15 दिसंबर का इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी हैं। आइए, इन घटनाओं पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें, today history

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Dec 12, 2024 - 06:30
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15 दिसंबर  का इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी हैं। आइए, इन घटनाओं पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें, today history

15 दिसंबर के दिन इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी हैं। आइए, इन घटनाओं पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें:

  • 2014 – सिडनी के एक कैफे में हारुण मोनिस नामक व्यक्ति ने 16 घंटे तक लोगों को बंधक बना लिया था। इस घटना के दौरान, पुलिस कार्रवाई में मोनिस के अलावा दो अन्य लोग भी मारे गए। यह एक आतंकवादी घटना थी, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।

  • 2010 – ऑस्ट्रेलिया के क्रिसमस द्वीप के पास एक नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जो 90 शरणार्थियों को लेकर जा रही थी। इस दुर्घटना में 48 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए। यह घटना शरणार्थियों के संकट को उजागर करती है।

15 दिसंबर को कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं। 2014 में सिडनी के कैफे में एक बंधक संकट हुआ, जिसमें 16 घंटे तक लोग बंधक बनाए गए थे। 2008 में भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय जाँच एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दी। 2005 में ईराक में नई सरकार के गठन के लिए मतदान सम्पन्न हुआ। 2001 में पीसा की झुकी मीनार को 11 साल बाद फिर से खोला गया। इसी दिन 1794 में फ्रांस में क्रांतिकारी ट्रिब्यूनल को समाप्त कर दिया गया। ये घटनाएँ इतिहास में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

15 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति

15 दिसंबर को कई प्रसिद्ध हस्तियों का जन्म हुआ। 1988 में भारतीय महिला पहलवान गीता फोगाट का जन्म हुआ। 1976 में भारत के प्रसिद्ध फ़ुटबॉल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया का जन्म हुआ। 1935 में उषा मंगेशकर, लता मंगेशकर की छोटी बहन और प्रसिद्ध गायिका, का जन्म हुआ। 1905 में आर. के. खाडिलकर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ, का जन्म हुआ। ये सभी हस्तियाँ अपनी-अपनी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जानी जाती हैं।

15 दिसंबर को हुए निधन

15 दिसंबर को कई प्रमुख व्यक्तियों का निधन हुआ। 1950 में भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का निधन हुआ। 1952 में स्वतंत्रता सेनानी पोट्टि श्रीरामुलु का निधन हुआ, जिन्होंने भारतीय भाषाओं के लिए संघर्ष किया। 1985 में मॉरिशस के गवर्नर शिवसागर रामगुलाम का निधन हुआ। 2000 में लेखक और पत्रकार गौर किशोर घोष का निधन हुआ। 2021 में भारतीय वायुसेना के पायलट वरुण सिंह का निधन हुआ। इन महान व्यक्तियों ने अपने योगदान से समाज में अपनी अमिट छाप छोड़ी।

15 दिसंबर के महत्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

15 दिसंबर को हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह) मनाया जाता है। यह दिन हवाई यात्रा में सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने और यात्रियों को जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न एयरलाइनों, सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानकों पर जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही, हवाई सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का समाधान ढूंढने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।

15 दिसंबर 2014: सिडनी कैफे बंधक घटना
सिडनी के एक लोकप्रिय कैफे में हारुण मोनिस नामक एक व्यक्ति ने 17 लोगों को बंधक बना लिया। यह घटना 16 घंटे तक चली और ऑस्ट्रेलिया में आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता को बढ़ावा देने वाली घटनाओं में से एक बन गई। पुलिस कार्रवाई में मोनिस के अलावा दो निर्दोष लोग मारे गए। इस घटना ने सुरक्षा उपायों को लेकर नई बहस छेड़ी और बंधकों की सुरक्षा के लिए बेहतर रणनीतियों की आवश्यकता पर बल दिया।

15 दिसंबर 2010: ऑस्ट्रेलिया में शरणार्थियों की नाव दुर्घटना
ऑस्ट्रेलिया के क्रिसमस द्वीप के पास एक नाव, जिसमें 90 शरणार्थी सवार थे, दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस घटना में 48 लोगों की मौत हुई। खराब मौसम और नाव की अत्यधिक भीड़ इस दुर्घटना के मुख्य कारण बने। यह हादसा शरणार्थियों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की वैश्विक चर्चा का विषय बना। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी शरणार्थी नीति पर पुनर्विचार किया।

15 दिसंबर 2008: राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) का गठन
भारत में आतंकवाद से निपटने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के गठन को मंजूरी दी। यह एजेंसी आतंकी घटनाओं की जाँच करने और दोषियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाती है। मुंबई आतंकी हमले (2008) के बाद इस कदम को सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए एक अहम निर्णय माना गया।

15 दिसंबर 2007: पाकिस्तान में आपातकालीन नागरिक कानून लागू
पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने देश में आपातकालीन नागरिक कानून लागू किया। इसका उद्देश्य देश में बढ़ते आतंरिक संघर्ष और अस्थिरता पर काबू पाना था। हालांकि, इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला माना गया और देश-विदेश में इसकी व्यापक आलोचना हुई।

15 दिसंबर 2005: ईराक में नयी सरकार के गठन के लिए मतदान
ईराक में नयी सरकार के गठन के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत मतदान सम्पन्न हुआ। यह चुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि सद्दाम हुसैन के शासन के बाद यह पहली बार हो रहा था। इस चुनाव में लाखों ईराकी नागरिकों ने भाग लिया और यह घटना देश में लोकतंत्र की दिशा में एक अहम कदम मानी गई। हालांकि, यह प्रक्रिया हिंसा और अस्थिरता के माहौल में पूरी हुई।

15 दिसंबर 2003: भूटान द्वारा भारतीय अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई
भूटान सरकार ने अपनी सीमा में सक्रिय भारतीय अलगाववादी समूहों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की। यह अभियान मुख्य रूप से उल्फा (ULFA), एनडीएफबी (NDFB), और कामतापुर लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (KLO) जैसे संगठनों को समाप्त करने के लिए चलाया गया। भूटान की इस कार्रवाई ने भारत और भूटान के बीच सहयोग को मजबूत किया और आतंकवाद पर अंकुश लगाने में मदद की।

15 दिसंबर 2001: पीसा की झुकी मीनार फिर से खोली गई
इटली में विश्व प्रसिद्ध पीसा की झुकी मीनार को 11 साल तक बंद रहने के बाद पुनः खोल दिया गया। इसे 1990 में संरचनात्मक मजबूती के लिए बंद कर दिया गया था। विशेषज्ञों ने मीनार को स्थिर करने के लिए इंजीनियरिंग का उपयोग किया, जिससे यह पर्यटकों के लिए सुरक्षित हो गया। आज भी यह मीनार वास्तुकला और इतिहास का अद्भुत उदाहरण मानी जाती है।

15 दिसंबर 2000: चेरनोबिल रिएक्टर का स्थायी बंद होना
यूक्रेन ने चेरनोबिल परमाणु संयंत्र के अंतिम रिएक्टर को सदा के लिए बंद कर दिया। 1986 की भयावह दुर्घटना के बाद यह कदम परमाणु ऊर्जा के खतरों को देखते हुए उठाया गया। इस बंद के बाद चेरनोबिल एक चेतावनी बन गया, जो दुनिया को परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है।

15 दिसंबर 1997: संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सार्वजनिक स्थानों, वाहनों और कार्यालयों पर उग्रवादी विस्फोटों को अवैध घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया। यह निर्णय आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एकजुटता का प्रतीक था। इस प्रस्ताव का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उग्रवादी गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण लगाना था।

1997: अरुंधति रॉय को बुकर पुरस्कार
अरुंधति रॉय को उनके पहले उपन्यास ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए ब्रिटेन के प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपन्यास केरल के सामाजिक ताने-बाने और पारिवारिक जीवन के जटिल मुद्दों को गहराई से उजागर करता है। उनकी इस उपलब्धि ने भारतीय साहित्य को वैश्विक पहचान दिलाई और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रसिद्ध लेखिका बन गईं।

1995: यूरो के लिए सहमति
1995 में यूरोपीय संघ के नेताओं ने एकीकृत यूरोप की एकल मुद्रा यूरो के लिए सहमति बनाई। यह फैसला यूरोप की आर्थिक और राजनीतिक एकजुटता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम था। यूरो को आधिकारिक तौर पर 1999 में लागू किया गया और यह आज विश्व की प्रमुख मुद्राओं में से एक है।

1993: जेनेवा में गैट समझौता
जेनेवा में गैट (व्यापार और तटकर पर आम सहमति) समझौते पर 126 देशों ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सरल और उदार बनाने के लिए हुआ था। गैट के बाद 1995 में विश्व व्यापार संगठन (WTO) की स्थापना हुई, जो आज भी वैश्विक व्यापार का संचालन करता है।

1991: सत्यजीत रे को स्पेशल ऑस्कर
भारतीय फिल्म निर्माता सत्यजीत रे को सिनेमा में उनके योगदान के लिए स्पेशल ऑस्कर से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके कला के प्रति समर्पण और वैश्विक सिनेमा में उनके असाधारण योगदान को मान्यता देता है। उनकी फिल्मों ने भारतीय समाज की गहरी समझ और संवेदनशीलता को प्रस्तुत किया।

1976: समोआ संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बना
1976 में न्यूजीलैंड से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद समोआ संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बना। यह देश अब प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्वतंत्र और स्थिर राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान रखता है।

1965: बांग्लादेश में गंगा नदी पर चक्रवात
1965 में बांग्लादेश के गंगा नदी के तट पर आए भयानक चक्रवात में 15,000 लोगों की जान चली गई। इस प्राकृतिक आपदा ने क्षेत्र की कमजोर संरचनाओं और आपदा प्रबंधन की सीमाओं को उजागर किया। इसके बाद इस क्षेत्र में आपदा प्रबंधन पर जोर दिया गया।

1953: विजयलक्ष्मी पंडित का ऐतिहासिक चयन
1953 में भारत की एस विजयलक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र महासभा के आठवें सत्र की प्रथम महिला अध्यक्ष चुनी गईं। यह भारतीय महिलाओं के लिए गर्व का क्षण था और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की प्रभावशाली भूमिका को दर्शाता है।

1917: मोलदावियन गणराज्य की स्वतंत्रता
1917 में मोलदावियन गणराज्य ने रूस से स्वतंत्र होने की घोषणा की। यह घोषणा रूसी साम्राज्य के पतन और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान राजनीतिक अस्थिरता के बीच हुई। इस स्वतंत्रता ने मोलदावियन राष्ट्रीय आंदोलन को बल दिया और आधुनिक मोलदावा (मोल्डोवा) के निर्माण की नींव रखी।

1916: वेरदून की लड़ाई में फ्रांस की जीत
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, वेरदून की लड़ाई में फ्रांस ने जर्मनी को हराया। यह लड़ाई 10 महीने तक चली और इसमें भारी हताहत हुए। फ्रांस की यह जीत उसकी राष्ट्रीय शक्ति और सामरिक कौशल का प्रतीक बनी। वेरदून की लड़ाई इतिहास की सबसे लंबी और भीषण लड़ाइयों में से एक मानी जाती है।

1911: बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी सोसाइटी की स्थापना
1911 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) सोसाइटी की स्थापना हुई, जो भारत में उच्च शिक्षा के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से बनाई गई। इस सोसाइटी की स्थापना का श्रेय पंडित मदन मोहन मालवीय को जाता है। यह भारत में शिक्षा और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

1803: ईस्ट इंडिया कंपनी ने उड़ीसा पर कब्ज़ा किया
1803 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने उड़ीसा (अब ओडिशा) पर कब्जा कर लिया। यह घटना कंपनी के भारत पर नियंत्रण बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा थी। उड़ीसा पर कब्जा करने से ब्रिटिश शासन को क्षेत्र में आर्थिक और सामरिक लाभ प्राप्त हुए।

1794: फ्रांस में क्रांतिकारी ट्रिब्यूनल का अंत
1794 में फ्रांस की क्रांति के दौरान क्रांतिकारी ट्रिब्यूनल को समाप्त कर दिया गया। यह ट्रिब्यूनल क्रांति के दौरान आतंक का प्रतीक बन गया था। इसके अंत ने फ्रांस में क्रांतिकारी काल के एक खूनी अध्याय को समाप्त किया और स्थिरता की दिशा में कदम बढ़ाए।

1749: शाहू छत्रपति का निधन
1749 में मराठा साम्राज्य के शासक छत्रपति शाहू का निधन हुआ। वे छत्रपति शिवाजी महाराज के पोते थे। शाहू के शासनकाल में मराठा साम्राज्य ने अपनी ताकत को विस्तार दिया, लेकिन उनके निधन के बाद साम्राज्य में अंदरूनी मतभेद बढ़ गए। उनका शासन मराठा इतिहास में एक महत्वपूर्ण युग का प्रतिनिधित्व करता है।

आज के दिन उनका जन्म हुआ उनके बारे मे 15 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति

1988: गीता फोगाट
गीता फोगाट भारतीय महिला पहलवान हैं और देश के लिए कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। गीता ने न केवल अपनी खेल प्रतिभा से पहचान बनाई बल्कि अपने परिवार और हरियाणा में महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा बनीं। उनकी कहानी पर आधारित फिल्म दंगल ने उन्हें और प्रसिद्ध किया।

1981: भरत छेत्री
भरत छेत्री भारतीय हॉकी के प्रमुख खिलाड़ी और कप्तान रह चुके हैं। वह गोलकीपर के रूप में भारतीय हॉकी टीम के लिए खेले और 2012 के लंदन ओलंपिक में टीम का नेतृत्व किया। उनके कुशल प्रदर्शन और नेतृत्व ने भारतीय हॉकी में योगदान दिया।

1976: बाइचुंग भूटिया
बाइचुंग भूटिया भारत के सबसे प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक हैं। वे राष्ट्रीय टीम के कप्तान रहे और भारतीय फुटबॉल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। उनका नाम "सिक्किम्स स्नाइपर" के रूप में भी जाना जाता है। खेल के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

1970: बाबुल सुप्रियो
बाबुल सुप्रियो एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं। वे प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायक, टीवी होस्ट, अभिनेता और राजनीतिज्ञ हैं। राजनीति में आने से पहले उन्होंने कई हिट गाने गाए और अपनी संगीत प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीता। वह सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

1970: शुभेन्दु अधिकारी
शुभेन्दु अधिकारी पश्चिम बंगाल के प्रमुख राजनीतिक नेता हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता हैं और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से अलग होने के बाद चर्चा में आए। उन्होंने राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में सक्रिय हैं।

1966: भजन लाल शर्मा
भजन लाल शर्मा राजस्थान के नये मुख्यमंत्री बने। राजनीति में उनका सफर उल्लेखनीय रहा और वे अपने कुशल प्रशासनिक कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता ने राजस्थान की राजनीति को नई दिशा दी।

1935: उषा मंगेशकर
उषा मंगेशकर भारतीय संगीत जगत की जानी-मानी गायिका हैं। वे 'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं। उषा ने कई भाषाओं में गाने गाए हैं और अपनी अनूठी आवाज़ से भारतीय संगीत को समृद्ध किया है। उनका गाया मंगलसूत्र गीत और फिल्म जय संतोषी मां के भजन आज भी लोकप्रिय हैं।

1908: स्वामी रंगनाथानंद
स्वामी रंगनाथानंद 'रामकृष्ण संघ' के एक प्रमुख संन्यासी थे। उनका पूर्व नाम शंकरन कुट्टी था। उन्होंने भारतीय संस्कृति, दर्शन और वेदांत के प्रचार-प्रसार में अपना जीवन समर्पित किया। स्वामी जी ने पूरे विश्व में भारतीय आध्यात्मिकता का परचम लहराया।

1905: आर. के. खाडिलकर
आर. के. खाडिलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और आज़ाद भारत में एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में पहचान बनाई।

1892: भगवंतराव मंडलोइ
भगवंतराव मंडलोइ मध्य प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री थे। उनका कार्यकाल समाज और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने कृषि और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया और राज्य में विकास की नई योजनाएँ शुरू कीं।

आज के दिन जिनका निधन हुआ उनके बारे मे जानकारी  15 दिसंबर को हुए निधन

2021: वरुण सिंह
वरुण सिंह भारतीय वायु सेना के एक कुशल पायलट थे, जिन्होंने शौर्य चक्र जैसे महत्वपूर्ण सैन्य सम्मान प्राप्त किए। 2021 में तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनका निधन हो गया। वे अपने साहस और समर्पण के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।

2000: गौर किशोर घोष
गौर किशोर घोष भारतीय पत्रकार और लेखक थे। वे अपनी स्पष्ट और निर्भीक पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे। उनकी लेखनी में समाज की सच्चाई और बदलाव की प्रेरणा झलकती थी। उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों को अपनी कलम के माध्यम से उठाया।

1985: शिवसागर रामगुलाम
शिवसागर रामगुलाम मॉरिशस के गवर्नर और स्वतंत्रता संग्राम के नेता थे। वे मॉरिशस के पहले प्रधानमंत्री बने और देश के विकास में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में मॉरिशस ने राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता हासिल की।

1952: पोट्टि श्रीरामुलु
पोट्टि श्रीरामुलु महात्मा गांधी के अनुयायी और स्वतंत्रता सेनानी थे। वे आंध्र प्रदेश राज्य के गठन के लिए भूख हड़ताल पर गए और अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी बलिदान ने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन में अहम भूमिका निभाई।

1950: सरदार वल्लभ भाई पटेल
सरदार पटेल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री थे। उन्हें "लौह पुरुष" के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारतीय रियासतों का एकीकरण कर देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व और निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।

हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह)
15 दिसंबर को हवाई सुरक्षा दिवस (या हवाई सुरक्षा सप्ताह) के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर का उद्देश्य हवाई यातायात में सुरक्षा मानकों को बढ़ावा देना और जागरूकता फैलाना है। इस दिन हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों, पायलटों, और एयरलाइन कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदमों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

हवाई सुरक्षा सप्ताह के दौरान, विभिन्न हवाई अड्डों और विमानन संस्थानों में सुरक्षा अभियानों, कार्यशालाओं, और प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है। यह दिन हवाई सुरक्षा से जुड़े नए तकनीकी समाधान और प्रक्रियाओं को लागू करने की प्रेरणा भी देता है।

इस अवसर पर विमानन उद्योग से जुड़े सभी लोग सुरक्षा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने और विमानन सेवा को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रयास करते हैं।

कम शब्दों मे सभी के बारे में जानकारी 15 दिसंबर: प्रमुख घटनाएँ, जन्म, निधन और विशेष अवसर

महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

  • 2014: सिडनी के एक कैफे में हारुण मोनिस द्वारा 16 घंटे तक बंधक संकट, पुलिस कार्रवाई में 3 लोगों की मौत।
  • 2010: ऑस्ट्रेलिया के पास नाव दुर्घटना में 48 शरणार्थियों की मृत्यु।
  • 2008: भारत सरकार ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के गठन को मंजूरी दी।
  • 1950: सरदार वल्लभ भाई पटेल का निधन।

जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

  • 1988: गीता फोगाट, भारतीय महिला पहलवान।
  • 1976: बाइचुंग भूटिया, भारत के प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी।
  • 1905: आर. के. खाडिलकर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता।
  • 1892: भगवंतराव मंडलोइ, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री।

मृत्यु

  • 2021: वरुण सिंह, भारतीय वायु सेना के पायलट।
  • 1950: सरदार वल्लभ भाई पटेल, भारत के प्रथम गृह मंत्री।
  • 1952: पोट्टि श्रीरामुलु, गांधीजी के अनुयायी और स्वतंत्रता सेनानी।

महत्त्वपूर्ण अवसर

  • हवाई सुरक्षा दिवस (सप्ताह): हवाई यात्रा की सुरक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

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