जिनपिंग का नेवी प्लान 2026 क्या है? जो समंदर में महाशक्तियों के बीच भड़का रहा एटमी जंग की चिंगारी

चीन का नेवी प्लान 2026 कोई साधारण प्लान नहीं है, बल्कि एक स्ट्रैटिजिक वॉर्निंग है. अगर चीन इसी रफ्तार से अपनी नौसेना का विस्तार करता रहा, तो आने वाले सालों में अमेरिका और चीन के बीच सीधा टकराव संभव है. इस टकराव की चिंगारी साउथ चाइना सी में भड़क सकती है, लेकिन इसके परिणाम पूरी दुनिया को भुगतने पड़ सकते हैं. आइए ऐसे में जानते हैं कि कुछ सालों में दुनिया महायुद्ध की ओर बढ़ने वाली है.

Mar 19, 2025 - 20:27
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जिनपिंग का नेवी प्लान 2026 क्या है? जो समंदर में महाशक्तियों के बीच भड़का रहा एटमी जंग की चिंगारी
जिनपिंग का नेवी प्लान 2026 क्या है? जो समंदर में महाशक्तियों के बीच भड़का रहा एटमी जंग की चिंगारी

चीन का नेवी प्लान 2026 कोई साधारण प्लान नहीं है, बल्कि एक स्ट्रैटिजिक वॉर्निंग है. अगर चीन इसी रफ्तार से अपनी नौसेना का विस्तार करता रहा, तो आने वाले सालों में अमेरिका और चीन के बीच सीधा टकराव संभव है. इस टकराव की चिंगारी साउथ चाइना सी में भड़क सकती है, लेकिन इसके परिणाम पूरी दुनिया को भुगतने पड़ सकते हैं. आइए ऐसे में जानते हैं कि कुछ सालों में दुनिया महायुद्ध की ओर बढ़ने वाली है?

दुनिया में महायुद्ध का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. मिडिल ईस्ट और यूरोप के बाद अब एशिया में भी युद्ध का नया फ्रंट खुल सकता है. साउथ चाइना सी और येलो सी में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. इसके पीछे चीन की बढ़ती समुद्री ताकत और शी जिनपिंग की नई सैन्य रणनीति है. हाल ही में लीक हुए नेवी प्लान 2026 ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की चिंताओं को बढ़ा दिया है. यह योजना चीन की समुद्री ताकत को बढ़ाने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने की कोशिशों को दर्शाती है.

समंदर में चीन की नई चाल

शी जिनपिंग की सरकार लंबे समय से अपने समुद्री पड़ोसियों पर दबाव बना रही है. साउथ चाइना सी, ताइवान स्ट्रेट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागीरी किसी से छिपी नहीं है. लेकिन नेवी प्लान 2026 के लीक होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बीजिंग सिर्फ रणनीतिक दबाव नहीं बना रहा, बल्कि बड़े युद्ध की तैयारी कर रहा है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन एंटी-शिप, एंटी-एयर और एंटी-सबमरीन हथियारों का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहा है. इसके अलावा, चीन अपने परमाणु पनडुब्बी बेड़े को भी बढ़ा रहा है, जिससे अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है.

पेंटागन की बढ़ी टेंशन

चीन के इस नए नेवी प्लान से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों में हड़कंप मच गया है. ताइवान, जापान, फिलीपींस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश हाई अलर्ट पर आ गए हैं. खासकर, ताइवान स्ट्रेट में चीन की टाइप 094 पनडुब्बी की तैनाती को लेकर गहरी चिंता जताई जा रही है. यह पनडुब्बी अत्याधुनिक तकनीक से लैस है और रडार से बच निकलने में सक्षम मानी जाती है.

अमेरिका और QUAD (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, क्योंकि यह योजना हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है.

चीन छेड़ सकता है बड़ा युद्ध?

विश्लेषकों का मानना है कि शी जिनपिंग 2026 तक चीन की नौसेना को इतना ताकतवर बना लेना चाहते हैं कि वह ताइवान और अन्य छोटे देशों पर कब्जा कर सके. इसके लिए चीन अपने समुद्री बेड़े को तेजी से बढ़ा रहा है. 2024 में चीन ने जितने जहाजों का निर्माण किया, वह टन भार के हिसाब से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका द्वारा बनाए गए जहाजों से भी अधिक है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के पास वर्तमान में 35 सक्रिय शिपयार्ड हैं, जबकि अमेरिका के पास केवल 4 प्रमुख शिपयार्ड हैं. इससे साफ है कि चीन अब समंदर में नई महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है.

परमाणु हमले की क्षमता से लैस चीन

चीन सिर्फ पारंपरिक नौसैनिक युद्ध की तैयारी नहीं कर रहा, बल्कि परमाणु पनडुब्बियों और JL-2 और JL-3 मिसाइलों के जरिए अमेरिका तक परमाणु हमला करने की क्षमता विकसित कर रहा है. चीन के पास वर्तमान में 6 परमाणु पनडुब्बियों का बेड़ा है, जो साउथ चाइना सी में लगातार गश्त कर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि JL-3 मिसाइलें अमेरिका की मुख्य भूमि तक हमला करने में सक्षम हैं. यह स्थिति न सिर्फ अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक संकेत है.

साउथ चाइना सी में बढ़ा तनाव

साउथ चाइना सी में चीन की बढ़ती आक्रामकता ने क्षेत्रीय देशों को सतर्क कर दिया है. फिलीपींस, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने अपनी नौसेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा है. अमेरिकी नौसेना भी इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है. हाल ही में अमेरिका और फिलीपींस ने संयुक्त सैन्य अभ्यास किया, जिससे चीन भड़क गया. चीन ने इसे अपनी संप्रभुता के खिलाफ बताया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी.

तीसरे विश्व युद्ध की तरफ जा रहा है चीन?

चीन की मौजूदा नीति दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल सकती है. हाल ही में, अमेरिका ने चीन को कड़ी चेतावनी दी है कि यदि उसने ताइवान या किसी अन्य देश पर हमला किया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. दूसरी ओर, चीन लगातार अपने सैन्य और परमाणु कार्यक्रमों को विस्तार दे रहा है. शी जिनपिंग की इस नीति ने वैश्विक स्तर पर अस्थिरता पैदा कर दी है.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,