हिंदू भाई बहनों को नवरात्रि की शुभकामनाएं सभी मुसलमान भाइयों को ईद मुबारक हो

Happy Navratri to all Hindu brothers and sisters Eid Mubarak all Muslim brothers, हिंदू भाई बहनों को नवरात्रि की शुभकामनाएं सभी मुसलमान भाइयों को ईद मुबारक हो Eid 2025, Eid-ul-Fitr, Eid Mubarak, PR Pathak Eid Post, Eid Namaz, Eid Namaz Controversy, Wakf Board India, India Eid News, Road Namaz Debate, Social Media Reactions on Eid, Jumma Namaz India

Mar 31, 2025 - 06:29
Mar 31, 2025 - 06:31
 0  25
हिंदू भाई बहनों को नवरात्रि की शुभकामनाएं सभी मुसलमान भाइयों को ईद मुबारक हो

हिंदू भाई बहनों को नवरात्रि की शुभकामनाएं सभी मुसलमान भाइयों को ईद मुबारक हो

ईद-उल-फितर की देशभर में धूम, आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश

नई दिल्ली: देशभर में आज ईद-उल-फितर की रौनक देखने को मिल रही है। मस्जिदों और ईदगाहों में हजारों की संख्या में नमाज़ी पहुंचे और देश की खुशहाली के लिए दुआ मांगी। लोगों ने एक-दूसरे को "ईद मुबारक" कहकर बधाई दी और प्यार और भाईचारे का संदेश दिया।

सोशल मीडिया पर भी #EidMubarak, #EidUlFitr2025 जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग एक-दूसरे को ईद की शुभकामनाएं दे रहे हैं, वहीं कई हिंदू भाइयों ने भी अपने मुस्लिम दोस्तों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, और अन्य बड़े नेताओं ने भी ट्वीट कर देशवासियों को ईद की शुभकामनाएं दीं।

शांति और सौहार्द की अपील

इस बीच, कुछ लोग सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील भी कर रहे हैं। त्योहारों के इस मौके पर लोगों ने शांति और प्रेम बनाए रखने का संदेश दिया है।

देश के अलग-अलग हिस्सों में मीठी सेवइयां और तरह-तरह के पकवान बनाकर ईद का जश्न मनाया जा रहा है। छोटे-बड़े सभी लोग नए कपड़े पहनकर एक-दूसरे से गले मिले और आपसी एकता की मिसाल पेश की।

नवरात्रि और ईद एक साथ, देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक

संयोग से इस बार नवरात्रि और ईद-उल-फितर लगभग एक ही समय पर पड़े हैं, जिससे देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब की खूबसूरती और भी निखरकर सामने आई। मंदिरों में भक्त माँ दुर्गा की आराधना में लीन हैं, वहीं मस्जिदों में ईद की नमाज़ अदा की गई।

"भारत विविधता में एकता का देश है, जहाँ सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर त्योहार मनाते हैं। यही हमारी असली पहचान है।" – यह कहना है दिल्ली के जामा मस्जिद के पास रहने वाले एक दुकानदार का, जिन्होंने अपने हिंदू दोस्तों को सेवइयां खिलाकर ईद मनाई।

देशभर से अभी तक किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है, और सभी शहरों में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।

PR PATHAK LIKHNE HAIN 

“ईद पर... मेरा भी कुछ पैगाम है”
भारत में लगभग 30 करोड़ मुस्लिम है..
(इसमे 6 करोड़ रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को मैने नहीं जोड़ा है)
बाकी लेख कमेंट में है.. पढ़िए...
सिर्फ 30 करोड़ मुसलमानों की बात करते हैं..
जिनमें महिलाओं को नमाज पढ़ने का अधिकार नहीं है। तो इस हिसाब से नमाज पढ़ने वाले कुल 15 करोड़ लोग हुए.....
इनमें भी लगभग 3 करोड़ ऐसे हैं जो नमाज नहीं पढ़ते जैसे वृद्ध जो झुक नहीं सकते, नवजात बच्चे। बाकी बचे 12 करोड़....
भारत में लगभग 6 लाख मस्जिदें हैं। इस हिसाब से प्रति 20 व्यक्ति पर 1 मस्जिद है। अगर तुम्हारी मस्जिद इतनी छोटी है कि उनमें 20 लोग नहीं आ सकते तो लाउडस्पीकर लगाकर आखिर बुलाते किसे हो......?
अगर जुमा और ईद की नमाज घर पर नहीं पढ़ सकते तो क्या सड़क पर पढ़ सकते हैं....? वक्फ के पास इतनी जमीन है, जाओ पढ़ो उसपर नमाज....
ज्यादा तो पता नहीं लेकिन वक्फ़ के पास लगभग 8 लाख एकड़ जमीन है.... (ऐसा दावा किया जाता है)
अब नमाज़ पढ़ने वाले अगर 30 करोड़ भी हैं तो प्रति एकड़ 375 मुस्लिम होते हैं। एक एकड़ में होते हैं 43,560 sq फ़ीट । शहर में आमतौर पर एक 2bhk 900 sq फ़ीट का होता है जिसका मतलब है कि 375 लोगों के पास लगभग 48, 2BHK है नमाज़ पढ़ने के लिए......
इसमें से कुछ ज़मीन अगर निकाल भी दें तो भी 375 लोगों पर 40, 2BHK बैठते हैं.....
इसका मतलब ये है कि 20 में मर्द और 20 में औरत नमाज़ पढ़ सकती हैं। मतलब ये कि एक 900 sq feet जगह में मात्र 9 लोग ही बैठते है।
यानी कि ढंग से वक्फ़ की ज़मीन का इस्तेमाल हो तो कोई भीड़ नहीं है और 900 sq feet में मात्र 9 लोग ही आएंगे।
इसके अलावा औरतों के लिए भी अलग से इंतज़ाम किया जा सकता है बहुत ही आराम से...
पर,
क्योंकि इनका मानना ही यही कि जहां एक बार नमाज पढ़ी तो कयामत तक वो मस्जिद रहेगी, इसीलिए ये सड़क पर ही......
और पूरी सड़क अल्लाह की.....
अर्थात अपरोक्ष शक्तिप्रदर्शन....
सभी मोमिन भाइयों को ईद की राम राम...
बदलाव संसार का नियम है..
आइए कट्टरता छोड़कर फ्रैंडली ईद मनाते हैं।
ईद की नमाज अपने घरों में..
या मस्जिद में...
आओ इस ईद वादा करते हैं कि सड़कों पर नमाज पढ़कर लोगों के लिए परेशानी की सबब नहीं बनेंगे।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Shubham kumar हम भारतीय न्यूज़ के साथ स्टोरी लिखते हैं ताकि हर नई और सटीक जानकारी समय पर लोगों तक पहुँचे। हमारा उद्देश्य है कि पाठकों को सरल भाषा में ताज़ा, विश्वसनीय और महत्वपूर्ण समाचार मिलें, जिससे वे जागरूक रहें और समाज में हो रहे बदलावों को समझ सकें।