करणी सेना से विवाद, मारपीट, FIR और अब जेल… सपा नेता हरीश मिश्रा मामले में कब क्या हुआ?

वाराणसी में समाजवादी पार्टी के नेता हरीश मिश्रा पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया है. पुलिस ने बताया कि यह आपसी रंजिश का मामला है, जबकि मिश्रा ने करणी सेना पर हमले का आरोप लगाया था. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. घटना के बाद अखिलेश यादव ने भी एक पोस्ट कर घटना की निंदा की थी.

Apr 14, 2025 - 16:57
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करणी सेना से विवाद, मारपीट, FIR और अब जेल… सपा नेता हरीश मिश्रा मामले में कब क्या हुआ?
करणी सेना से विवाद, मारपीट, FIR और अब जेल… सपा नेता हरीश मिश्रा मामले में कब क्या हुआ?

राणा सांगा पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन की टिप्पणी के खिलाफ शनिवार को आगरा में करणी सेना ने उग्र प्रदर्शन किया था. दूसरी ओर वाराणसी से सपा नेता हरीश मिश्रा पर हमला हुआ था. हमलावर को स्थानीय लोगों ने पकड़कर जमकर पीटा था. हरीश मिश्रा ने आरोप लगाया था कि हमलावर करणी सेना से जुड़े हैं और उनकी हत्या करना चाहते थे. इस मामले में दोनों पक्षों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. अब वाराणसी पुलिस ने सपा नेता हरीश मिश्रा को जेल भेज दिया है. उनके खिलाफ बीएनएस की धारा-109, 115(2), 191(2) और 352 के तहत कार्रवाई की है.

सिगरा एसओ ने टीवी9 डिजिटल को बताया कि चोटों के आधार पर ये कार्रवाई की गई है. दूसरे पक्ष के दोनों युवकों को गंभीर चोट आई है. शनिवार को सिगरा थाना क्षेत्र में सपा नेता हरीश मिश्रा के साथ करणी सेना के विषय पर अविनाश मिश्रा और स्वास्तिक उपाध्याय के साथ मारपीट हुई थी. हरीश मिश्रा ने कहा था कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया था. जबकि दोनों गंभीर युवकों ने इसे सपा नेता हरीश मिश्रा और उनके समर्थकों द्वारा मारपीट बताया है.

उन्होंने बताया कि इस मामले में दोनों पक्ष की तरफ से सपा नेता हरीश मिश्रा, अविनाश मिश्रा समेत 54 लोगों पर सिगरा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. सपा नेता हरीश मिश्रा, अविनाश मिश्रा और स्वास्तिक उपाध्याय कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती रहे.

क्या था पूरा मामला?

शनिवार को अविनाश मिश्रा और स्वास्तिक उपाध्याय दोपहर डेढ़ बजे सिगरा थाना क्षेत्र के काशी विद्यापीठ के पास हरीश मिश्रा के घर पहुंचे. अकेला देख उन पर बयान को लेकर बहस करने लगे. बहस के बीच में ही मारपीट शुरू हो गई. मारपीट होते देख हरीश मिश्रा के परिचय के लोग आए और दोनों को पकड़कर जमकर पीट दिया. हंगामे की खबर पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हरीश मिश्रा और अविनाश मिश्रा दोनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया.

हरीश मिश्रा इसे करणी सेना का हमला बता रहे थे लेकिन पुलिस इसे आपसी रंजिश का मामला मान रही थी न कि करणी सेना से जुड़ा कोई मामला. एडीसीपी काशी सरवनन टी. के मुताबिक, मारपीट करने वाले लोगों में से कोई भी करणी सेना से नहीं था. ये आपसी रंजिश का मामला था. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाया था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने एक पोस्ट किया था.

हर कार्यकर्ता ऐसे हमलों को झेलने की शक्ति रखता है

इसमें लिखा था, समाजवादी पार्टी के जुझारू और प्रखर वक्ता व बनारस वाले मिश्रा जी के नाम से लोकप्रिय हरीश मिश्रा पर चाकू से किया गया क़ातिलाना हमला बेहद निंदनीय है. उनके रक्तरंजित वस्त्र प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी क़ानून-व्यवस्था की निशानी है. सपा का हर कार्यकर्ता ऐसे हमलों को झेलने की शक्ति रखता है. देखते हैं कि उत्तर प्रदेश की तथाकथित सरकार के क्रियाहीन शरीर में इस घटना के बाद कोई हलचल होती है या नहीं.

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