दुनिया में प्रदूषण का खतरा: सिर्फ 7 देशों की हवा ही सांस लेने लायक!

दुनिया में प्रदूषण का खतरा: सिर्फ 7 देशों की हवा ही सांस लेने लायक, Danger of pollution in the world Air in only 7 countries is breathable,

Mar 12, 2025 - 19:27
Mar 12, 2025 - 19:28
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दुनिया में प्रदूषण का खतरा: सिर्फ 7 देशों की हवा ही सांस लेने लायक!

दुनिया में प्रदूषण का खतरा: सिर्फ 7 देशों की हवा ही सांस लेने लायक!

वर्तमान समय में वायु प्रदूषण दुनिया के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। स्विस एयर क्वालिटी टेक्नोलॉजी कंपनी IQAir की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के अधिकांश देशों की हवा सांस लेने योग्य नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, केवल 7 देश ऐसे हैं जिनकी हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की गाइडलाइंस पर खरी उतरती है। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, बहामास, आइसलैंड, बारबाडोस, ग्रेनेडा और एस्टोनिया शामिल हैं।

क्या कहती है WHO की गाइडलाइंस?

WHO के अनुसार, हवा में पीएम 2.5 (Particulate Matter 2.5) का स्तर 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम होना चाहिए। पीएम 2.5 हवा में मौजूद बारीक कण होते हैं जो फेफड़ों और हृदय के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। IQAir की रिपोर्ट के अनुसार, उपरोक्त 7 देशों में ही यह स्तर सुरक्षित सीमा के अंदर है, जबकि बाकी अधिकांश देशों में यह बहुत अधिक है।

सबसे ज्यादा प्रदूषित देश कौन से हैं?

रिपोर्ट के अनुसार, भारत, पाकिस्तान, चाड, बांग्लादेश और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में शामिल हैं। इन देशों में वायु प्रदूषण का स्तर WHO की तय सीमा से 10 से 18 गुना ज्यादा है। चाड सबसे ज्यादा प्रदूषित देश के रूप में सामने आया है, जहां पीएम 2.5 का स्तर WHO की गाइडलाइंस से 18 गुना अधिक है।

प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे क्या कारण हैं?

वायु प्रदूषण के बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं:

  1. औद्योगीकरण: तेजी से बढ़ता औद्योगीकरण और कारखानों से निकलता धुआं वायु को विषैला बना रहा है।
  2. वाहनों का धुआं: पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन बड़ी मात्रा में कार्बन उत्सर्जित करते हैं।
  3. पराली जलाना: कई देशों में कृषि अपशिष्ट जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान में।
  4. खनन और निर्माण कार्य: इन गतिविधियों से भारी मात्रा में धूल और हानिकारक कण हवा में घुल जाते हैं।
  5. वनों की कटाई: पेड़-पौधे वायु को स्वच्छ बनाने में मदद करते हैं, लेकिन वनों की कटाई से यह प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है।

प्रदूषण के स्वास्थ्य पर प्रभाव

वायु प्रदूषण के कारण कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है:

  • फेफड़ों की बीमारियां: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
  • हृदय रोग: प्रदूषित हवा के कारण हृदय रोग और उच्च रक्तचाप की समस्या बढ़ती है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर: बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है।
  • मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: हाल के शोधों में पाया गया है कि वायु प्रदूषण से मानसिक तनाव, डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

प्रदूषण को कैसे रोका जाए?

  • ग्रीन एनर्जी को अपनाना: सौर और पवन ऊर्जा का अधिक उपयोग कर सकते हैं।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना: पेट्रोल-डीजल वाहनों की बजाय इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने चाहिए।
  • पेड़ लगाना: अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर हवा को शुद्ध बनाया जा सकता है।
  • स्वच्छ ऊर्जा स्रोत: कारखानों और घरों में कोयले की जगह स्वच्छ ऊर्जा जैसे गैस और बायोगैस का उपयोग करना चाहिए।
  • कचरा प्रबंधन: खुले में कचरा जलाने से बचना चाहिए और अपशिष्ट प्रबंधन के आधुनिक तरीकों को अपनाना चाहिए।

IQAir की रिपोर्ट ने दुनिया के सामने एक कड़वी सच्चाई रखी है। जिस हवा में हम सांस लेते हैं, वह अधिकतर देशों में जहरीली होती जा रही है। सिर्फ 7 देश ऐसे हैं जहां की हवा WHO की गाइडलाइंस के अनुसार सुरक्षित है। भारत समेत कई देशों में वायु प्रदूषण गंभीर समस्या बन चुका है, जिससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। हमें व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर ऐसे प्रयास करने चाहिए जो वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करें, ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,