SYL विवादः केंद्र के साथ समाधान निकाले पंजाब और हरियाणा, SC ने 13 अगस्त तक दिया टाइम

हरियाणा के साथ जल बंटवारे को लेकर फिर से उठे विवाद के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कोई विवाद नहीं है. उन्होंने दावा किया कि आंकड़े पंजाब के पक्ष में हैं, लेकिन हरियाणा अपने हिस्से से ज्यादा पानी मांग रहा है. जबकि उसे फीसदी पानी देने की बात हुई थी, जिसे वो खर्च कर चुके हैं. अब उन्हें पानी नहीं दिया जाएगा.

May 6, 2025 - 12:09
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SYL विवादः केंद्र के साथ समाधान निकाले पंजाब और हरियाणा, SC ने 13 अगस्त तक दिया टाइम
SYL विवादः केंद्र के साथ समाधान निकाले पंजाब और हरियाणा, SC ने 13 अगस्त तक दिया टाइम

सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को पंजाब और हरियाणा सरकारों को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद को सुलझाने में केंद्र के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया. कोर्ट का यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से इनकार करते हुए कहा कि अब पहले वाली बात नहीं, हमारे पास फालतू नहीं है.

केंद्र ने सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच को बताया कि उसकी ओर से इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए पहले ही प्रभावी कदम उठाए गए हैं. इस पर बेंच ने कहा, “हम दोनों राज्यों को पानी बंटवारे को लेकर सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंचने में केंद्र के साथ सहयोग करने का निर्देश देते हैं.”

SC ने दी दोनों राज्यों को मोहलत

अपने फैसले में बेंच ने यह भी कहा कि यदि 13 अगस्त तक मामला नहीं सुलझता है तो वह इस पर सुनवाई करेगी. केंद्र की ओर से कोर्ट में पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बेंच से कहा, “हमने मध्यस्थता की कोशिश की है, लेकिन राज्यों को भी अपनी बात पर अमल करना होगा.”

एसवाईएल नहर की परिकल्पना रावी और ब्यास नदियों से पानी के बंटवारे को लेकर की गई थी. इस प्रोजेक्ट के जरिए 214 किलोमीटर लंबी नहर बनाने की योजना बनाई गई थी, जिसमें से 122 किलोमीटर नहर पंजाब में तो 92 किलोमीटर हरियाणा में बनाई जानी थी.

1996 में SC ने सुनाया था हरियाणा के पक्ष में फैसला

हरियाणा ने अपने क्षेत्र में यह प्रोजेक्ट पूरी कर ली है, जबकि पंजाब ने 1982 में इससे जुड़ा निर्माण कार्य शुरू किया था लेकिन बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद दशकों से जारी है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 जनवरी, 2002 को हरियाणा की ओर से साल 1996 में दाखिल एक वाद में उसके पक्ष में फैसला सुनाया था और पंजाब सरकार को एसवाईएल नहर के अपने हिस्से का निर्माण करने का निर्देश दिया था.

हरियाणा के साथ जल बंटवारे को लेकर फिर से उठे विवाद के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कोई विवाद नहीं है. उन्होंने दावा किया कि आंकड़े पंजाब के पक्ष में हैं, लेकिन हरियाणा अपने हिस्से से ज्यादा पानी मांग रहा है. जबकि उसे फीसदी पानी देने की बात हुई थी, जिसे वो खर्च कर चुके हैं. अब उन्हें पानी नहीं दिया जाएगा.

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