काशी में महाश्मशान नए स्वरूप में
रूपा फाउंडेशन सीएसआर फंड से खर्च कर रहा कुल 18 करोड़ रुपये, घाट पर शुरू हुआ काम
![काशी में महाश्मशान नए स्वरूप में](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2023/07/Manikarnika-Ghat-1.jpg?im=Resize,width=450,aspect=fit,type=normal)
नए स्वरूप में अगले साल मिलेगा 'महाश्मशान
रूपा फाउंडेशन सीएसआर फंड से खर्च कर रहा कुल 18 करोड़ रुपये, घाट पर शुरू हुआ काम
वाराणसीः पांच प्रमुख और प्राचीनतम तीर्थों एवं घाटों में शामिल महाश्मशान मणिकर्णिका अब नए स्वरूप में दिखेगा। चुनार के बलुआ व जयपुर के गुलाबी पत्थरों से संवरने वाले इस घाट का निर्माण शुरू हो चुका है। मणिकर्णिका द्वार बंद कर घाट का दो भागों में बांट कार्य प्रारंभ है।
एक घाट के निर्माण के बाद दूसरे पर कार्य होगा। घाट के पुनर्विकास पर कुल 18 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसमें सरकार एक पैसा खर्च नहीं करेगी। समस्त राशि रूपा फाउंडेशन, कोलकाता के सीएसआर फंड के लगेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सात जुलाई, 2023 को महाश्मशान मणिकर्णिका का शिलान्यास किया था।
अब खुले में जलते नहीं दिखेंगे शव, बनेंगे 32 क्रेमाटोरियम चिता की आग कभी न बुझने वाले इस महाश्माशान की सबसे बड़ी खासियत अब यह होगी कि गंग किनारे जलते शव नहीं दिखेंगे। एक बड़े से हाल में पत्थरों से बने 32 शवदाह गृह (क्रेमाटोरियम) पर चिता को रखकर आग लगाई जा सकेगी।
परिजन यहां पहुंच सकेंगे। ऊर्जा एजेंसी लगाएगी अत्याधुनिक चिमनी शवदाह गृह में ऊर्जा गैस इक्विपमेंट्स प्राइवेट लि. एजेंसी की ओर से अगल से लगभग तीस मीटर की ऊंचाई वाली चिमनी लगाई जाएगी। दावा किया जा रहा है कि इससे प्रदूषण कम होगा और आसपास के लोगों को राहत होगी। यह कार्य अलग से इस एजेंसी को सौंपा गया है। मणिकर्णिका कुंड, रत्नरेश्वर महादेव मंदिर भी संवरेगा महाश्माशन क्षेत्र स्थित पवित्र मणिकर्णिका कुंड व रत्नेश्वर महादेव मंदिर को भी सजाया संवारा जाएगा।
रत्नरेश्वर महादेव समेत तीन मंदिर भी ठीक कराए जाएंगे। शव स्नान के लिए अलग से पवित्र जल कुंड भी होगा। मणिकर्णिका कुंड का धार्मिक-सांस्कृतिक गतिविधियों एवं स्नानार्थियों की दृष्टि से विशिष्ट महत्व है। सूर्य चंद्र ग्रहण, प्रबोधिनी एवं निर्जला एकादशी, मकर व मेष संक्रांन्ति, गंगा दशहरा, तीज, कजरी, छठ भैयादूज आदि पर्वों पर यहां स्नान का विशेष महत्व है।
• मणिकर्णिका घाट के पास रत्नरेश्वर महादेव समेत तीन मंदिरों का भी होगा कायाकल्प
• 32 शवदाह गृह पर एक साथ जल सकेंगे शव, ऊर्जा एजेंसी बनाएगी अत्याधुनिक चिमनी
पर्यटकों के लिए अलग से होगा रास्ता
महाश्मशान देखने के लिए बड़े पैमाने पर पर्यटक आते हैं। इस घाट पर इन लोगों के लिए अलग से एक विजिटर
मार्ग भी बनाने की बात है।
ये भी होंगे निर्मित
भूतल पर पंजीकरण कक्ष, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतिक्षा
कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय, हरित क्षेत्र के अलावा आसपास के क्षेत्र को भी डेवलप किया जाएगा।
रूपा फाउंडेशन
रूपा फाउंडेशन 2007 में स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है जो मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल और शासन क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य को कराता है। इसका कार्यालय कोलकाता में है
महत्वपूर्ण
● भू-तल का कुल क्षेत्रफल 29.350 वर्ग फीट
• दाह संस्कार का क्षेत्रफल 12,250 वर्गफीट
• प्रथम तल कुल क्षेत्रफल 20, 200 वर्गफीट
• कार्यदायी संस्था बीआइपीएल
(ब्रिजटेक इंफ्राविजन प्राइवेट लि.) • निर्माण का आर्किटेक्ट एजेंसी इडिफिस
• निगरानी के लिए नगर निगम है नोडल
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