क्या स्टालिन का ‘₹’ चिह्न बदलने का फैसला है गैरकानूनी? जानें इनके नियम

तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार ने राज्य के बजट लोगो में रुपये के चिन्ह (₹) को तमिल अक्षर 'ரூ' से बदल दिया है. यह निर्णय विवादों में घिरा गया है. इस पर विभिन्न राजनीतिक दलों की मिश्रित प्रतिक्रिया आयी है. आइए जानते हैं कि करेंसी के प्रतीक चिह्न बदलने के नियम क्या हैं?

Mar 13, 2025 - 14:43
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क्या स्टालिन का ‘₹’ चिह्न बदलने का फैसला है गैरकानूनी? जानें इनके नियम
क्या स्टालिन का ‘₹’ चिह्न बदलने का फैसला है गैरकानूनी? जानें इनके नियम

तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार ने तीन भाषाओं के विवाद के बीच राज्य के बजट लोगो में करेंसी सिम्बल (₹) को तमिल अक्षर Ru से बदल दिया है. बजट में ₹ के सिंबल को ரூ सिंबल से लिखा गया है. तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु शुक्रवार को 2025-26 के लिए बजट पेश करने वाले हैं. इससे पहले यह कदम उठाया गया है. लोगो में तमिल शब्द ‘रुबाई’ का पहला अक्षर ‘रु’ लिखा था, जो स्थानीय भाषा में भारतीय मुद्रा को दर्शाता है. लोगो में “सबके लिए सब कुछ” भी लिखा था, जो सत्तारूढ़ डीएमके के समावेशी शासन मॉडल के दावे को दर्शाता है.

वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए तमिलनाडु के बजट का प्रतीक चिह्न बुधवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा जारी किया गया, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं, लेकिन क्या सीएम स्टालिन का यह फैसला सही है या फिर अनैतिक है? आइए जानें क्या है इनके नियम और निर्देश..

रुपए के चिह्न में बदलाव का पहला मामला

तमिलनाडु द्वारा रुपये के चिह्न में बदलाव का यह अपनी तरह का पहला मामला है. इसके पहले किसी भी राज्य सरकार ने इस तरह का कदम नहीं उठाया. यह स्पष्ट है कि केंद्र की तरफ से रुपये के चिह्न में बदलाव को लेकर कोई स्पष्ट नियम या निर्देश नहीं हैं. ऐसे में तमिलनाडु सरकार की तरफ से उठाया गया यह कदम कानून का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता है. यह जरूर है कि इस कदम को अदालत में चुनौती देकर स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक राय के मुताबिक अगर रुपये के चिन्ह ₹ को राष्ट्रीय चिह्न के रूप में मान्यता मिली होती तो इसमें किसी भी तरह का बदलाव करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास होता, लेकिन राष्ट्रीय चिह्न की सूची में रुपये का चिह्न नहीं है.

राष्ट्रीय प्रतीकों की डिजाइन में क्या हो सकता है बदलाव?

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय चिह्न में बदलाव के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट 2005 बना हुआ है. बाद में इस कानून को 2007 में अपडेट किया जा चुका है. एक्ट के सेक्शन 6(2)(f) के अनुसार राष्ट्रीय प्रतीकों की डिजाइन में बदलाव करने का सरकार के पास अधिकार है.

आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय चिह्न में हर वो बदलाव करने की शक्ति है, जिसे वो आवश्यक समझती है. एक्ट के तहत सिर्फ राष्ट्रीय चिह्न के सिर्फ डिजाइन में बदलाव किया जा सकता है पूरा डिजाइन नहीं बदला जा सकता है. हालांकि, कई एक्सपर्ट का मानना है कि केंद्र सरकार के पास सिर्फ राष्ट्रीय प्रतीक के डिजाइन में बदलाव करने की ताकत नहीं है बल्कि वो पूरा राष्ट्रीय प्रतीक भी बदल सकती है.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,