मौनी अमावस्या के दूसरे दिन दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

मौनी अमावस्या के दूसरे दिन दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी, More than two crore devotees took holy dip the second day Mauni Amavasya, PRAYAGRAJ, कुम्भ,

Jan 31, 2025 - 05:54
Jan 31, 2025 - 05:56
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मौनी अमावस्या के दूसरे दिन दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

मौनी अमावस्या के दूसरे दिन दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी


आस्थावानों ने पवित्र जलधारा में किया स्नान, गंगा व यमुना के घाटों पर रही अपार भीड़

तीन बजे से लगने लगी त्रिवेणी में डुबकी, श्रद्धालुओं का आना दिनभर रहा जारी

मौनी अमावस्या के दूसरे दिन गुरुवार को पावन त्रिवेणी समेत सभी स्नान घाट भक्तों व स्नानार्थियों से सराबोर दिखे। बड़ी संख्या में ऐसे श्रद्धालु भी थे, जो बुधवार को भीड़ के कारण स्नान नहीं कर पाए थे। गुरुवार को गुप्त नवरात्र की प्रतिपदा थी। इसलिए भी जमकर स्नान हुआ। मध्य रात्रि लगभग तीन बजे शुरू हुआ स्नान का क्रम दिनभर चलता रहा। मेला प्रशासन का दावा है लगभग दो करोड़, छह लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। 29 जनवरी तक कुल 27.58 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का दावा था। यह संख्या 2019 में कुल स्नानार्थियों की संख्या 24.50 करोड़ से अधिक है।

 


गुरुवार को स्नान कर रहे स्नानार्थियों के चेहरों पर लंबी यात्रा की थकान तो दिखी, मगर उत्साह और उल्लास में कोई कमी नजर नहीं आई। संगम तट के साथ ही झुंसी व अरैल की तरफ बने कच्चे व पक्के स्नान घाटों पर भी विशाल जनसागर दिखा। नागपुर से सपरिवार आए मुकेश भगत का कहना था कि अरैल की तरफ से प्रवेश करने के बाद भारी भीड़ के कारण किला घाट पहुंचने में मुश्किल तो हुई, मगर पवित्र जलधारा में डुबकी लगाते ही नई ऊर्जा का संचार हुआ।

संगम नोज पर डुबकी लगा चुके हिसार निवासी घनश्याम का कहना था कि ये हमारे जन्मों का फल तो है ही, साथ ही यह पुरखों के पुण्य कर्मों का फल है कि इस पवित्र अवसर का साक्षी बनने और पुण्य की डुबकी लगाने का अवसर प्राप्त हुआ। राजस्थान के सीकर से आए रामअवतार चौधरी ने कहा, 'गंगा के शीतल जल से जैसे ही शरीर का स्पर्श हुआ, ऐसा लगा मानो सारी थकान और सारे व्यवधान पल भर में गायब हो गया हो।' स्नान के लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय जनता भी थी।

सिद्ध-साध्य योग में लगेगी वासंतिक डुबकी
जप-तप, यज्ञ-अनुष्ठान के महापर्वमहाकुंभ में भवित और समर्पण की अलख जग रही है। संत और श्रद्धालु तीसरे अमृत स्नान पर्व वसंत पंचमी पर संगम में डुबकी लगाने को आतुर हैं। तीन फरवरी को वसंत पंचमी स्नान पर्व पर सिद्ध और साध्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार माघ मास शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि दो फरवरी को दिन में 11.53 बजे से तीन फरवरीकी सुबह 9.36 बजे तक रहेगी।

सुबह 8.58 बजे तक सिद्ध योग रहेगा। मकर राशि में सूर्य और मीन राशि में चंद्रमा, शुक्र व राहू संचरण करेंगे। पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मां सरस्वती का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

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