सुग्रीव की गुफा, हम्पी

हम्पी में स्थित सुग्रीव की गुफा, जो रामायणकालीन किष्किंधा क्षेत्र के ऋष्यमूक पर्वत पर अवस्थित है, ऐतिहासिक और पुराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। स्थानीय जनश्रुतियों के अनुसार, सुग्रीव ने बाली से बचने के लिए इस गुफा में आश्रय लिया था। इस स्थल से जुड़ी सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जानें। सुग्रीव की गुफा, हम्पी, किष्किंधा, रामायण, ऋष्यमूक पर्वत, श्रीराम, सुग्रीव, बाली, हनुमान, हिंदू पुराण, भारतीय संस्कृति, हम्पी के मंदिर, सुग्रीव की गुफा, हम्पी, रामायण, किष्किंधा, ऋष्यमूक, सुग्रीव, बाली, श्रीराम, हनुमान, हिंदू पुराण, सांस्कृतिक धरोहर, भारतीय इतिहास, हम्पी पर्यटन

Dec 12, 2024 - 07:26
Dec 12, 2024 - 07:30
 0
सुग्रीव की गुफा, हम्पी

सुग्रीव की गुफा, हम्पी


रामायणकालीन किष्किंधा क्षेत्र के ऋष्यमूक पर्वत पर अवस्थित एक गुफा का अस्तित्व वर्तमान हम्पी नगरी में दिखता है, जो सुग्रीव की गुफा के नाम से प्रसिद्ध है.

स्थानीय जनश्रुतियों के अनुसार बाली से छिपकर सुग्रीव इसी गुफा में निवास करता था, जहां उसके सहयोगी एवं मंत्रीगण भी रहते थे.

मातंग ऋषि के श्राप के कारण बाली यहां नहीं आ सकता था, यही कारण है कि सुग्रीव ने इस स्थान को रहने के लिए चुना था.

किष्किंधा के इसी ऋष्यमूक पर्वत पर भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जी की भेंट हनुमानजी और वानरराज सुग्रीव से हुई थी.


मेरी संस्कृति...मेरा देश…मेरा अभिमान 


सुग्रीव की गुफा, हम्पी, भारतीय इतिहास और रामायण के महत्वपूर्ण स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यह गुफा किष्किंधा क्षेत्र के ऋष्यमूक पर्वत पर स्थित है, जो वर्तमान में हम्पी नगरी में आती है। रामायण के अनुसार, यह गुफा वह स्थान थी जहां सुग्रीव, अपने भाई बाली से छिपकर निवास करते थे। यह गुफा भगवान श्रीराम और उनके भाई लक्ष्मण के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं पर उनकी मुलाकात हनुमानजी और सुग्रीव से हुई थी, जो उनके साथ मिलकर बाली का वध करने की योजना बनाते हैं।

किष्किंधा की पहाड़ियों में स्थित यह गुफा और उसका आस-पास का क्षेत्र रामायण के अनेक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, सुग्रीव ने इस गुफा को अपनी सुरक्षा के लिए चुना था क्योंकि मातंग ऋषि के श्राप के कारण बाली इस स्थान पर आकर सुग्रीव को नुकसान नहीं पहुंचा सकता था। बाली और सुग्रीव के बीच युद्ध की शुरुआत का कारण बाली द्वारा सुग्रीव की पत्नी रुख्मिणी का अपहरण और बाली का अहंकार था, जिसके कारण सुग्रीव को इस गुफा में शरण लेनी पड़ी।

यह गुफा और आसपास के स्थान भारतीय पौराणिक कथाओं का गहरा ऐतिहासिक प्रतीक माने जाते हैं और यहां हर साल देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। इस क्षेत्र में स्थित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों में वानरराज सुग्रीव का महल और रामायण से जुड़े अन्य स्थल भी हैं।

सुग्रीव की गुफा को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व दिया जाता है, क्योंकि यह स्थल रामायण की घटनाओं के साथ गहरे रूप से जुड़ा हुआ है। इसे देखकर यह आभास होता है कि यह क्षेत्र वास्तव में पौराणिक समय का साक्षी है और भारतीय संस्कृति और इतिहास के महत्व को दर्शाता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad