जीतन राम मांझी का कटाक्ष: "प्रशांत किशोर का प्रचार तंत्र सक्रिय, लेकिन जनता कर्म को महत्व देती है"
इमामगंज, गया (बिहार) – केंद्रीय मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जन सुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर का प्रचार तंत्र सक्रिय है और वह अपना और दूसरों का प्रचार करने में जुटे हैं। लेकिन बिहार की जनता सिर्फ प्रचार पर विश्वास नहीं करती। मांझी का मानना है कि जनता कर्म को महत्व देती है और वास्तविकता में किए गए कार्यों को देखती है।
उन्होंने आगे कहा, "2005 से पहले उनके माता-पिता भी राजनीति में सक्रिय थे, लेकिन तब उन्होंने कितने रोजगार दिए? आदमी को कर्म करना चाहिए, क्योंकि फल देने वाला ऊपर वाला है।" मांझी का इशारा स्पष्ट रूप से प्रशांत किशोर के परिवार की राजनीति में मौजूदगी और उनके द्वारा किए गए कार्यों की ओर था।
जीतन राम मांझी: जीवन परिचय
जीतन राम मांझी बिहार के एक प्रमुख दलित नेता हैं, जिन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों में कार्य किया है और राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उनका जन्म 6 अक्टूबर 1944 को गया जिले के महकार गांव में हुआ था। मांझी का राजनीतिक सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पद पर भी कार्य किया और दलित समुदाय की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया।
मांझी का राजनीतिक सफर जनता दल (यूनाइटेड) से शुरू हुआ था, लेकिन बाद में उन्होंने अलग पार्टी बनाई और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ गए। वर्तमान में वे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा हैं और बिहार की राजनीति में एक अनुभवी नेता माने जाते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य दलित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम करना है।
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