बिहार की बेटी नेहा त्रिपाठी ने रचा इतिहास, SSC CGL 2024 में 14वीं रैंक हासिल कर बनी

रोहतास जिले की नेहा त्रिपाठी ने SSC CGL 2024 परीक्षा में 14वीं रैंक हासिल कर केंद्रीय सचिवालय सेवा में अधिकारी पद पर चयनित हुईं। जानिए उनकी सफलता की कहानी। किसान की बेटी का कमाल, SSC CGL में मिली 14वीं रैंक, Amazing feat of farmer daughter got 14th rank in SSC CGL, बिहार की बेटी नेहा त्रिपाठी ने रचा इतिहास, SSC CGL 2024 में 14वीं रैंक हासिल कर बनी

Mar 14, 2025 - 04:39
Mar 14, 2025 - 04:42
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बिहार की बेटी नेहा त्रिपाठी ने रचा इतिहास, SSC CGL 2024 में 14वीं रैंक हासिल कर बनी

नेहा त्रिपाठी: सीमित संसाधनों के बीच मेहनत और संकल्प से रचा सफलता का इतिहास

किसान की बेटी का कमाल, SSC CGL में मिली 14वीं रैंक

बिहार के रोहतास जिले के नोखा प्रखंड स्थित ऑक्शन कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा नेहा त्रिपाठी ने अपने अद्भुत प्रदर्शन से पूरे जिले का नाम रोशन किया है। SSC CGL Exam 2024 में उन्होंने 14वीं रैंक हासिल कर केंद्रीय सचिवालय सेवा (Central Secretariat Service) में अधिकारी के पद पर चयनित होने की सफलता प्राप्त की है। नेहा की यह उपलब्धि केवल उनकी मेहनत का परिणाम नहीं बल्कि उनके माता-पिता के संघर्ष और समर्थन की भी एक प्रेरणादायक कहानी है।

संघर्षों के बीच आगे बढ़ने की प्रेरणा

नेहा त्रिपाठी का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ। उनके पिता धनंजय त्रिपाठी एक किसान हैं, जो खेतों में कड़ी मेहनत कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कभी भी अपनी बेटी की शिक्षा से समझौता नहीं किया। उनकी माता मंजू त्रिपाठी गृहिणी हैं और हमेशा नेहा को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करती रही हैं।

नेहा बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहीं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नोखा के ऑक्शन कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की। उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए स्कूल के शिक्षकों ने भी उन्हें हर संभव सहायता दी।

सफलता की ओर बढ़ते कदम

नेहा त्रिपाठी ने SSC CGL परीक्षा की तैयारी के दौरान बहुत अनुशासन और समर्पण दिखाया। वह बताती हैं कि उन्होंने नियमित अध्ययन, सही रणनीति और निरंतर अभ्यास को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया। उनकी सफलता में ऑनलाइन संसाधनों और टेस्ट सीरीज ने भी अहम भूमिका निभाई।

उनकी सफलता के कुछ प्रमुख मंत्र:

  1. समय प्रबंधन: नेहा ने पढ़ाई के लिए एक सख्त शेड्यूल बनाया और उसे ईमानदारी से फॉलो किया।
  2. स्मार्ट स्टडी: उन्होंने पाठ्यक्रम के कठिन विषयों को प्राथमिकता दी और शॉर्ट नोट्स तैयार किए।
  3. मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस: नियमित रूप से मॉक टेस्ट देने से उनकी स्पीड और एक्यूरेसी में सुधार हुआ।
  4. सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास: कठिनाइयों के बावजूद नेहा ने कभी हार नहीं मानी और लगातार खुद को प्रेरित रखा।

नेहा की सफलता पर परिवार और स्कूल का उत्साह

नेहा की इस शानदार उपलब्धि पर परिवार के साथ-साथ उनके स्कूल में भी खुशी की लहर है। उनके शिक्षकों और दोस्तों ने उनकी मेहनत और लगन की सराहना की है। स्कूल प्रशासन ने भी नेहा को सम्मानित करने की घोषणा की है।

उनके पिता धनंजय त्रिपाठी ने कहा, "हमारी बेटी ने हमारे सपनों को पूरा किया है। हमने जो संघर्ष किए, वे आज सार्थक हो गए हैं।"

नेहा का संदेश: "संघर्ष से घबराएं नहीं, सफलता आपकी होगी"

नेहा उन छात्रों के लिए प्रेरणा हैं जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखते हैं। उनकी सफलता यह साबित करती है कि यदि सच्ची मेहनत और सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने सभी छात्रों को यह संदेश दिया कि कभी हार न मानें, अपने सपनों पर भरोसा रखें और अनुशासन के साथ अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहें।

नेहा त्रिपाठी की सफलता की यह कहानी सिर्फ एक परीक्षा पास करने की उपलब्धि नहीं, बल्कि यह एक संघर्ष, समर्पण और आत्मविश्वास की मिसाल है। उनकी यह यात्रा उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।

उनकी इस सफलता के लिए उन्हें ढेरों शुभकामनाएँ और उम्मीद है कि वे आगे भी देश की सेवा में उत्कृष्ट योगदान देंगी।

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