द. कोरिया से सेमी कंडक्टर और ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में साझेदारी का आह्वान
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि जेसीएम में दोनों सरकारों के कई मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
![द. कोरिया से सेमी कंडक्टर और ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में साझेदारी का आह्वान](https://bharatiya.news/uploads/images/202403/image_870x_65e9f9fee334d.jpg)
द. कोरिया से सेमी कंडक्टर और ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में साझेदारी का आह्वान
10वें भारत-दक्षिण कोरिया संयुक्त आयोग की विदेश मंत्री जयशंकर ने की अध्यक्षता
कहा, अब हमारी रुचि नए क्षेत्रों की तकनीकों को विस्तार देने में
सियोल, प्रेट्र विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दक्षिण कोरिया के सर्वोच्च नेताओं से मुलाकात करके नए क्षेत्रों में भारत की रणनीतिक साझेदारी वाले नए क्षेत्रों जैसे- नई तकनीकों, सेमी कंडक्टरों और ग्रीन हाइड्रोजन बनाने संबंधी द्विपक्षीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
जयशंकर ने सियोल में 10वें भारत- दक्षिण कोरिया संयुक्त आयोग (जेसीएम) की अध्यक्षता करते हुए बुधवार को अपने समकक्ष चो ताई-युल को संबोधित कर कहा कि परंपरागत क्षेत्रों में हमारा सहयोग बढ़ता ही रहा है। लेकिन अब हमारी रुचि नए क्षेत्रों की तकनीकों को विस्तार देने में है। इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकों, सेमी कंडक्टरों, ग्रीन हाइड्रोजन, मानव संसाधन गतिशीलता, परमाणु सहयोग, सप्लाई चेन को पलटना आदि शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि जेसीएम में दोनों सरकारों के कई मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल हुए। द्विपक्षीय व्यापार, निवेश, विकासात्मक सहयोग, रक्षा व सुरक्षा, तकनीक और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग पर विचार विमर्श हुआ। हिंद-प्रशांत क्षेत्र की साझा चिंताओं पर भी चर्चा हुई। इस अवसर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया अब अहम साझीदार बन चुके हैं। इस द्विपक्षीय आदान-प्रदान से दोनों देशों के बीच सतत विकास देखा गया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्री अहन ड्यूकगेन से मिलकर बहुत खुश हैं।
सियोल में बुधवार को 10वें भारत-दक्षिण कोरिया संयुक्त आयोग की बैठक के दौरान दक्षिण कोरियाई समकक्ष चो ताई- यूल के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर।
अयोध्या की जोड़ीदार गिमही सिटी
विदेश मंत्री जयशंकर दक्षिण कोरिया की गिमही सिटी के मेयर होम-ताई-योंग से भी मिले। गिमही-अयोध्या का गहरा संबंध है। यह साझी सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन सभ्यताओं के आपसी मेल-मिलाप का योग है। इस अवसर पर जयशंकर ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित रामजन्म भूमि मंदिर की प्रतिकृति उन्हें भेंट की है।
गिमही सिटी राजधानी सियोल से दक्षिणपूर्व में 330 किमी दूर स्थित है। कोरिया की प्राचीन कथा के अनुसार करीब दो हजार साल पहले अयोध्या की एक राजकुमारी सूरीरत्ना नाव से 4500 किलोमीटर की दूरी तय करके कोरिया पहुंची थीं और फिर उनका कोरियाई राजा किम सूरो से विवाह हो गया। बाद में रानी बनने पर उनका नाम हियो वांग ओक हो गया। राजा किम सूरो ने ही गया राज्य की स्थापना की थी। अब दक्षिण कोरिया में करीब 60 लाख लोग खुद को किम सूरो का वंशज मानते हैं।
What's Your Reaction?
![like](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/like.png)
![dislike](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/dislike.png)
![wow](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/wow.png)
![sad](https://bharatiya.news/assets/img/reactions/sad.png)