गुजरात : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों 3 दिवसीय गुजरात यात्रा पर पहुचे

भागवत की यात्रा महत्वपूर्ण है। यह दौरा उनके पूर्वानुमानित प्रभाव को लेकर चर्चाएं तेज कर रहा है।

Apr 4, 2024 - 21:45
Apr 4, 2024 - 21:48
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गुजरात :  आरएसएस  प्रमुख  मोहन भागवत इन दिनों  3 दिवसीय गुजरात यात्रा पर पहुचे

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की गुजरात यात्रा पर तनाव

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की गुजरात यात्रा: राजनीतिक तनाव और सम्भावित प्रभाव

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की 3 दिवसीय गुजरात दौरा गुजराती राजनीति में उत्तेजना और तनाव की बातें लेकर आगे बढ़ी हैं। उनके दौरे के दौरान गुजरात भाजपा के भीतर राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गए हैं। विशेष रूप से वडोदरा और भरूच जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में बढ़ती गुटबाजी की पृष्ठभूमि में, भागवत की यात्रा महत्वपूर्ण है। यह दौरा उनके पूर्वानुमानित प्रभाव को लेकर चर्चाएं तेज कर रहा है।

1: राजनीतिक तनाव की बढ़त आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की गुजरात यात्रा के दौरान राजनीतिक तनाव बढ़ा है। उनके दौरे के समय गुजरात भाजपा के भीतर गठजोड़ की चुनौतियों का सामना हो रहा है।

 2: भाजपा के भीतर मतभेदों का सामना भागवत की यात्रा ने भाजपा के अंदर मतभेदों को सामने लाया है। उनके विचारों के प्रभाव को लेकर पार्टी के अंदर विवाद बढ़ सकते हैं।

 3: सुरक्षा बढ़ाई गई यात्रा के समय स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा की व्यवस्था में सख्ती बढ़ाई है। इसका मुख्य उद्देश्य आरामदायक और शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित करना है।

 4: राजनीतिक परिणामों की अपेक्षा इस यात्रा के परिणामस्वरूप गुजराती राजनीति में नयी रुचि और रूचिकर बदलाव की संभावना है। भाजपा के भीतर मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है और इसके प्रभाव को राजनीतिक वातावरण पर देखा जा रहा है।

आरएसएस के गुजरात प्रांत प्रचार प्रमुख विजय ठाकर ने बताया कि मोहन भागवत 6 अप्रैल को वडोदरा पहुंचेंगे, जहां उन्हें दोपहर 3:30 से 6:00 बजे तक भरूच में बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत सत्र में भाग लेने की जानकारी दी गई है। इसके बाद, 7 अप्रैल को उन्हें गरुड़ेश्वर स्थित दत्त मंदिर का दर्शन करने के लिए निर्देशित किया गया है। उसके बाद, वह दोपहर के सत्र के दौरान 3:30 से 6:00 बजे तक वडोदरा में बुद्धिजीवियों के साथ एक और बैठक बुलाएंगे।

यह दौरा न केवल गुजराती राजनीति में उत्तेजना बढ़ा रहा है बल्कि उसे राज्य में विभिन्न राजनीतिक समूहों के बीच विवाद का केंद्र बनाने का खतरा भी है। भागवत की यात्रा को लेकर राजनीतिक कलह बढ़ रहा है, जो भाजपा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। उनके विचारों और उनके द्वारा जाहिर की जाने वाली राजनीतिक रूचि को लेकर भाजपा के अंदर विभिन्न मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है।

इस यात्रा के महत्व को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा की व्यवस्था में सख्ती बढ़ाई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी प्रकार की अनवांछित घटना न हो, और स्थानीय लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।

इस प्रकार, मोहन भागवत की गुजरात यात्रा न केवल राजनीतिक दलों के बीच तनाव को बढ़ावा देने का काम कर रही है, बल्कि इसका यह भी परिणाम हो सकता है कि गुजरात की राजनीति में नयी रुचि और रूचिकर बदलाव आ सकें। इसे समय की नजर में देखना होगा कि इस यात्रा का राजनीतिक वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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