MP विधानसभा में नेहरू की फोटो हटाने पर भड़के कमलनाथ, अम्बेडकर को लेकर कह दी बड़ी बात

MP विधानसभा में नेहरू की फोटो हटाने पर भड़के

Dec 20, 2023 - 07:31
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MP विधानसभा में नेहरू की फोटो हटाने पर भड़के कमलनाथ, अम्बेडकर को लेकर कह दी बड़ी बात
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेहरू के बदले डॉ अंबेडकर की फोटो देख कर कॉन्ग्रेसी नाराज


1.    नेहरू की फोटो हटाए जाने पर मध्य प्रदेश की सियासत गरमाई
2.    नेहरू की जगह लगाई गई डॉ बीरआर अंबेडकर की तस्वीर


मध्य प्रदेश विधानसभा में हुए एक सामाजिक-राजनीतिक घटना ने राजनीति में उत्तेजना बढ़ा दी है, जहां पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर को हटाकर डॉ बीआर अंबेडकर की छवि को वहां लगाया गया है। इस घटना ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच तनाव को बढ़ा दिया है।
सामाजिक-राजनीतिक उथल-पुथल की शुरुआत हुई जब मध्य प्रदेश विधानसभा से जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाई गई और उसकी जगह पर डॉ. बीआर

अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई। इसके पश्चात, कांग्रेस ने इसे एक ष्इतिहास बदलने की कोशिशष् के रूप में लेकर भाजपा पर आरोप लगाए।
सांसदों और पार्टी नेताओं के बीच तनाव की इस घटना ने विभिन्न राजनीतिक पक्षों को एक-दूसरे के खिलाफ कठिनाई में डाल दिया है। कांग्रेस ने भाजपा को इतिहास को रीवाइज करने का प्रयास करने के लिए आरोप लगाया है, जबकि भाजपा ने यह विवादित निर्णय को ष्समर्थनीयष् बताया है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू और डॉ बीआर अंबेडकर दोनों ही महत्वपूर्ण भारतीय नेता थे, और उनकी तस्वीरों को एक साथ रखना चाहिए। इसके बावजूद, भाजपा ने इसे सर्वगुण सम्मान की कड़ी और आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है।

मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव ने इस मामले पर जांच का भरोसा करते हुए कहा, ष्जवाहरलाल नेहरू और बीआर अंबेडकर सर्वोच्च नेता हैं, सभी के लिए समान सम्मान है।ष् उन्होंने विधानसभा सचिवालय में इस मुद्दे पर एक विशेष समिति बनाने का भी एलान किया है।

कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती ने यह कहते हुए इस मामले की निंदा की, ष्नेहरू और अंबेडकर दोनों सर्वोच्च नेता हैं, उनकी तस्वीरें विधानसभा में लगाई जानी चाहिए थीं। जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाना गलत है।

मुद्दे को लेकर भाजपा के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा, ष्अंबेडकर की तस्वीर लगाने का स्वागत किया जाना चाहिए और कांग्रेस को इसके बारे में इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए। सचिवालय निश्चित रूप से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर लगाने के लिए उचित स्थान तय करेगा।

इस घटना के परंपरागत और राजनीतिक परिस्थितियों में, यह बना रहेगा कि राजनीतिक दलों के बीच यह विवाद और भी गहरा हो सकता है, जिससे राज्य की सियासत में नई कड़ी आ सकती है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार