खालिस्तानी उत्पात, लंदन में कंगना की ‘इमरजेंसी’ के विरुद्ध लगाई घात, हॉल में पहुंचकर की नारेबाजी

खालिस्तानियों ने हल्ला मचाकर फिल्म का प्रदर्शन रुकवाने की कोशिश की। लेकिन फिल्म तुरंत नहीं रोकी गई। यह देखकर कुछ खालिस्तानी उग्र हो उठे, कई दर्शकों ने उनको बाहर जाने को कहा, लेकिन शरारती खालिस्तानियों की उनके साथ तीखी नोंकझोंक होने लगी। अनेक दर्शकों ने उनसे कहा कि उन्हें फिल्म देखने दी जाए। तभी तो […]

Jan 20, 2025 - 20:53
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खालिस्तानी उत्पात, लंदन में कंगना की ‘इमरजेंसी’ के विरुद्ध लगाई घात, हॉल में पहुंचकर की नारेबाजी

खालिस्तानियों ने हल्ला मचाकर फिल्म का प्रदर्शन रुकवाने की कोशिश की। लेकिन फिल्म तुरंत नहीं रोकी गई। यह देखकर कुछ खालिस्तानी उग्र हो उठे, कई दर्शकों ने उनको बाहर जाने को कहा, लेकिन शरारती खालिस्तानियों की उनके साथ तीखी नोंकझोंक होने लगी। अनेक दर्शकों ने उनसे कहा कि उन्हें फिल्म देखने दी जाए। तभी तो पता चलेगा कि फिल्म में क्या ‘गलत’ दिखाया गया है, लेकिन खालिस्तानी इसके लिए भी तैयार नहीं ​थे।


ब्रिटेन की राजधानी लंदन में कल एक सिनेमाहॉल में खालिस्तानियों के झुंड ने घुसकर कंगना रनौत की इंमरजेंसी फिल्म नहीं चलने दी। ये खालिस्तानी हॉल में हंगामा मचाने लगे और दर्शकों के आगे खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। जिन दर्शकों ने उन्हें बाहर जाने को कहा, उनसे तू तू मैं मैं पर उतर आए। फिल्म ही नहीं, आतंकी खालिस्तानी भारत की मोदी सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। दरअसल कंगना की फिल्म इमरजेंसी को लेकर भारत और विदेशों में सिख संगठन विरोध कर रहे हैं। इनकी शिकायत है कि इस फिल्म में सिखों की गलत छवि दिखाई गई है।

उल्लेखनीय है कि लंदन के हैरो सिनेमाघर में फिल्म इमरजेंसी लगाई गई है। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में कंगना रनौत हैं। लेकिन कई सिख संगठन इस बात को लेकर फिल्म का विरोध कर रहे हैं कि इसमें तथ्य को गलत तरीके से दिखाया गया है, सिखों को अपमानित किया गया है। इस मुद्दे पर सिख संगठनों ने भारत में भी अनेक स्थानों पर फिल्म के प्रदर्शन को लेकर विरोध जताया है। इसी से शह पाकर विदेशों में भारत को बदनाम करते आ रहे खालिस्तानी कट्टरपंथी इसे एक और मौका मानकर हिंसक प्रदर्शन पर उतरे हैं।

‘इमरजेंसी’ में कंगना रनौत

हैरो सिनेमाघर में भी जिस प्रकार का उत्पात मचाया गया उससे साफ लग रहा था कि वे खालिस्तानी फिल्म के प्रति कम लेकिन भारत की केन्द्र सरकार के प्रति अधिक विरोध जता रहे थे। लंदन के उस हॉल में खालिस्तानियों का झुंड अचानक दाखिल हुआ, इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, उससे पहले वे तत्व फिल्म वाले हॉल में जाकर जोर जोर से नारे लगाने लगे। दर्शकों ने जैसे ही ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे सुने, वे समझ गए कि सिख संगठनों की आड़ में खालिस्तानियों ने वहां धावा बोला है। कुछ दर्शकों ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वे तत्व उनसे बहस करने लगे और मुंह बंद रखने को कहा। ऐसे में कुछ लोग सीटों पर बैठे रहे तो कुछ बाहर जाने लगे, उठापटक मच गई।

समाचारों के अनुसार, खालिस्तानियों ने हल्ला मचाकर फिल्म का प्रदर्शन रुकवाने की कोशिश की। लेकिन फिल्म तुरंत नहीं रोकी गई। यह देखकर कुछ खालिस्तानी उग्र हो उठे, कई दर्शकों ने उनको बाहर जाने को कहा, लेकिन शरारती खालिस्तानियों की उनके साथ तीखी नोंकझोंक होने लगी। अनेक दर्शकों ने उनसे कहा कि उन्हें फिल्म देखने दी जाए। तभी तो पता चलेगा कि फिल्म में क्या ‘गलत’ दिखाया गया है, लेकिन खालिस्तानी इसके लिए भी तैयार नहीं ​थे।

लंदन में खालिस्तानियों की इस ओछी हरकत के सोशल मीडिया पर अनेक वीडियो वायरल हो रहे हैं। यूजर्स फिल्म के प्रदर्शन को रोकने के खालिस्तानियों और सिख संगठनों के उत्पात को गलत बता रहे हैं और अभि​व्य​क्ति की स्वतंत्रता के सम्मान की बात कर रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि हैरो सिनेमा के मालिकों ने खालिस्तानियों के इस हिंसक प्रदर्शन और उत्पात के विरुद्ध पुलिस में कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। बस इतना ही कहा कि अब सिनेमा हॉल की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

लेकिन पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। सिनेमा हॉल की सीसीटीवी फुटेज खंगालकर अपराधियों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन यह जरूर कहा है कि कि​सी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पूरे यूके की बात करें तो कम से कम तीन स्थानों पर खालिस्तानियों ने अचानक हमला बोलकर ‘इमरजेंसी’ के प्रदर्शन को रुकवाने की कोशिश की है।

फिल्म में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, कांग्रेस और सरकार द्वारा संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए जून 1975 में इमरजेंसी लगाने के दौर की घटनाएं दिखाई गई हैं। कांग्रेसी तो शुरू से आपातकाल और कंगना रनौत के विरोधी रहे हैं क्योंकि वे निडरता के साथ कांग्रेस के काले कारनामे उजागर करती रही हैं। कंगना की आड़ में सिख संगठनों ने मौका देखकर भारत की केन्द्र सरकार के प्रति भी अपनी भड़ास निकालने की चाल चली है।

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