देवी अहिल्याबाई का जीवनचरित्र अनुकरणीय: विशाल मातृशक्ति सम्मेलन में वक्ताओं के विचार

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Mar 4, 2025 - 12:25
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देवी अहिल्याबाई का जीवनचरित्र अनुकरणीय: विशाल मातृशक्ति सम्मेलन में वक्ताओं के विचार

देवी अहिल्याबाई का जीवनचरित्र अनुकरणीय: विशाल मातृशक्ति सम्मेलन में वक्ताओं के विचार

गोवर्धन रोड, मथुरा। अहिल्याबाई जन्मजयंती समारोह समिति के तत्वाधान में देवी अहिल्याबाई जी की 300वीं जन्मजयंती के अवसर पर विशाल मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन श्रीजी बाबा सरस्वती विषय मंदिर, गोवर्धन रोड पर किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने अहिल्याबाई के जीवन को अनुकरणीय बताते हुए उनके योगदान पर प्रकाश डाला।

महिला सशक्तिकरण की प्रतीक थीं अहिल्याबाई

सम्मेलन की मुख्य वक्ता, विख्यात लेखिका चिन्मयी मुले ने कहा कि देवी अहिल्याबाई न केवल साहस की प्रतिमूर्ति थीं, बल्कि उनमें गहरी राष्ट्रभक्ति भी थी। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में शासन संभाला और सामाजिक न्याय व प्रशासनिक कुशलता का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अहिल्याबाई ने अपनी प्रजा को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया और मुफ्त में सुविधाएं देने के बजाय संसाधन उपलब्ध कराए। महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए उन्होंने महेश्वरी साड़ी उद्योग को बढ़ावा दिया, जिससे सैनिकों की विधवाओं को आजीविका मिली।

देशभर में मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया

चिन्मयी मुले ने बताया कि देवी अहिल्याबाई ने न केवल अपने राज्य, बल्कि पूरे भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण कराया। बद्रीनाथ से लेकर रामेश्वरम, सोमनाथ से लेकर जगन्नाथपुरी तक उनके कार्यों की छाप देखी जा सकती है। उन्होंने सोमनाथ मंदिर, कृष्ण जन्मभूमि और राम जन्मभूमि जैसे ऐतिहासिक मंदिरों के पुनरुद्धार में भी योगदान दिया।

राष्ट्र सेविका समिति के लिए आदर्श रहीं अहिल्याबाई

समिति की कार्यक्रम संयोजिका डॉ. दीपा ने कहा कि देवी अहिल्याबाई संघ के समन्वैचारिक संगठन 'राष्ट्र सेविका समिति' की प्रेरणास्रोत एवं आदर्श रही हैं। उन्होंने बताया कि आधुनिक समय में महिलाएं धर्म, भक्ति और परिवार का संतुलन बनाए रखने में कठिनाई महसूस करती हैं, जबकि अहिल्याबाई ने एक शासिका होते हुए भी अपने पारिवारिक और धार्मिक मूल्यों को संजोकर रखा।

लोकमाता अहिल्याबाई की प्रजा-सेवा

संघ के क्षेत्रसंघचालक सूर्यप्रकाश ने कहा कि अहिल्याबाई को ‘लोकमाता’ की उपाधि यूं ही नहीं मिली। उन्होंने अपनी प्रजा की सेवा एक माँ की तरह की और प्रशासन में भी अनुशासन एवं न्याय को प्राथमिकता दी। यदि उस काल में अहिल्याबाई जैसी विदुषी शासक न होतीं, तो आज का भारत शायद अलग होता।

महिला सशक्तिकरण की प्रथम प्रेरणा

ब्रज प्रांत की संयोजिका रेणुका डंग ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अहिल्याबाई नारी सशक्तिकरण का प्रथम उदाहरण थीं। उन्होंने कहा, "जिस देश में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं, वही देश प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ता है।"

संस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति

कार्यक्रम का शुभारंभ देवी अहिल्याबाई के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ।

इस अवसर पर संघ के महिला समन्वय विभाग की प्रमुख कीर्ति जी ने कार्यक्रम का संचालन किया। विनोद कुमार कोयला वाले स्कूल की बालिकाओं द्वारा सरस्वती वंदना, हनुमान प्रसाद स्कूल वृंदावन की छात्राओं ने अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित लघुनाटिका का मंचन किया। कान्हा माखन स्कूल एवं समिति की शाखाओं की बहनों ने होली का सांस्कृतिक प्रदर्शन किया।

सम्मेलन में हजारों महिलाएं हुईं शामिल

इस भव्य आयोजन में प्रांत कार्यवाहिका ललिता, महानगर कार्यवाहिका प्रीति बंसल, नगर कार्यवाहिका कविता बंटा, प्रतिभा सिंह, दीप्ति उपाध्याय, नीतू अग्रवाल, पूजा शर्मा, गुंजन अग्रवाल समेत हजारों की संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं। कार्यक्रम ने महिला सशक्तिकरण एवं सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,