संघ के नेता भय्याजी जोशी के मोतिवेशनल भाषण: सफलता की अहमियत और जीवन का सार्थकता

यश-अपयश का विचार किए बिना ध्येयनिष्ठ जीवन ही सार्थक होता है – भय्याजी जोशी

Oct 31, 2023 - 11:17
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संघ के नेता भय्याजी जोशी के मोतिवेशनल भाषण: सफलता की अहमियत और जीवन का सार्थकता
जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सदस्य भय्याजी जोशी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी ने कहा कि जीवन में व्यावहारिक सफलता परिश्रम और अध्ययन से प्राप्त हो सकती है, लेकिन सफलता की चिन्ता नहीं करते हुए ध्येयनिष्ठ और यश-अपयश का विचार किए बिना जीवन जीने वालों का ही जीवन सार्थक होता है. भय्याजी जोशी रविवार शाम को पाथेय भवन मालवीय नगर स्थित नारद सभागार में पाथेय कण के संरक्षक एवं वरिष्ठ प्रचारक माणकचन्द जी के सम्मान में आयोजित प्रेरणा समारोह में सम्बोधित कर रहे थे.

  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी ने सफलता के माध्यम के रूप में परिश्रम और अध्ययन की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया, लेकिन उन्होंने सफलता की चिंता करने के बजाय ध्येयनिष्ठता और यश-अपयश का महत्व भी बताया।

  • भय्याजी जोशी ने पाथेय कण के संरक्षक और वरिष्ठ प्रचारक माणकचन्द जी के सम्मान में प्रेरणा समारोह में भाषण दिया, जिसमें उन्होंने संघ के योगदान के महत्व को बताया।

  • संघ के महत्व को बढ़ावा देने के लिए पत्रिकाओं के प्रसार को महत्वपूर्ण माना गया, और पाथेय कण पत्रिका को लोक जागरण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका देने की बात की गई।

  • माणकचन्द जी के सम्मान के अवसर पर उन्हें विशेष धन्यवाद दिया और उनके 34 सालों के सेवानिवृत्ति का स्मरण किया गया।

  • प्रेरणा समारोह में पात्रिका के प्रसार और वितरण में योगदान देने वाले कई और व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया।

उन्होंने कहा कि जीवन में कठिनाइयों और बाधाओं से बिना रुके अथवा विचलित हुए सतत राष्ट्र एवं समाज निर्माण का कार्य करने वाले श्रेष्ठ व्यक्तित्वों का निर्माण संघ ने किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वरूप यदि आज राष्ट्र निर्माण के महामार्ग का है तो इसमें सर्वाधिक योगदान उन कार्यकर्ताओं का है, जिन्होंने इस पर तब चलना शुरू किया जब यह पगडंडी था. माणकचन्द ऐसे ही समर्पित वरिष्ठ प्रचारक हैं, जिन्होंने पाथेय कण की सफलता से स्वयं को जोड़कर अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.

भय्याजी जोशी ने राष्ट्रीय विचार से जुड़ी पत्रिकाओं के प्रसार के साथ- साथ इनके पाठक वर्ग के भी अधिकाधिक प्रसार पर बल दिया. पाथेय कण पत्रिका पूरी प्रखरता और दृढ़ता के साथ लोक जागरण का कार्य कर रही है.

माणकचन्द जी का इस अवसर पर माला पहना कर, शॉल एवं श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया गया. माणकचन्द जी ने कहा कि संघ कार्य ईश्वरीय कार्य है. संघ कार्य को बढ़ावा देने में जागरण पत्रिकाओं का विशेष महत्व है. परिवारों में संस्कार निर्माण और सद्विचार के प्रसार के लिए सभी पाथेय कण पत्रिका को पढ़ें और दूसरों को भी इसे पढ़ने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने पाथेय कण के 35 वर्ष तक सम्पादक रहे कन्हैया लाल चतुर्वेदी सहित अन्य कार्यकर्ताओं के योगदान को याद किया.

पाथेय कण संस्थान के अध्यक्ष प्रो. नंदकिशोर पांडेय ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि पत्रिका के प्रसार में इससे जुड़े कार्यकर्ताओं और पाठकों का ही सबसे अधिक योगदान है. पाथेय कण संस्थान के सचिव महेन्द्र सिंहल ने पाथेय कण जागरण पत्रिका की अप्रैल 1985 से प्रारम्भ हुई प्रकाशन यात्रा के बारे में सभी को अवगत कराया. पत्रिका अब एक लाख 16 हजार से अधिक प्रतियों के साथ प्रकाशित की जा रही है. पाक्षिक पत्रिका का यह आंकड़ा एक बार 1,72,000 को भी छू चुका है. पाथेय कण पत्रिका के प्रकाशन में वरिष्ठ प्रचारक माणकचन्द जी का गत 34 वर्ष से निरंतर प्रेरणादायी और अविस्मरणीय योगदान रहा है. पाथेय कण पत्रिका के सम्पादक रामस्वरूप अग्रवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया.

पत्रिका के प्रसार एवं वितरण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महिपाल सिंह राठौड़, डॉ. विजय दया एवं देवीलाल मीणा को भी सम्मानित किया गया. आरम्भ में भय्याजी जोशी सहित अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,