है। दरअसल, खाताधारक चाहते हैं कि उनके पैसे वापस मिलें और गबन करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। वे टंकी से नीचे उतरने को तैयार नहीं हैं, भले ही उन्हें भूखे ही क्यों न मरना पड़े। बता दें कि अक्टूबर 2024 में जांच के दौरान बैंक में हुए गबन का खुलासा हुआ। बताया जा रहा है कि गड़बड़ी 2014 से चल रही थी। आरोप है कि बैंक में यह गबन 2014 से चल रहा था। जिसके बाद से लगातार खाताधारक अपने पैसो की मांग कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार बैंक के 444 खाताधारकों से जानकारी प्राप्त की गई, जिसने पैसों के साथ हेरफेर किया गया। कुल 8.97 करोड़ रुपये के गबन का पता चला है। इसके विरोध में 20 खाताधारक पानी की टंकी पर चढ़ गए हैं। इन खाताधारकों में चार महिलाएं भी शामिल हैं. यह घटनाक्रम श्रीकृष्ण गोशाला के पास श्मशान घाट में बनी पानी की टंकी पर चल है। खाताधारकों की मांग है कि सभी के पैसे वापस मिलने चाहिए और आरोपियों को गिरफ्तार करके उनकी संपत्ति जब्त की जानी है। खाताधारकों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनके पैसे वापस नहीं मिल जाते, वे टंकी से नीचे नहीं उतरेंगे। उनका कहना है कि 'ऊपर भूखे मर जाएंगे, लेकिन नीचे नहीं आएंगे'। इस आंदोलन का बैंक के पूर्व अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह रंधावा समर्थन कर रहे हैं। इधर एक खाताधारक सौरभ मोंगा ने बताया कि बैंक के बाहर उनका धरना 95 दिनों से चल रहा है, लेकिन अभी तक उनकी मांगें नहीं मानी गई हैं। लिहाजा , मजबूर होकर उन्हें पूर्व बैंक अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह रंधावा के नेतृत्व में पानी की टंकी पर चढ़ना पड़ा।

गबन को लेकर सामने आई थी यह रिपोर्ट

जांच अधिकारियों के अनुसार, बैंक में गबन का मुख्य कारण मियादी जमाओं के खिलाफ गलत तरीके से लोन बांटना था। समिति के कर्मचारियों ने जानबूझकर खाताधारकों की जमा पूंजी को गलत तरीके से लोन के रूप में बांट दिया। कई मामलों में मियादी जमा रसीदें मिनी बैंक के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं की गईं। कई खाताधारकों के नाम पर लोन बांटे गए, जिनके पास मियादी जमा की कोई रसीद ही नहीं थी।

आरोपियों के खिलाफ हुई यह कार्रवाई

जांच के बाद समिति के पूर्व व्यवस्थापक सुमेर सिंह, वर्तमान व्यवस्थापक बिशन पाल सिंह और पूर्व सहायक व्यवस्थापक ओमप्रकाश चुघ को गबन और अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। इन अधिकारियों ने अपने पदों का गलत इस्तेमाल किया और बैंक की गबन साजिश में साथ दिया। इनमें सुमेर सिंह की मौत हो चुकी है, ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बिशन पाल को अभी तक नहीं पकड़ा गया है। लेकिन इस साजिश का शिकार हुए लोग अभी भी अपने पैसों का इंतजार कर रहे हैं।

जानिए क्या है लोगों की पीड़ा

पीड़ित लोगों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भूमि विकास बैंक के पूर्व अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह रंधावाने बताया कि किसी ने बच्चे की शादी, किसी ने बिजनेस शुरू करने तो किसी ने मकान बनाने के लिए बैंक में पैसे जमा किए थे। गांव की एक महिला है, उसके पति की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। उसे पांच लाख का मुआवजा मिला था। उसने भविष्य में बेटियों की शादी के लिए बैंक में पैसे जमा कराए थे। आज उसके पास शादी के लिए एक पैसा भी नहीं है। सभी लोग परेशान हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,