बुक रिव्यू का बचपन मेरे कंधे पर - अमृता प्रीतम जरूर पढ़े

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Jan 28, 2025 - 05:59
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बुक रिव्यू का बचपन मेरे कंधे पर - अमृता प्रीतम जरूर पढ़े

मेरा बचपन मेरे कंधे पर - अमृता प्रीतम

अमृता प्रीतम की आत्मकथात्मक रचना "मेरा बचपन मेरे कंधे पर" उनकी जीवन यात्रा के प्रारंभिक वर्षों का एक गहन और संवेदनशील चित्रण है। इस पुस्तक में अमृता ने अपने बचपन के अनुभवों, संघर्षों, खुशियों और दर्द को बेहद सजीवता और ईमानदारी से प्रस्तुत किया है।

पुस्तक का सारांश:

  1. बचपन का चित्रण
    पुस्तक में अमृता अपने बचपन की यादों को साझा करती हैं, जिसमें उनका पारिवारिक माहौल, उनके माता-पिता के साथ संबंध और उनकी परवरिश का तरीका शामिल है। अमृता ने अपनी मां के निधन के बाद बचपन में महसूस किए गए खालीपन और अकेलेपन को बड़ी संवेदनशीलता से व्यक्त किया है।

  2. पढ़ाई और लेखन की शुरुआत
    अमृता ने अपने शुरुआती दिनों में किस तरह साहित्य के प्रति रुचि विकसित की, इसे बड़े ही भावुक और सरल तरीके से बयां किया है। यह पुस्तक उनके लेखन के शुरुआती प्रभावों और संघर्षों को भी दर्शाती है।

  3. समाज और परिवेश
    इस किताब में उस समय के सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश का भी उल्लेख है। इसमें अमृता ने बताया है कि किस तरह उस दौर के रूढ़िवादी समाज में महिलाओं के लिए साहित्य या कला के क्षेत्र में खुद को पहचान दिलाना एक चुनौती था।

  4. संवेदनशील और काव्यात्मक शैली
    अमृता की लेखनी हमेशा से उनकी कविताओं की तरह काव्यात्मक और संवेदनशील रही है। इस किताब में भी उनकी लेखनी की यह विशेषता स्पष्ट दिखाई देती है।

पुस्तक का महत्व:

"मेरा बचपन मेरे कंधे पर" न केवल अमृता प्रीतम के जीवन की झलक पेश करती है, बल्कि यह पाठकों को यह समझने में भी मदद करती है कि एक कलाकार का बचपन और उसके अनुभव उसकी रचनात्मकता को कैसे आकार देते हैं। यह पुस्तक उनके प्रशंसकों और साहित्य प्रेमियों के लिए अमूल्य धरोहर है।

अमृता प्रीतम की शैली:

अमृता प्रीतम की शैली सरल, प्रभावशाली और हृदय को छू लेने वाली है। उनकी लेखनी में भावनाओं की गहराई और सत्य के प्रति एक अडिग निष्ठा झलकती है।

पुस्तक से प्रेरणा:

यह पुस्तक यह संदेश देती है कि हर व्यक्ति का बचपन उसके जीवन और व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसे वह अपने कंधे पर हमेशा ढोता है।

"मेरा बचपन मेरे कंधे पर" एक आत्मा को छू लेने वाली पुस्तक है, जो अमृता प्रीतम के जीवन के प्रारंभिक पहलुओं को उजागर करती है। यह किताब हर उस व्यक्ति के लिए अनिवार्य है, जो अमृता प्रीतम के साहित्य और उनके जीवन को गहराई से समझना चाहता है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,