संभल के कार्तिकेय महादेव मंदिर में 46 साल बाद खेली गई होली, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

संभल के कार्तिकेय महादेव मंदिर में 46 साल बाद खेली गई होली, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, Holi was played after 46 years in Kartikeya Mahadev temple of Sambhal, strict security arrangements were made, 1978 दंगों के बाद से था मंदिर बंद, मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब,

Mar 14, 2025 - 05:31
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संभल के कार्तिकेय महादेव मंदिर में 46 साल बाद खेली गई होली, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

संभल के कार्तिकेय महादेव मंदिर में 46 साल बाद खेली गई होली, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के खग्गूसराय स्थित प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर में 46 साल बाद होली का आयोजन किया गया। 1978 के दंगे के बाद बंद हुए इस मंदिर को पिछले साल प्रशासन ने खुलवाया था, जिसके बाद इस वर्ष होली का विशेष आयोजन किया गया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा इस अवसर पर खास इंतजाम किए गए थे, और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ड्रोन से निगरानी की गई।

मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

रंगभरी एकादशी के पावन अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। लोगों ने भगवा गुलाल उड़ाकर और रंग खेलकर उल्लासपूर्वक होली मनाई। इस दौरान स्थानीय प्रशासन ने भारी पुलिस बल की तैनाती कर रखी थी। मंदिर के आसपास ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही थी, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।

1978 दंगों के बाद से था मंदिर बंद

गौरतलब है कि 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद इस क्षेत्र से हिंदू आबादी का पलायन हो गया था, जिसके चलते मंदिर में पूजा-पाठ पूरी तरह बंद हो गया था और इस पर कब्जा कर लिया गया था। पिछले साल 24 नवंबर को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद संभल जिला प्रशासन ने इस मंदिर को पुनः खोजकर इसका जीर्णोद्धार कराया और पूजा-अर्चना की शुरुआत करवाई।

विहिप ने किए विशेष इंतजाम

इस वर्ष विश्व हिंदू परिषद ने घर-घर जाकर भगवा गुलाल बांटने और भव्य आयोजन की तैयारियां की थीं। श्रद्धालुओं के जोश और आस्था को देखते हुए प्रशासन ने भी विशेष सुरक्षा इंतजाम किए।

लोगों ने जताया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार

मंदिर में 46 साल बाद फिर से होली के आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया। लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि इतने वर्षों बाद वे अपने आराध्य के मंदिर में पुनः पूजा और उत्सव मना पा रहे हैं।

मंदिर की ऐतिहासिकता और धार्मिक महत्व को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी। चूंकि यह मंदिर जामा मस्जिद से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है, इसलिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। श्रद्धालुओं ने भी शांति और श्रद्धा के साथ आयोजन को सफल बनाया।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,