अखिल भारतीय संत समिति ने दिया नारा, 'राम मंदिर का उपहार, फिर एक बार मोदी सरकार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार के साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी भाग लिया।

Mar 5, 2024 - 16:10
Mar 5, 2024 - 16:18
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अखिल भारतीय संत समिति ने दिया नारा, 'राम मंदिर का उपहार, फिर एक बार मोदी सरकार

अखिल भारतीय संत समिति ने दिया नारा, 'राम मंदिर का उपहार, फिर एक बार मोदी सरकार

लोकसभा चुनावों से पहले अखिल भारतीय संत समिति ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए नारा दिया है कि 'राम मंदिर का उपहार, फिर एक बार मोदी सरकार'। संत समिति की इस बैठक में राष्ट्रहित से जुड़े कई और महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मुंबई के निकट भायंदर स्थित रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी परिसर में दो और तीन मार्च को अखिल भारतीय संत समिति राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।

इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार के साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी भाग लिया। संत समिति ने कहा, मंदिर निर्माण का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को है, इसलिए रिटर्न गिफ्ट के तौर पर हिंदू समाज नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री के पद पर आसीन करेगा।

बैठक में उपमुख्यमंत्री ने संत समाज को आश्वस्त किया कि काशी, अयोध्या और जगन्नाथपुरी की तर्ज पर महाराष्ट्र के तीर्थ स्थलों को भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकार स्कूलों के मिड-डे मील में केवल शाकाहारी भोजन देने के विकल्प पर विचार कर रही है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि संत समिति राजनीतिक दलों को नौ बिंदुओं का एक अपेक्षापत्र सौंपेगी, जो दल इन बिंदुओं को अपने घोषणापत्र में शामिल करेगा, 

 हिंदू समाज अपना समर्थन देगा। विहिप के आलोक कुमार ने कहा कि श्रीकाशी ज्ञानवापी पर आए सर्वे रिपोर्ट हमारे पक्ष को मजबूत किया है। सारे प्रमाण हमारे पक्ष में हैं। इसलिए ज्ञानवापी एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि को हम संवैधानिक उपायों से ही प्राप्त करेंगे। आरएसएस के दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि 2025 में संघ का शताब्दी वर्ष है। ये विषय हैं, सामाजिक समरसता, जन्म आधारित भेदभाव से मुक्त हिंदू समाज, पर्यावरण संरक्षण और स्वदेशी जीवनशैली।

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