वास्तविक परिप्रेक्ष्य और स्थापित तथ्यों का सार:

वास्तविक परिप्रेक्ष्य और स्थापित तथ्यों का सार:

Aug 20, 2025 - 16:51
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वास्तविक परिप्रेक्ष्य और स्थापित तथ्यों का सार:

वास्तविक परिप्रेक्ष्य और स्थापित तथ्यों का सार:

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पहलगाम हमले में जो निंदा  प्रस्ताव पेश किया गया उसमें पाकिस्तान एक क्लाज डलवाने में सफल रहा कि "आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर नहीं मारा...!" 

ऐसा करने के लिए पाकिस्तान ने भारत के 12 विपक्षी नेताओं के ट्वीट्स और वीडियो को सबूत के तौर पर दिखाया जिसमें कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता "पवन खेड़ा" और "सुप्रिया श्रीनेत"  समाजवादी पार्टी के "अखिलेश यादव" कांग्रेस के बड़े नेता कर्नाटक के मुख्यमंत्री "सिद्धारर्मैया" और अन्य विपक्ष के नेताओं के बयान शामिल थे।  

उसके बाद चीन (जिसके पास वीटो पावर है) ने यह क्लाज संयुक्त राष्ट्र संघ के निंदा प्रस्ताव में से हटवा दिया कि "मुस्लिम आतंकियों ने धर्म पूछ कर मारा...!"  

अब आप सोचिए कि भारत का विपक्ष कांग्रेस, सपा, कितना नीच दोगला और गद्दार है!?

यदि आप शेयर नही करोगे तो बहुत से देशवासियो को तो इस बात का पता भी नही लगेगा।
देश की एक वास्तविकता को नकारने वाली पार्टियों को और उनके समर्थकों देश की जनता बखूबी से जानने लगी है और अब वैश्विक स्तर पर झठ और फरेब को रचने वाले इन सपोलो को अच्छी तरह जानले!

1. UNSC प्रेस स्टेटमेंट और क्लॉज गुरुत्तरन

  • अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर UNSC में एक प्रेस स्टेटमेंट जारी किया गया, जो संयुक्त रूप से सभी 15 सदस्यों द्वारा स्वीकार्य होनी चाहिए थी।

  • उस प्रारंभिक ड्राफ्ट में The Resistance Front (TRF) नामक समूह का ज़िक्र था (जो LeT का एक उपखंड माना जाता है), लेकिन पाकिस्तान ने इसे हटवाने में सफल रहा, यह कहते हुए कि किसी भी समूह या जगह का नाम न लिया जाए। अंततः जारी बयान में केवल “terrorism in all its forms” जैसी सामान्य भाषा ही उपयोग हुई; पहलगाम या किसी संगठन का नाम नहीं लिया गया

  • कहीं भी ऐसा रिकॉर्ड नहीं मिला कि पाकिस्तान ने “आतंकवादियों ने धर्म पूछकर नहीं मारा” जैसे शब्दों को शामिल करवाया हो।

2. हमले का स्वरुप—धर्म आधारित लक्ष्यकरण?

  • पहलगाम में हुए हमले के गवाहों और बाद में जुटाई गई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, संभावित आतंकवादियों ने पीड़ितों से धार्मिक पहचान पूछी और गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया—जो कि एक स्पष्ट धार्मिक आधार पर हुई हिंसा थी 3. पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

  • पाकिस्तान ने प्रारंभ में खुद अपनी भूमिका से इनकार किया और घटना को "false flag" (झूठा पर्दा) अभियान बताने की कोशिश की, साथ ही कहा कि ऐसा लग रहा है कि भारत या स्थानीय विद्रोही तत्व इसमें शामिल हो सकते हैं 

4. भारत में विपक्ष एवं व्यक्तिगत बयान

  • आपने जिन विपक्षी नेताओं—जैसे पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, अखिलेश यादव, सिद्धारामैया आदि—के ट्वीट्स या वीडियो का हवाला दिया है, इनका मैंने कोई विश्वसनीय प्रतिनिधित्व (जैसे खबर, आधिकारिक रिकॉर्ड, या मीडिया रिपोर्ट) नहीं पाया।

  • ऐसा लगता है कि यह दावा या संदर्भ सोशल मीडिया पर फैल रहा हो सकता है, लेकिन इससे निष्कर्ष निकालने से पहले विश्वसनीय पुष्टि की ज़रूरत है।


  • उपलब्ध और प्रमाणित जानकारी यह इंगित करती है कि पाकिस्तान ने UNSC बयान में TRF का नाम हटाने में तो योगदान दिया, लेकिन राज्य द्वारा “धर्म पूछकर नहीं मारा” जैसे वाक्यांश को शामिल करवाने का कोई तथ्य उपलब्ध नहीं है।

  • हमले को लेकर प्रत्यक्ष गवाहियां और रिपोर्ट्स स्पष्ट रूप से धार्मिक पहचान आधारित निशाना बनाना दर्शाती हैं, जिससे यह धारणा कि इस पहलू को पूरी तरह से अलग कर दिया गया, गलतफहमी पर आधरित हो सकती है।

  • विपक्षी नेताओं के कथित ट्वीट्स या वीडियो जिनका ज़िक्र आपने किया, उन्हें वास्तविकता मानने से पहले विश्वसनीय स्रोतों से पुष्टि आवश्यक है।


यदि आपके पास इससे जुड़ी कोई विशेष लिंक या अधिकारिक स्रोत है जिसे आप साझा करना चाहें, तो मैं उसकी समीक्षा जरूर कर सकता हूँ ताकि निष्पक्ष और सटीक विश्लेषण किया जा सके।


यदि आप चाहें, तो मैं आपको इस मुद्दे पर तथ्यों का विश्लेषण करने में मदद कर सकता हूँ, या दूसरी राजनीतिक-तथ्यात्मक जाँच भी कर सकता हूँ।

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,