सही खानपान से कम हो सकता है कैंसर का खतरा: जानें इलाज से पहले और बाद में कैसी हो डाइट

कैंसर से बचाव और उपचार के दौरान सही खानपान की अहम भूमिका होती है। इस ब्लॉग में जानें कैंसर के खतरे को कम करने के लिए क्या खाएं, इलाज के दौरान और बाद में पोषक आहार कैसे मददगार साबित हो सकता है, और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कौन से खाद्य पदार्थ अधिक फायदेमंद हैं। Proper diet can reduce the risk of cancer, कैंसर और पोषण का गहरा रिश्ता,

Apr 13, 2025 - 05:06
Apr 13, 2025 - 05:09
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सही खानपान से कम हो सकता है कैंसर का खतरा: जानें इलाज से पहले और बाद में कैसी हो डाइट

सही खानपान से कम हो सकता है कैंसर का खतरा: जानें इलाज से पहले और बाद में कैसी हो डाइट

कैंसर से बचाव और उपचार के दौरान सही खानपान की अहम भूमिका होती है। इस ब्लॉग में जानें कैंसर के खतरे को कम करने के लिए क्या खाएं, इलाज के दौरान और बाद में पोषक आहार कैसे मददगार साबित हो सकता है, और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कौन से खाद्य पदार्थ अधिक फायदेमंद हैं।

  1. कैंसर एक जानलेवा बीमारी है।
  2. हेल्‍दी डाइट से इम्‍युन‍िटी मजबूत होती है।
  3. कैंसर से बचाव के लिए एक्सरसाइज करना चाह‍िए।

कैंसर—यह एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनते ही व्यक्ति के मन में डर बैठ जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो समय रहते इलाज न मिलने पर जानलेवा साबित हो सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके रोजमर्रा के खानपान का इससे गहरा संबंध होता है? जी हां, सही और संतुलित आहार न सिर्फ कैंसर से बचाव करता है, बल्कि इलाज के दौरान और बाद में भी यह आपकी सेहत को बेहतर बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाता है।

कैंसर और पोषण का गहरा रिश्ता

अक्सर लोग यह सोचते हैं कि कैंसर केवल अनुवांशिक कारणों से होता है, लेकिन अनुचित जीवनशैली, प्रोसेस्ड फूड और पोषण की कमी भी इसके खतरे को बढ़ा सकते हैं। जब आप पौष्टिक आहार लेते हैं, तो आपकी इम्युनिटी मजबूत होती है और शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है। यही ताकत कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में भी मदद करती है।

कैंसर से बचाव में हेल्दी डाइट का योगदान

  1. हरी पत्तेदार सब्जियां – पालक, मेथी, सरसों जैसे पत्तेदार साग में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं।

  2. ताजे फल – विटामिन C, A और फाइबर से भरपूर फल शरीर में सूजन को कम करते हैं।

  3. साबुत अनाज – ओट्स, ब्राउन राइस और दलिया पाचन को दुरुस्त करते हैं और लंबे समय तक ऊर्जा देते हैं।

  4. दालें और नट्स – इनमें प्रोटीन और ज़रूरी फैटी एसिड होते हैं, जो शरीर को मजबूत बनाते हैं।

वहीं दूसरी ओर तला-भुना खाना, रेड मीट, मीठा और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि खानपान में सादगी और संतुलन बनाए रखा जाए।

इलाज के दौरान कैसी हो डाइट?

कैंसर का इलाज—चाहे वह कीमोथेरेपी हो, रेडिएशन या इम्यूनोथेरेपी—शरीर को अंदर से थका देता है। इस दौरान मरीज को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जा की जरूरत होती है। ऐसे में डाइट का महत्व और बढ़ जाता है।

इलाज के दौरान जरूरी पोषक तत्व:

  • प्रोटीन – शरीर की मांसपेशियों को बनाए रखने और रिकवरी में मदद करता है।

  • कैलोरी – इलाज के समय शरीर अधिक ऊर्जा खर्च करता है, इसलिए अधिक कैलोरी वाला भोजन जरूरी होता है।

  • विटामिन और मिनरल्स – रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

  • पानी – शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखना बेहद जरूरी होता है, खासकर जब मरीज को उल्टी या दस्त जैसी समस्याएं हो रही हों।

इलाज के बाद भी जरूरी है खानपान का ख्याल

इलाज खत्म होने के बाद मरीजों को यह सोचकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए कि अब सब ठीक हो गया। शरीर को पूरी तरह से रिकवर करने के लिए संतुलित आहार की निरंतर जरूरत होती है। साथ ही, एक अच्छा डाइट प्लान कैंसर के दोबारा होने के खतरे को भी कम करता है।

  • हल्का, सुपाच्य और पोषणयुक्त आहार लें।

  • डिब्बाबंद, प्रोसेस्ड या अधिक नमक-चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

  • ग्रीन टी और ताजे फलों के जूस को प्राथमिकता दें।

हाइजीन और खानपान की सावधानियां

कैंसर के इलाज के दौरान शरीर की इम्युनिटी काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे में खानपान के साथ-साथ स्वच्छता का ध्यान रखना भी जरूरी है:

  • खाना बनाते समय और खाते समय हाथ अच्छे से धोएं।

  • ताजे और साफ-सुथरे फल व सब्जियों का ही उपयोग करें।

  • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सप्लीमेंट, आयुर्वेदिक या घरेलू नुस्खा न अपनाएं।

एक्सरसाइज और हेल्दी लाइफस्टाइल का साथ

सिर्फ डाइट ही नहीं, बल्कि नियमित व्यायाम, योग, ध्यान और अच्छी नींद भी कैंसर से लड़ने और बचाव में मदद करते हैं। रोजाना 30 मिनट की हल्की एक्सरसाइज शरीर की कार्यक्षमता को बढ़ाती है।


कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ाई सिर्फ दवाओं और इलाज से नहीं लड़ी जा सकती। इसमें खानपान, जीवनशैली और मानसिक स्थिति की भी अहम भूमिका होती है। अगर आप पहले से ही हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल अपनाते हैं, तो आप इस बीमारी के खतरे को बहुत हद तक कम कर सकते हैं।

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