31 जुलाई तक छह साल पूरा करने वाले बच्चों को मिलेगा कक्षा एक में प्रवेश: एक स्थायी व्यवस्था

"Uttar Pradesh has implemented a new permanent school admission policy under the National Education Policy 2020. Now, only children who complete six years of age by July 31 will be eligible for Class 1 admission in government primary schools. Learn about the latest guidelines, benefits, and important details for the 2025-26 academic session." Children who complete six years by July 31 will get admission in class one, 31 जुलाई तक छह साल पूरा करने वाले बच्चों को मिलेगा कक्षा एक में प्रवेश: एक स्थायी व्यवस्था

Mar 29, 2025 - 06:23
 0
31 जुलाई तक छह साल पूरा करने वाले बच्चों को मिलेगा कक्षा एक में प्रवेश: एक स्थायी व्यवस्था

31 जुलाई तक छह साल पूरा करने वाले बच्चों को मिलेगा कक्षा एक में प्रवेश: एक स्थायी व्यवस्था

शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में लागू की गई नई नीति

शिक्षा नीति और नियमों में बदलाव का प्रभाव छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों पर व्यापक रूप से पड़ता है। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में केवल उन्हीं बच्चों को कक्षा एक में दाखिला मिलेगा, जिन्होंने 31 जुलाई तक छह वर्ष की आयु पूरी कर ली होगी। यह व्यवस्था अब स्थायी रूप से लागू कर दी गई है।

क्या है नई प्रवेश नीति?

पिछले साल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्देशों के तहत, पहली कक्षा में प्रवेश के लिए एक अप्रैल तक छह साल की आयु पूरी करने की अनिवार्यता लागू की गई थी। हालांकि, इस नियम के कारण कक्षा एक में नामांकन की संख्या में भारी गिरावट देखी गई थी, जिससे कई शिक्षकों और अभिभावकों ने चिंता व्यक्त की।

शिक्षा मंत्रालय ने इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए नियमों में कुछ राहत दी थी। संशोधित आदेश में यह कहा गया था कि ऐसे बच्चे, जिन्होंने 31 जुलाई तक छह साल की उम्र पूरी कर ली हो, उन्हें भी प्रवेश दिया जाएगा। अब इस नियम को स्थायी रूप से लागू कर दिया गया है, जिससे भविष्य में किसी भी तरह की अनिश्चितता न रहे।

शिक्षकों और अभिभावकों को राहत

इस बदलाव से शिक्षक और अभिभावक दोनों ही संतुष्ट हैं। इससे पहले, अप्रैल तक छह साल की उम्र पूरी करने की शर्त से बड़ी संख्या में बच्चे नामांकन से वंचित हो रहे थे। शिक्षकों की मांग पर शिक्षा मंत्रालय ने इस नियम में संशोधन किया और अब इसे स्थायी रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया है। इससे भविष्य में प्रवेश को लेकर किसी भी तरह की असमंजस की स्थिति नहीं रहेगी।

नई नीति के लाभ

  1. बच्चों के लिए आसान प्रवेश प्रक्रिया: अब अभिभावकों को अपने बच्चों के प्रवेश को लेकर चिंता नहीं करनी होगी।

  2. शिक्षकों की प्रशासनिक परेशानियां कम होंगी: हर साल नए नियमों की घोषणा से उत्पन्न असमंजस अब समाप्त हो जाएगा।

  3. बच्चों की उचित आयु में प्रवेश सुनिश्चित होगा: शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, छह साल की उम्र मानसिक और शारीरिक विकास के लिए उपयुक्त होती है, जिससे बच्चे कक्षा एक की पढ़ाई को अच्छे से समझ सकें।

बेसिक शिक्षा विभाग ने दिए सख्त निर्देश

नए सत्र 2025-26 को ध्यान में रखते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने सभी बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि इस नीति का पूरी तरह पालन किया जाए। इसके तहत सभी प्राथमिक विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 31 जुलाई तक छह साल की उम्र पूरी करने वाले ही कक्षा एक में प्रवेश के पात्र होंगे।

क्या है अभिभावकों की जिम्मेदारी?

  1. बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र तैयार रखें: प्रवेश के समय स्कूलों में जन्म प्रमाण पत्र आवश्यक होगा।

  2. समय पर स्कूलों में आवेदन करें: 2025-26 सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी, इसलिए अभिभावकों को सतर्क रहना होगा।

  3. स्कूल प्रशासन से जानकारी प्राप्त करें: प्रवेश प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी स्कूलों से प्राप्त करें।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई यह नीति बच्चों की शिक्षा को अधिक व्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल प्रवेश प्रक्रिया में स्थिरता आएगी, बल्कि बच्चों के समुचित मानसिक और शारीरिक विकास में भी सहायता मिलेगी। अब 31 जुलाई तक छह वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चे निश्चित रूप से कक्षा एक में प्रवेश के पात्र होंगे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच दोनों में सुधार होगा।

शिक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण बदलाव पर आपकी क्या राय है? कमेंट में जरूर बताएं!

Bharatiya news samachar Bharatiya news samachar हमरे साथ पिछले 2 साल से कार्य कर रहे हैं और आप कई विषयों पर आप लिखते हैं