कुछ नहीं का अर्थ
कविता माध्यम है विचारो की उत्पत्ति का
![कुछ नहीं का अर्थ](https://pbs.twimg.com/media/GGl1lOAXEAAhkCz.jpg:large)
विश्व कविता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
कविता माध्यम है एक दूजे से जुड़ने का
कविता माध्यम है खुद की अभिव्यक्ति का
कविता माध्यम है विचारो की उत्पत्ति का
कविता माध्यम है अपनी पीड़ाओं को कम करने का
कविता माध्यम है ईश्वर से जुड़ने का
कविताओं का संसार भी बहुत अनोखा है , हर विषय वस्तु पर कुछ न कुछ मिल ही जाता है
चाहे देश प्रेम हो या मातृ प्रेम
चाहे इश्क हो चाहे पीड़ा
चाहे खुशी हो चाहे आंसू
चाहे रिश्ते हो चाहे दुश्मनी
चाहे जुड़ाव हो या दूरियां
कुछ भी कविता के माध्यम से आप वयक्त कर सकते है
तो चलिए शब्दो को उड़ान दे
कविताओ पर ध्यान दे ????
कविता की आत्मकथा
#विश्व कविता दिवस
मैं हूँ सबकी प्यारी कविता
कोई मुक्तो में कह दे
कोई छंदों में
कोई रचे प्यार से
कोई तिरस्कार में
मैं सबके मन का कहती हूँ
मैं सबके दिल मे रहती हूँ ।
किसी को लगूँ भली छोटी सी
तो किसी को बढ़ी कहानी सी
रंग अलग है , रूप अलग
पर सबकी हूँ मैं पसंद
बच्चों के मन को भाती हूँ
बुजुर्गों की अपनी कहलाती हूँ
अलग अलग सी भाषा सबकी
अलग हो चाहे देश
पर मैं कविता बनी सबकी " विशेष "
- कोई चीज़ नहीं
- कुछ भी नहीं
- शून्य
- एक बड़ा हंस अंडा
- नाडा
- ज़िल्च
- ज़िप्पो
- बहुत कम या बिल्कुल नहीं
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