जबरन धर्मांतरण एक्‍ट लगाने पर SC ने लगाई यूपी पुलिस को फटकार, पूछा- आप पक्षपात कैसे कर सकते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाई जब उन्होंने एक कथित दुष्कर्म मामले में मनमाने ढंग से कार्रवाई की और अवैध धर्मांतरण कानून लगाया। अदालत ने कहा कि राज्य पुलिस पक्षपात कर रही है और तथ्यों को नजरअंदाज कर रही है, कोर्ट ने आरोपी को जमानत दी।

Mar 21, 2025 - 08:03
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जबरन धर्मांतरण एक्‍ट लगाने पर SC ने लगाई यूपी पुलिस को फटकार, पूछा- आप पक्षपात कैसे कर सकते हैं
नई दिल्‍ली/लखनऊ: ने उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाई जब उसने एक कथित दुष्कर्म के मामले में मनमाने ढंग से कार्रवाई की और उत्तर प्रदेश अवैध धर्मांतरण निषेध अधिनियम, 2021 के तहत आरोप लगाए। अदालत ने कहा कि वह इस मामले में बोलना नहीं चाहते लेकिन राज्य पुलिस पक्षपात कैसे कर सकती है? यह कैसे हो सकता है? तथ्य अपने आप सब कुछ कह रहे हैं और फिर भी आप जबरन धर्मांतरण कानून लागू कर रहे हैं। जबकि इसकी कोई जरूरत ही नहीं है!चीफ जस्टिस के सामने याचिका दायर कर कहा गया था कि मामले में याची पर दुष्कर्म और अवैध धर्मांतरण के आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में दलील दी कि उनका मुवक्किल पिछले 8 महीनों से जेल में बंद है। वह बिना किसी गलती के एक महिला की मदद के कारण जेल में हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा और यह तर्क दिया कि मामला गैंगरेप के आरोपों से भी जुड़ा हुआ है।अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी किया था। याची के वकील ने कहा था कि यह एक सहमति से बने संबंध का मामला है। दोनों पक्ष लंबे समय से एक-दूसरे को जानते थे और शिकायतकर्ता/पीड़िता की पहले के रिश्ते या विवाह से एक संतान भी है, लेकिन याचिकाकर्ता को झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। जब राज्य सरकार के वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए अधिक समय मांगा, तो चीफ जस्टिस ने इस पर कहा कि वास्तव में मैं भी हैरान हूं।

कोर्ट ने कहा- राज्य मामले में निष्पक्ष नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जमानत याचिका स्वीकार की जाती है। मामले को 5 मई 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में लिस्ट किया जाए। इस बीच, राज्य को 2 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने की स्वतंत्रता दी जाती है, और अगर जरूरी हो तो 2 सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा सकता है। आदेश के दौरान मौखिक टिप्पणी में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा धर्मांतरण कानून के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि इसमें कुछ भी नहीं है। आप इस मामले में निष्पक्ष नहीं हैं, राज्य निष्पक्ष नहीं है। तथ्य खुद बोल रहे हैं और जबरन धर्मांतरण कानून लागू कर रहे हैं? यह बिल्कुल भी उचित नहीं है!

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,