ज्ञानवापी ढांचे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की याचिका पर मुस्लिम पक्ष और ASI को भेजा नोटिस, मांगा जबाव

वाराणसी में ज्ञानवापी ढांचे के अंदर शिवलिंग के सर्वे से जुड़ी हिन्दू पक्ष की याचिका पर बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पक्ष और एएसआई को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। जबकि, मुस्लिम पक्ष इसका विरोध कर रहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी 15 मामलों को […]

Nov 22, 2024 - 13:07
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ज्ञानवापी ढांचे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की याचिका पर मुस्लिम पक्ष और ASI को भेजा नोटिस, मांगा जबाव
Gyanvapi matter court

वाराणसी में ज्ञानवापी ढांचे के अंदर शिवलिंग के सर्वे से जुड़ी हिन्दू पक्ष की याचिका पर बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पक्ष और एएसआई को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। जबकि, मुस्लिम पक्ष इसका विरोध कर रहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी 15 मामलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने को लेकर भी सुनवाई की।

ज्ञानवापी मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और उज्जवल भुइयां की पीठ ने की। इस दौरान कोर्ट में हिन्दू पक्ष की तरफ से शीर्ष अदालत को बताया गया कि जब एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी का सर्वे किया था तो उस दौरान वीडियोग्राफी में शिवलिंग मिला था। इसलिए हिन्दू पक्ष ने जिस शिवलिंग को मुस्लिम वजूखाना बता रहे हैं, उसका सर्वे कराने की मांग अदालत से की है। इस पर कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर मुस्लिम पक्ष और एएसआई से जबाव मांगा है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी के अंदर सीलबंद क्षेत्र के एएसआई सर्वेक्षण औऱ सभी मुकदमों की स्थिरता समेत मुद्दों, जिन्हें मुस्लिम पक्ष कहता है कि वो 1991 के पूजा स्थल अधिनियम के तहत संरक्षित हैं, पर सर्वोच्च अदालत साप्ताहिक या पाक्षिक आधार पर सुनवाई करने के लिए तैयार है। इन सभी मामलों के लिए शीर्ष अदालत ने 17 दिसंबर की तारीख तय की है।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर 2022 में एएसआई ने ज्ञानवापी का सर्वे किया था, उस दौरान वहां से शिवलिंग मिला था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मई में इस क्षेत्र को ही सील कर दिया था। बहरहाल कोर्ट ने कहा है कि वह ज्ञानवापी से जुड़े सभी मामलों को लिस्टेड करेगा और आगे सुनवाई करेगा। उल्लेखनीय है कि पुरातत्व विभाग के सर्वे से ऐसे तथ्य मिल चुके हैं, जिनसे ये स्पष्ट होता है कि ज्ञानवापी असल में सनातन धर्म का प्रतीक था, जिसे तोड़कर औरंगजेब ने मस्जिद में बदल दिया था।

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