सिविल सर्विस परीक्षा में इंजीनियरिंग सबसे जादा रहे हें

सिविल सेवा परीक्षा में इंजीनियरिंग के बढ़ते दबदबे का सबसे पहला और प्रमुख कारण सीएसएटी (सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट) यानी सी-सैट को माना जा रहा है।

Apr 27, 2024 - 19:09
May 3, 2024 - 14:01
 0  16

सिविल सेवा परीक्षा में सामयिक सुधार

पिछले कुछ वर्षों से सिविल सर्विस परीक्षा में इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का अधिक वर्चस्व देखा जा रहा है। बीते पांच वर्षों में तो सिविल सेवा के लिए चुने गए अधिकारियों में से 60 से 66 प्रतिशत अभ्यर्थी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के ही हैं। वहीं दूसरी ओर, महिलाओं की संख्या में पहले की तुलना में निरंतर वृद्धि हो रही है, फिर भी वह संख्या कम ही है। वस्तुतः सिविल सेवा परीक्षा में ऐसी कई विसंगतियां हैं, जिनमें सामयिक सुधार की आवश्यकता समझी जा रही है

सिविल सेवा परीक्षा में इंजीनियरिंग के बढ़ते दबदबे का सबसे पहला और प्रमुख कारण सीएसएटी (सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट) यानी सी-सैट को माना जा रहा है। इसे यूपीएससी ने वर्ष 2011 में लागू किया है। इस कारण से इंजीनियरिंग के छात्रों का इस तरफ रुझान तेजी से बढ़ा है। सिविल सेवा परीक्षा में जब से सी-सैट की शुरुआत की गई थी, तब से लेकर यह चर्चा में बना है। पिछले साल सी-सैट के कठिन स्तर को यूपीएससी अभ्यर्थियों द्वारा केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में चुनौती दी गई थी। याचिका के हवाले से अभ्यर्थियों ने कहा था कि यूपीएससी का सी-सैट पेपर न केवल पाठ्यक्रम से इतर था। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का मानना था कि पिछले बार की परीक्षा में पूछे गए सवालों का स्तर काफी ऊंचा था।

आजकल  सिविल सेवा परीक्षा में सामयिक सुधार प्रशासनिक सेवाओं में लगभग दो दशक पहले तक की सिविल सेवा परीक्षा की में महिलाओं की भागीदारी प्रतिशत थी। वर्ष 2019 में ये तक पहुंची। धीरे-धीरे इसमें रही है। वैसे सिविल सेवा में की भागीदारी सुनिश्चित भारत ने लंबा सफर तय यूपीएससी चयन सूची महज 20 29 प्रतिशत बढ़ोतरी हो महिलाओं करने के लिए किया है। वर्ष को भारतीय ) और 1951 में भारत में महिलाओं प्रशासनिक सेवा (आइएएस भारतीय पुलिस सेवा ( आइपीएस) समेत किसी भी तरह की नागरिक घोषित किया गया। सरकारी सेवा में पात्र आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 1951 से 2020 प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश कुल 11,569 आइएएस के बीच करने वाले अधिकारियों में महिलाओं की संख्या 1527 और राज्य स्तर पर विभिन्न नौकरियों में महिलाओं की रही। केंद्र लोक सेवा की गई है।


पिछले कुछ वर्षों में यह देखने है कि सिविल सेवा अब लिए एक लोकप्रिय करियर बनकर उभर रहा है। यह महिलाओं के का विकल्प कहने की जरूरत नहीं है कि यूपीएससी में कोई पक्षपात नहीं होता है। लेकिन हमने समय के साथ देखा है कि पुरुषों की तुलना में कम महिलाएं सिविल सेवाओं का विकल्प चुनती हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, परीक्षा में शामिल होने वाले प्रत्येक 10 पुरुषों में से केवल तीन महिलाएं होती हैं। अगर सिविल सेवा को जनसंख्या के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करना है,


अगर भारतीय मानकों के हिसाब से देखें तो हमारे अधिकारियों को बहुत अच्छा वेतन दिया जाता है। वेतन आयोग की संस्तुतियों में हर बार केंद्रीय अधिकारियों के लिए वेतन वृद्धि एवं अतिरिक्त सुविधाओं का तोहफा होता है। पेंशन की भी बहुत अच्छी व्यवस्था है। भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में चयन के बाद उनकी आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसके बावजूद केवल 10 प्रतिशत अधिकारी ऐसे हैं, जो अपने कार्यकाल में पूरी ईमानदारी से काम करते हैं। साथ ही, प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखते हैं। प्रधानमंत्री का यह कदम इस बात की ओर संकेत करता है कि इन 10 प्रतिशत के अलावा बचे 90 प्रतिशत अधिकारियों को भी उत्तरदायित्व बनाने की आवश्यकता है।

प्रशासनिक सुधार उभरती पिछले कुछ वर्षों से सिविल सर्विस परीक्षा में इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का अधिक वर्चस्व देखा जा रहा है। बीते पांच वर्षों में तो सिविल सेवा के लिए चुने गए अधिकारियों में से 60 से 66 प्रतिशत अभ्यर्थी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के ही हैं। वहीं दूसरी ओर, महिलाओं की संख्या में पहले की तुलना में निरंतर वृद्धि हो रही है, फिर भी वह संख्या कम ही है। वस्तुतः सिविल सेवा परीक्षा में ऐसी कई विसंगतियां हैं, जिनमें सामयिक सुधार की आवश्यकता समझी जा रही है जिनमें से आधी महिलाएं हैं, तो सेवाओं में उनका प्रतिनिधित्व भी नौकरशाही के सभी स्तरों पर बढ़ना चाहिए, जो उच्चतम स्तर से शुरू होता है। जाति और लैंगिक असमानताएं जिन्हें सुधार या नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है, लेकिन उचित समझ की कमी के कारण अक्सर अनदेखी की जाती है।

प्रशासन में महिलाओं की कम भागीदारी का कारण महिलाओं की ऐतिहासिक रूप से शिक्षा तक सीमित पहुंच होना भी है, जिसने प्रशासन में भागीदारी की उनकी क्षमता को बाधित किया है। यद्यपि हाल के वर्षों में परिदृश्य में कुछ सुधार आया है। आगे की राह प्रशासनिक सुधार की जरूरत लंबे समय से रेखांकित की जाती रही है। इसके लिए गठित समितियां और आयोग अनेक अवसरों पर अपने सुझाव पेश कर चुके हैं। उनमें से कुछ को लागू भी किया गया, पर प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों से जैसी दक्षता, कर्तव्यनिष्ठा और जवाबदेही की अपेक्षा की जाती रही है, वह पूरी नहीं हो पाई। अधिकारियों-कर्मचारियों में जब तक इन गुणों का अभाव बना रहेगा, सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों में न तो अपेक्षित गति आ पाएगी और न आम नागरिकों को उनके बुनियादी हक दिलाए जा सकेंगे।

महिलाएं भागीदारी इतनी कम है कि महिला उम्मीदवारों के लिए निःशुल्क आवेदन की सुविधा प्रदान में आया प्रौद्योगिकियों के बदलते स्वरूप और अर्थव्यवस्था की बढ़ती जटिलताओं के बीच लोगों की लोकतंत्र के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है। ऐसे में आमजन की इन अपेक्षाओं को पूरा करने में लोक सेवकों की भूमिका से कतई इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसे में जरूरत है कि द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग की संस्तुतियों को पूरी तरह से लागू किया जाए। गौरतलब है कि प्रशासनिक सुधार के मद्देनजर सरकार ने साल 2005 में द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया था। जिसने साल 2009 में शासन के तमाम पहलुओं से जुड़ी लगभग 15 रिपोर्ट सरकार की सौंपी थी। इन रिपोर्ट्स में आयोग द्वारा 1514 सिफारिशें की गई थी, जिनमें से 1183 संस्तुतियों को केंद्र सरकार ने स्वीकार भी कर लिया था। उसके बाद स्वीकृत संस्तुतियों के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को बाकायदा निर्देश भेजा गया था। इसमें इन संस्तुतियों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक संस्थागत तंत्र बनाने की बात कही गई थी। समय को मांग को
देखते हुए तर्कसंगतता और सेवाओं में सामंजस्य के जरिये केंद्रीय और राज्य स्तर पर मौजूदा 60 से अधिक अलग
यूपीएससी U.P.S.C स्वास्थ्य क्षेत्र को भी सिविल सेवा के दायरे में लाया जाना चाहिए।


अखिल भारतीय स्वास्थ्य सेवा का हो गठन पिछले कई दशकों का अनुभव बताता है कि स्वास्थ्य क्षेत्र की केंद्र पोषित और सहायतित योजनाओं के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तमाम महत्वपूर्ण योजनाएं, और कार्यक्रमों के अपेक्षित परिणाम भारत में सामने नहीं आ सके हैं। आज अरबों रुपये का बजट राज्यों को जारी किया जाता है, परंतु चिकित्सा और स्वास्थ्य की दिशा में नतीजे उत्साहवर्धक नहीं हैं। एनआरएचएम जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं में तमाम विसंगतियां देखने को मिलीं, जिससे इन कार्यक्रमों के पीछे मंशा पूरी नहीं हो सकी। यह स्थिति देखते हुए भारतीय चिकित्सा सेवा का सुजन करना एक बेहतर कदम होगा। मेडिकल कम्युनिटी भी कई कारणों से भारतीय चिकित्सा सेवा के गठन के पक्ष में है। पहला कारण तो यह है कि यदि चिकित्सा सेवाओं के अधिकारियों को आइएएस की तरह सुविधाएं मिलने लगे तो स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिकारी बनने के लिए युवा आकर्षित होंगे। भारत में 1,700 लोगों पर एक डाक्टर है, जबकि एक हजार लोगों पर एक डाक्टर होना चाहिए। इसके अलावा, नेशनल हेल्थ प्रोग्राम को भी बेहतर तरीके से लागू किया जाना इस सेवा को शुरू किए जाने की प्रमुख दलीलों में से एक है। 


सिविल सेवाओं को कम किया जाए। कम उम्र के सिविल सेवकों के मन-मस्तिष्क में ईमानदारी, तटस्थता और निष्पक्षता जैसे मूल्य आसानी से बिठाए जा सकते  दूसरी बात, वर्तमान में संयुक्त मेडिकल परीक्षा के जरिये जिन चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है, उन्हें चिकित्सा का तो ज्ञान होता है, लेकिन उनमें प्रशासनिक क्षमता की कमी होती है। व्यापक अनुभव रखने वाले चिकित्सक भी भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में व्याप्त चुनौतियों का समाधान करने में असमर्थ हैं, जिससे हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की गुणवत्ता में गिरावट आई है। ऐसे में अलग कैडर गठित करके यदि चिकित्सा अधिकारियों को भी आइएएस तथा आइपीएस की तर्ज पर ही नियुक्ति के बाद उन्हें दो वर्ष के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए, तत्पश्चात उन्हें सेवा देने का अवसर दिया जाना चाहिए, ताकि प्रशासनिक गुणों को विकसित करने में मदद मिल सके। आज हमें स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐसे अधिकारियों के पूल तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है, जो जिला स्तर पर जिला चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में कार्य कर सकें, जैसा कि भारतीय प्रशासनिक सेवाओं से आए हुए अधिकारी जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को और आइपीएस अधिकारी जिले में पुलिस महकमे को देखते हैं।

भविष्य में  हैं। इसलिए सिविल सेवाओं के लिए अधिकतम आयु सीमा को कम किया जाए, ताकि शासन में भ्रष्टाचार और पक्षपात जैसी समस्याओं से निपटा  यही चिकित्सा पदाधिकारी जिला स्तर पर कुछ साल का अनुभव अर्जित करने के बाद विभिन्न रोग नियंत्रण कार्यक्रमों के परियोजना अधिकारी और केंद्रीय एवं राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिवों के विभिन्न रैंकों और अन्य संबंधित पदों तक की प्रशासनिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभा सकें। ऐसे में कहा जा सकता है कि इंडियन मेडिकल सर्विस यानी आइएमएस चिकित्सा पेशेवरों को नीति बनाने का एक हिस्सा बनने और प्रशासन में सक्रिय नेतृत्व की भूमिका निभाने का अवसर प्रदान कर सकता है, जिससे हमारी स्वास्थ्य प्रणाली स्थिर में सुधार होगा।

ऐसा संभव होता है तो गुणवत्ता से परिपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के कुशल कार्यान्वयन से गरीबों को बहुत लाभ मिलेगा। उनका स्वास्थ्य खर्च कम होने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। साथ ही स्वास्थ्य कैडर के निर्माण से उन नौकरशाहों को मुक्त किया जा सकेगा, जिनका महत्व अन्य विभागों में अधिक है। संक्षेप में कहें तो सार्वजनिक स्वास्थ्य कैडर के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं के मानवीकरण, वित्तीय प्रबंधन, स्वास्थ्य सामग्री प्रबंधन, तकनीकी विशेषज्ञता एवं आवश्यक सामाजिक निर्धारकों की प्राप्ति में मदद मिलेगी। (कैलाश बिश्नोई)  जा सके। मोटे तौर पर भर्ती, प्रशिक्षण, मूल्यांकन व गवर्नेस, इन सभी स्तरों पर बारीकी से सुधार करके लोक सेवकों की  भूमिका को बेहतर बनाया जा सकता है

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक bharatiya news देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com भारतीय न्यूज़ नई और सटीक जानकारी समय पर लोगों तक पहुँचे। हमारा उद्देश्य है कि पाठकों को सरल भाषा में ताज़ा, विश्वसनीय और महत्वपूर्ण समाचार मिलें, How to earn money online in India, How to start blog in 2025, How to lose weight fast at home, How to make resume on phone, How to get government job easily, How to cook biryani at home, How to invest in stock market India, How to improve English speaking skills, How to create YouTube channel, How to do meditation properly, How to learn coding from scratch, How to save money every month, How to increase Instagram followers, How to get glowing skin naturally, How to download YouTube videos, How to apply for passport online, How to prepare for UPSC exam, How to control anger instantly, How to reduce stress and anxiety, How to open bank account online, How to start freelancing career, How to get fit without gym, How to make reels viral, How to create Paytm account, How to apply for driving licence, How to check PF balance online, How to remove dark circles naturally, How to get scholarship in India, How to become rich in short time, How to make Dalgona coffee at home, How to get admission in DU, How to link Aadhaar with PAN card, How to make money from Instagram, How to repair mobile phone at home, How to register for GST in India, How to make website free, How to crack SSC CGL exam, How to apply for voter ID online, How to increase height naturally, How to write essay in Hindi, How to check mobile number owner, How to get rid of pimples fast, How to do yoga at home, How to become actor in Bollywood, How to book train ticket online, How to use ChatGPT in Hindi, How to transfer money from UPI, How to delete Instagram account permanently, How to learn digital marketing free, How to start small business in India, इन सभी विषये के आप ब्लॉग समाचार पढ़े भारत में ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए, 2025 में ब्लॉग कैसे शुरू करें, घर पर तेजी से वजन कैसे कम करें, फोन पर रिज्यूमे कैसे बनाएं, आसानी से सरकारी नौकरी कैसे पाएं, घर पर बिरयानी कैसे पकाएं, भारत में शेयर बाजार में निवेश कैसे करें, अंग्रेजी बोलने के कौशल को कैसे सुधारें, YouTube चैनल कैसे बनाएं, ध्यान कैसे ठीक से करें, स्क्रैच से कोडिंग कैसे सीखें, हर महीने पैसे कैसे बचाएं, इंस्टाग्राम फॉलोअर्स कैसे बढ़ाएं, प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा कैसे पाएं, YouTube वीडियो कैसे डाउनलोड करें, पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कैसे करें, गुस्से को तुरंत कैसे नियंत्रित करें, तनाव और चिंता को कैसे कम करें, ऑनलाइन बैंक खाता कैसे खोलें, फ्रीलांसिंग करियर कैसे शुरू करें, बिना जिम के फिट कैसे रहें, रील्स को वायरल कैसे करें, पेटीएम अकाउंट कैसे बनाएं, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें, ऑनलाइन पीएफ बैलेंस कैसे चेक करें, प्राकृतिक रूप से डार्क सर्कल कैसे हटाएं, भारत में छात्रवृत्ति कैसे प्राप्त करें, कम समय में अमीर कैसे बनें, घर पर डालगोना कॉफी कैसे बनाएं, डीयू में एडमिशन कैसे लें, आधार को पैन कार्ड से कैसे लिंक करें, इंस्टाग्राम से पैसे कैसे कमाएं, घर पर मोबाइल फोन कैसे रिपेयर करें, भारत में जीएसटी के लिए पंजीकरण कैसे करें, वेबसाइट को मुफ्त कैसे बनाएं, एसएससी सीजीएल परीक्षा कैसे पास करें, वोटर आईडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, प्राकृतिक रूप से लंबाई कैसे बढ़ाएं, हिंदी में निबंध कैसे लिखें, मोबाइल नंबर के मालिक की जांच कैसे करें, पिंपल्स से जल्दी कैसे छुटकारा पाएं, घर पर योग कैसे करें, बॉलीवुड में अभिनेता कैसे बनें, ऑनलाइन ट्रेन टिकट कैसे बुक करें, हिंदी में चैटजीपीटी का उपयोग कैसे करें, यूपीआई से पैसे कैसे ट्रांसफर करें, इंस्टाग्राम अकाउंट को हमेशा के लिए कैसे डिलीट करें, मुफ्त में डिजिटल मार्केटिंग कैसे सीखें, भारत में छोटा व्यवसाय कैसे शुरू करें,