Photonic chips अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग क्रांति की ओर भारत का कदम

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Apr 16, 2025 - 16:08
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Photonic chips अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग क्रांति की ओर भारत का कदम

फोटोनिक चिप्स: अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग क्रांति की ओर भारत का कदम

Photonic chips India step towards the next generation computing revolution

आज जब दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 6G और क्वांटम कंप्यूटिंग की ओर तेज़ी से बढ़ रही है, भारत सरकार ने फोटोनिक चिप्स जैसी अगली पीढ़ी की तकनीकों के अनुसंधान और विकास को प्राथमिकता दी है। ये फोटोनिक चिप्स डेटा को प्रोसेस और ट्रांसमिट करने के लिए पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक संकेतों की जगह प्रकाश का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें कई तरह के फायदे प्राप्त होते हैं – अल्ट्रा-हाई स्पीड, अधिक बैंडविड्थ, कम ऊर्जा खपत और न्यूनतम गर्मी का उत्पादन।

क्यों फोटोनिक चिप्स हैं महत्वपूर्ण?

फोटोनिक चिप्स न केवल तेज़ और शक्तिशाली हैं, बल्कि ये विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप से भी प्रभावित नहीं होते। इनकी यह विशेषता उन्हें 6G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, डेटा सेंटर, ऑप्टिकल इंटरकनेक्ट्स और न्यूरल नेटवर्क त्वरण जैसे क्षेत्रों में अत्यंत उपयोगी बनाती है। यही नहीं, ये क्वांटम संचार जैसी नई और उन्नत तकनीकों में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने में सक्षम हैं।

भारत सरकार की प्रमुख पहलें

भारत सरकार ने फोटोनिक तकनीकों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कई संस्थानों और मिशनों को सक्रिय किया है:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) विभिन्न फोटोनिक एकीकृत सर्किट्स (PICs) पर अनुसंधान को सहयोग दे रहा है, जो सिलिकॉन, लिथियम नियोबेट, डायमंड, पॉलिमर जैसे अलग-अलग प्लेटफार्मों पर आधारित हैं।

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा राष्ट्रीय क्वांटम मिशन लागू किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत IISc बेंगलुरु में एक थीमैटिक केंद्र की स्थापना की गई है। यह केंद्र फोटोनिक क्यूबिट्स और क्वांटम प्रोसेसर के विकास पर केंद्रित है।

  • C-DOT और C-DAC जैसे संस्थान पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम की वितरण (QKD), और क्वांटम सुरक्षित स्मार्ट वीडियो/वॉइस कॉलिंग उपकरणों के विकास में कार्यरत हैं।

साइबर सुरक्षा और एआई के क्षेत्र में बढ़ती सक्रियता

फोटोनिक और क्वांटम तकनीकों के साथ-साथ भारत साइबर सुरक्षा और जिम्मेदार एआई पर भी विशेष ध्यान दे रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) लगातार मशीन लर्निंग आधारित खतरों और सुरक्षा उपायों पर काम कर रही है।

  • मई 2023 में CERT-In द्वारा नई साइबर सुरक्षा सलाह जारी की गई थी।

  • सितंबर 2024 में AI में प्रमाणित सुरक्षा पेशेवर (CSPAI) कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

  • फरवरी 2025 में CERT-In ने फ्रांस की राष्ट्रीय साइबर एजेंसी के साथ मिलकर AI पर एक उच्च-स्तरीय जोखिम विश्लेषण रिपोर्ट प्रकाशित की।

  • स्मार्ट सिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश भी प्रकाशित किए गए, जिसमें AI और ML के सुरक्षित उपयोग पर बल दिया गया है।

न्यूरोमोर्फ़िक कंप्यूटिंग में भी प्रगति

न्यूरोमोर्फ़िक कंप्यूटिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो मानव मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली से प्रेरित होकर चिप्स डिज़ाइन करता है। यह कंप्यूटिंग के क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता और गति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखता है। MeitY इस क्षेत्र में भी अनुसंधान को सक्रिय समर्थन दे रहा है।

भारत सरकार का यह दृष्टिकोण न केवल देश को अगली पीढ़ी की तकनीकों में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत को तकनीकी नेतृत्व की दिशा में भी अग्रसर करेगा। फोटोनिक चिप्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, जिम्मेदार एआई और न्यूरोमोर्फिक तकनीक जैसे क्षेत्रों में हो रहा यह प्रयास भारत को डिजिटल युग की अगुवाई करने के लिए तैयार कर रहा है।

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