किसानों को खेती का तरीका बदलना होगा

बेहतर आय के लिए बहु-फसली खेती, डेयरी और मछली पालन या अन्य नकदी फसलें बोनी होंगी। उत्तर भारत के किसानों ने अगर खेती का तरीका नहीं बदला और मात्र गेहूं-चावल तक सीमित रहे तो स्थिति बिगड़ती जाएगी।

Apr 19, 2024 - 19:58
Apr 19, 2024 - 20:03
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किसानों को खेती का तरीका बदलना होगा

आंकड़े गवाह हैं कि खेती लगातार अलाभकर होती जा रही है। कृषि अर्थशास्त्रियों ने इस बात को राज्यवार नए आंकड़ों से समझाया है। भले ही मप्र, पंजाब, राजस्थान के किसान कुल बोए गए रकबे में गेहूं पैदा कर प्रति हेक्टेयर क्रमशः 53.92, 51.36 और 42.45% (सी-2 लागत पर) लाभ कमा रहे हों पर महाराष्ट्र के खेतिहर को सर्वाधिक घाटा (16.82%) होता है।

लेकिन अगर इन राज्यों में कृषि-जीडीपी प्रति हेक्टेयर देखें तो आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के किसान एक हेक्टेयर में देश में सर्वाधिक क्रमशः 6.43 लाख, 5.19 लाख और 5.14 लाख रुपए का उत्पादन करके खुशहाल हैं, जबकि पंजाब 13वें स्थान पर (3.71 लाख) है और वहां खेत तेजी से बंजर हो रहे हैं। बेहतर आय के लिए बहु-फसली खेती, डेयरी और मछली पालन या अन्य नकदी फसलें बोनी होंगी। उत्तर भारत के किसानों ने अगर खेती का तरीका नहीं बदला और मात्र गेहूं-चावल तक सीमित रहे तो स्थिति बिगड़ती जाएगी।

कई रिपोर्ट्स में बताया है कि पंजाब में खेती से कुल जीडीपी का 80 फीसदी केवल गेहूं और चावल से आता है, जबकि आंध्र में 24 प्रतिशत कृषि, वैल्यू-एडेड मत्स्य पालन से और तमिलनाडु में 39 प्रतिशत फलों की खेती से आता है। वैसे भी पंजाब में पानी का दोहन खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ना भूलें कि लोग अब अनाज से हट कर फल, दूध, हाई-प्रोटीन डाइट ले रहे हैं।.....

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Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।