चीन के खिलाफ जंग की कौन सी बड़ी तैयारी कर रहा था अमेरिका? बातों-बातों में ही हो गया सीक्रेट खुलासा

पेंटागन ने मस्क को उन डॉक्यूमेंट्स को न देखने देने के लिए कहा, जो चीन वार से जुड़ा है. सवाल उठ रहा है कि आखिर चीन से कौन सा वार अमेरिका लड़ना चाहता है. वर्तमान में अमेरिका के शह पर ताइवान चीन के खिलाफ मुखर है. अब सीक्रेट डॉक्यूमेंट के आने से यह चर्चा और तेज है.

Mar 22, 2025 - 12:42
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चीन के खिलाफ जंग की कौन सी बड़ी तैयारी कर रहा था अमेरिका? बातों-बातों में ही हो गया सीक्रेट खुलासा
चीन के खिलाफ जंग की कौन सी बड़ी तैयारी कर रहा था अमेरिका? बातों-बातों में ही हो गया सीक्रेट खुलासा

अमेरिका और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. खासकर ताइवान और दक्षिण चीन सागर को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार टकराव की नौबत आ चुकी है. अब एक नया खुलासा हुआ है, जिससे यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका गुपचुप तरीके से चीन के खिलाफ एक बड़े सैन्य अभियान की योजना बना रहा था.

एलन मस्क से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेंटागन ने मस्क को कुछ गोपनीय दस्तावेज देखने से रोक दिया था, जिनका संबंध चीन के खिलाफ संभावित युद्ध से था. इस खबर के सामने आते ही अमेरिकी रणनीति को लेकर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

क्या चीन से युद्ध की तैयारी में था अमेरिका?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन चीन को लेकर काफी ज्यादा संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक होने से रोकने की कोशिश कर रहा था. सवाल उठ रहा है कि अमेरिका आखिरकार किस तरह की योजना बना रहा था? अमेरिका पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि अगर चीन ताइवान या दक्षिण चीन सागर में किसी अमेरिकी सहयोगी पर हमला करता है, तो वह सैन्य जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा.

हाल ही में एक सर्वे में भी यह बात सामने आई कि अगर चीन ने अमेरिकी जहाजों या सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, तो बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिक भी युद्ध के समर्थन में आ जाएंगे.

ताइवान-दक्षिण चीन सागर में बढ़ता तनाव

ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. अमेरिका ताइवान को समर्थन देने की बात करता रहा है, जबकि चीन इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है. हाल ही में अमेरिका ने ताइवान को आधुनिक हथियारों की आपूर्ति बढ़ा दी थी, जिससे चीन भड़क गया था. इसके अलावा, दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी को लेकर भी अमेरिका सतर्क हो गया है. इस इलाके में अमेरिकी जहाजों की आवाजाही लगातार जारी है और चीन इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है.

अमेरिकी जनता का रुख भी बदला

एक हालिया सर्वे के अनुसार, अमेरिकी नागरिकों की सोच भी बदल रही है. पहले जहां अमेरिका की जनता विदेशी युद्धों से बचने के पक्ष में थी, अब वे चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की वकालत कर रहे हैं. खासतौर पर अगर चीन अमेरिकी जहाजों या सैनिकों को निशाना बनाता है, तो अमेरिकी जनता सैन्य कार्रवाई का समर्थन कर सकती है. यह बदलाव अमेरिका की विदेश नीति पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि प्रशासन आमतौर पर जनता की राय को ध्यान में रखता है.

युद्ध के लिए तैयारी में अमेरिका?

डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका की विदेश नीति कई बार आक्रामक रही है. ट्रंप प्रशासन ने पहले भी चीन के खिलाफ कई आर्थिक और सैन्य कदम उठाए हैं. हालांकि, ट्रंप ने खुद को युद्ध से दूर रहने वाला नेता बताया है, लेकिन उनके कार्यकाल में चीन और अन्य देशों के साथ तनाव कई बार चरम पर पहुंचा है. अब अगर चीन और अमेरिका के बीच संघर्ष बढ़ता है, तो यह साफ संकेत हो सकते हैं कि वॉशिंगटन किसी न किसी स्तर पर सैन्य तैयारी कर रहा था.

क्या युद्ध की संभावना बढ़ रही है?

अमेरिका और चीन के बीच लगातार बढ़ते टकराव को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या भविष्य में दोनों देशों के बीच युद्ध संभव है? अमेरिकी सेना की गतिविधियां, पेंटागन के गुप्त दस्तावेज और जनता की बदलती राय से यह साफ होता है कि अमेरिका किसी बड़े टकराव के लिए रणनीतिक रूप से तैयार हो रहा है. हालांकि, युद्ध से बचने की कोशिशें भी जारी हैं, लेकिन अगर दक्षिण चीन सागर या ताइवान को लेकर स्थिति और बिगड़ती है, तो अमेरिका-चीन के बीच सैन्य संघर्ष से इनकार नहीं किया जा सकता.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,