गुलमर्ग फैशन शो विवाद बता रहा कैसे काम कर रही 'आक्रोश की फैक्ट्री'

Gulmarg Fashion Show Controversy: गुलमर्ग में 8,500 फीट की ऊंचाई पर एक स्विमवीयर ब्रांड ने अपनी 15वीं वर्षगांठ के मौके पर फैशन शो का आयोजन किया। इस दौरान मॉडल्स ने बिकनी पहनी, जिससे स्थानीय लोगों और नेताओं में रोष फैल गया। इसे सांस्कृतिक अपमान और खासकर रमजान के महीने में अनुचित बताया गया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने विरोध जताया।

Mar 16, 2025 - 18:39
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गुलमर्ग फैशन शो विवाद बता रहा कैसे काम कर रही 'आक्रोश की फैक्ट्री'
नई दिल्ली: गुलमर्ग में एक स्विमवीयर ब्रांड के 15 साल पूरे होने पर एक फैशन शो हुआ। यह शो 8,500 फीट की ऊंचाई पर बर्फीले पहाड़ों के बीच आयोजित किया गया। इसमें मॉडल्स ने बिकनी और छोटे कपड़े पहने। इससे स्थानीय लोगों और नेताओं ने विरोध जताया। उन्होंने इसे कश्मीरी संस्कृति का अपमान और सांस्कृतिक हमला बताया। रमजान के पवित्र महीने में इस तरह के आयोजन पर भी सवाल उठाए गए। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रिपोर्ट मांगी और अपनी नाराजगी जाहिर की। हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने इसे अपमानजनक बताया। ब्रांड ने माफी मांगी। इस घटना ने फैशन, संस्कृति और पर्यटन के बीच टकराव पर बहस छेड़ दी है।गुलमर्ग की बर्फीली वादियों में एक स्विमवीयर कंपनी ने अपने 15 साल पूरे होने का जश्न मनाया। कंपनी ने 8,500 फीट की ऊंचाई पर एक फैशन शो आयोजित किया। इस शो में मॉडल्स बिकनी और अन्य छोटे कपड़ों में रैंप पर चलीं। इस फैशन शो ने बवाल मचा दिया। स्थानीय नेताओं और लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया। उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन से कश्मीरी संस्कृति का अपमान हुआ है। उन्होंने इसे 'सांस्कृति पर आक्रमण' करार दिया। हालांकि लोगों ने यह भी पूछा कि इतनी ठंड में मॉडल्स ने कैसे बिकनी पहनी।हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और श्रीनगर की जामिया मस्जिद के प्रमुख मौलवी मीरवाइज उमर फारूक ने इस आयोजन की निंदा की। उन्होंने इसे 'अपमानजनक' बताया। उन्होंने कहा, 'पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर ऐसी अश्लीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।' गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने कथित राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए फारूक के अलगाववादी संगठन अवामी एक्शन कमेटी पर प्रतिबंध लगा दिया है।

उमर अब्दुल्ला ने फैशन शो की पूरी रिपोर्ट मांगी

उधर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फैशन शो की पूरी रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा, 'लोगों का गुस्सा और हैरानी जायज है।' अब्दुल्ला ने अपनी सरकार को इस विवाद से अलग कर लिया। विधानसभा में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई। अब्दुल्ला ने कहा, 'ऐसा शो साल के किसी भी समय नहीं होना चाहिए था।' मामला बिगड़ता देख आयोजकों मे तुरंत माफी मांग ली।

'...तब किसी ने विरोध नहीं किया था'

यह पहली बार नहीं है जब फैशन की दुनिया में किसी घटना ने राजनीतिक विवाद खड़ा किया हो। लेकिन क्या इससे भी जरूरी मुद्दे नहीं हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है? गुलमर्ग में मॉडल्स ने बर्फ में रैंप वॉक किया। इसकी थीम ही स्की वियर था, यह ब्राइडल वियर नहीं था! जब यश चोपड़ा ने उन्हीं बर्फ की ढलानों पर अपनी फिल्मों के गाने फिल्माए थे, तब किसी ने विरोध नहीं किया था। उन फिल्मों में हीरोइनों ने भी हल्के कपड़े पहने थे। तब किसी ने अश्लीलता का आरोप नहीं लगाया। अब क्यों? पिछले 4 दशकों में कई फिल्मों में गुलमर्ग की खूबसूरती दिखाई गई है। फिल्म सितारों ने बर्फ में रोमांटिक सीन फिल्माए हैं। तो फिर इस फैशन शो पर इतना हंगामा क्यों?

'डिजाइनर्स ने कला दिखाने के लिए खूबसूरत जगह को चुना'

जिन लोगों ने गुलमर्ग में यह शो देखा, वे इस विवाद से हैरान हैं। डिजाइनर्स ने बस अपनी कला दिखाने के लिए इस खूबसूरत जगह को चुना था। शायद उनका समय ठीक नहीं था, और उन्हें स्थानीय लोगों की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए था। लेकिन इस तरह के आयोजनों के लिए बहुत प्लानिंग की जरूरत होती है। इस साल बर्फ देर से गिरी, जिससे टूर ऑपरेटर्स को दो महीने तक इंतजार करना पड़ा। इससे उनका बहुत नुकसान हुआ। हालांकि हाल के दिनों में स्थानीय लोगों के लिए हालात बेहतर हुए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अभी भी अच्छी नहीं है। गंदगी और बदबूदार नालियां पर्यटकों के लिए बड़ी समस्या हैं।

'तेनजिन की उपलब्धि पर ध्यान देना चाहिए'

खेलो इंडिया विंटर गेम्स (KIWG) 2025 भी गुलमर्ग में ही हुआ। इसमें 400 से ज्यादा एथलीट्स ने हिस्सा लिया। सेना ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि लद्दाख दूसरे स्थान पर रहा। 18 साल की तेनजिन डोलमा ने अपने पहले KIWG में स्की माउंटेनियरिंग में गोल्ड मेडल जीता। शायद हमें मॉडल्स के फैशन शो पर ध्यान देने के बजाय तेनजिन की उपलब्धि पर ध्यान देना चाहिए।

कई सवालों के जवाब ढूंढने होंगे

मीरवाइज उमर फारूक ने कहा, 'पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर ऐसी अश्लीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।' मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'लोगों का गुस्सा और हैरानी जायज है।' बाद में उन्होंने कहा, 'ऐसा शो साल के किसी भी समय नहीं होना चाहिए था।' यह घटना कई सवाल खड़े करती है। क्या फैशन और संस्कृति के बीच टकराव है? क्या पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर स्थानीय संस्कृति की अनदेखी की जा सकती है? क्या आयोजकों को पहले से स्थानीय लोगों की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए था? क्या मीडिया ने इस मुद्दे को जरूरत से ज्यादा तूल दिया? इन सवालों के जवाब ढूंढना जरूरी है।

पर्यटन और स्थानीय संस्कृति के बीच संतुलन बनाने की चुनौती

यह घटना कश्मीर में सांस्कृतिक संवेदनशीलता को दर्शाती है। यह दिखाती है कि कैसे एक छोटी सी घटना भी बड़ा विवाद बन सकती है। यह घटना पर्यटन और स्थानीय संस्कृति के बीच संतुलन बनाने की चुनौती को भी उजागर करती है। आयोजकों को स्थानीय रीति-रिवाजों और भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। साथ ही, मीडिया को भी संवेदनशील मुद्दों को सावधानी से उठाना चाहिए।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,