जन विश्वास का विजय है भारत के गौरव की पुनर प्रतिष्ठा है अयोध्या का दिव्य दीपोत्सव

जीवा राम राम जप रही है रोम रोम में राम रमे हैं पूरा राष्ट्र राम में है ऐसा लगता है हम त्रेता युग में आ गए हैं आज रघुनंदन राघव रामलला हमारे हृदय के भावों से भरे संकल्प स्वरूप सिंहासन पर विराज रहे हैं

Jan 24, 2024 - 07:17
Jan 25, 2024 - 11:48
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जन विश्वास का विजय है भारत के गौरव की पुनर प्रतिष्ठा है अयोध्या का दिव्य दीपोत्सव

रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीतायापतये नम:

श्री राम लला भगवान की जय

श्री रामलला भगवान की जय

भारत माता की जय

सरयू माता की जय

जय सीताराम

  • रामोत्सव के आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी शामिल हैं।

  • साथ ही, इस कार्यक्रम में उपस्थित हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी, प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदी वेन पटेल जी,

  • श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष पूज्य महंत नृत्य गोपाल दास जी, और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष पूज्य स्वामी गोविंद देव गिरी जी, सम्मान श्री चंपद राय जी,

रामाय राम भद्राय रामचंद्राय वेद से रघुनाथा नाथाय सीताया पति नमः श्री राम लला भगवान की जय, श्री रामलला भगवान की जय, भारत माता की भारत माता की जय, सरयू माता की जय, सरय माता की जय, जय जय सीताराम रामोत्सव के आज के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता भारत के माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय सरसंघचालक  डॉक्टर मोहन भागवत जी, प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदी वेन पटेल जी, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष पूज्य महंत नृत्य गोपाल दास जी, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष पूज्य स्वामी गोविंद देव गिरी जी, महासचिव सम्मान श्री चंपतराय जी, देश के कोने-कोने से यहां पर पधारे पूज्य संतजन अपने-अपने क्षेत्र के नेतृत्व को देने वाले सभी उपस्थित महानुभाव।

राम उत्सव के इस पावन पर्व के अवसर पर आदरणीय प्रधानमंत्री जी का मैं आप सबकी ओर से हृदय से स्वागत करता हूं। अभिनंदन करता हूं। इस अवसर पर पधारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक आदरणीय डॉक्टर मोहन भागवत जी का अन्य समाजिक अतिथियों और महानुभावों का मैं हृदय से स्वागत करता ,हूं अभिनंदन करता हूं। प्रभु राम लीला के भव्य दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई। 500 वर्षों के लंबे अंतराल के उपरांत आज के इस प्रतीक्षित मौके पर अंतर मन में भावनाए कुछ ऐसी है। उन्हे व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। मन भावुक है, भाव विभोर है। निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे। आज इस ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर भारत का हर नगर-हर ग्राम अयोध्या धाम है। हर मार्ग श्री राम जन्मभूमि की ओर आ रहा है। हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगा है। हर जीवा राम-राम जप रहा है। रोम-रोम में राम रमे हैं। पूरा राष्ट्र राममय है। ऐसा लगता है, हम त्रेता युग में आ गए हैं।  

आज रघुनंदन राघव रामलला हमारे हृदय के भावों से भरे संकल्प स्वरूप सिंहासन पर विराज रहे हैं। आज हर राम भक्त के हृदय में प्रसन्नता है, गर्व और संतोष के भाव हैं। आखिर भारत को इसी दिन की तो प्रतीक्षा थी। भाव विभोर कर देने वाली इस दिन की प्रतीक्षा में लगभग 5 शताब्दी व्यतीत हो गई। दर्जनों पीढ़ियां अधूरी कामना लिए इस धरा-धाम से साकेत धाम में लीन हो गई। किंतु प्रतीक्षा और संघर्ष का क्रम सतत जारी रहा। श्री राम जन्मभूमि संभवत विश्व में पहला ऐसा नूठा प्रकरण होगा। जिसमें किसी राष्ट्र के बहुसंख्यक समाज ने अपने ही देश में अपने आराध्य की जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए इतने वर्षों तक और इतने स्तरों पर लड़ाई लड़ी हो। संतों, सन्यासियों, पुजारियों, नागाओ, निहंग, बुद्धिजीवियों, राजनेताओं जनजातियों सहित समाज के हर वर्ग ने जाति-पाति विचार दर्शन उपासना पद्धति से ऊपर उठ कर के राम काज के लिए स्वयं को उत्सर्ग किया। अंतत व शुभ-अवसर आ ही गया। जब कोटि-कोटि आस्थावान के त्याग और तप को पूर्णता प्राप्त हो रही है। आज आत्मा प्रफुल्लित है, इस बात से कि मंदिर वही बना है। जहां बनाने का संकल्प लिया था। संकल्प और साधना की सिद्धि के लिए हमारी प्रतीक्षा की इस समाप्ति के लिए और संकल्प की पूर्णता के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हृदय से आभार और अभिनंदन माननीय प्रधानमंत्री जी 2014 मैं आपके आगमन के साथ ही भारतीय जनमानस कह उठा था कि, मोरे जिय भरोस द सोई मिल राम, सगुन शुभ होई अभी गर्भ ग्रह में वैदिक विधि विधान से रामलला के बाल विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा को हम सब साक्षी बने हैं। अलौकिक छवि है, हमारे प्रभु की बिल्कुल वैसे ही जैसे तुलसीदास जीने ने कहा नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारूनम आज उनकी आत्मा को असीम संतोष और आनंद की अनुभूति हो रही होगी। जिन परंपराओं की पीढ़ियां श्री राम जनभूमि को मुक्त कराने के लिए अपनी आहुति दे चुकी है। उनकी पावन स्मृतियों को मैं यहां पर कोटि कोटि नमन करता हूं।

श्री राम जन्मभूमि महायज्ञ ने न केवल सनातन आस्था और विश्वास की परीक्षा का काल रहा, बल्कि संपूर्ण भारत को एकात्मता के सूत्र बांधने के लिए राष्ट्र की सामूहिक चेतना जागरण में भी सफल सिद्ध हुआ है। सदियों के बाद भारत में हो रहे, इस चिर प्रतीक्षित नव विमान को देख अयोध्या समेत पूरा भारत का वर्तमान आनंदित हो उठा है। भाग्यवान है, हमारी पीढ़ी जो इस राम काज के साक्षी बन रहे हैं और उससे भी बड़भागी है, वो जिन्होंने सर्वस्व राम काज के लिए समर्पित किया है और करते चले जा रहे हैं। जिस अयोध्या को अवनी की अमरावती और धरती का वैकुंठ कहा गया। वह सदियों तक अभिशप्त थी, उपेक्षित रही सुनियोजित विकार झेलती रही। अपनी ही भूमि पर सनातन आस्था पलित होती रही चोटिल होती रही। किंतु राम का जीवन हमें संयम की देता है और भारतीय समाज ने संयम बनाए रखा। लेकिन हर एक दिन के साथ ही हमारा संकल्प और भी दृढ़ होता गया और आज देखिए, पूरी दुनिया अयोध्या के वैभव को निभा रही है। हर कोई अयोध्या आने को आतुर है। आज अयोध्या में त्रेता युगीन वैभव उतर आया है। दिख रहा है। धर्म नगरी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है। पूरा विश्व दिव्य और भव्य अयोध्या का साक्षात्कार कर रहा है।

आज जिस सुनियोजित तीव्र गति से अयोध्यापुरी का विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री जी के दृढ़ संकल्प इच्छा शक्ति और दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं था, कुछ वर्ष पहले कल्पना से परे था। अयोध्या में एयरपोर्ट होगा, यहां के नगर के भीतर चार लेन की सड़क होंगी। सरय जी में क्रु चलेंगे। अयोध्या की खोई गरिमा वापस आएगी। लेकिन मित्रों डबल इंजन की सरकार के प्रयास से आज आप सबके सहयोग से सब साकार हुआ है। सांस्कृतिक अयोध्या आयुष्मान अयोध्या स्वच्छ अयोध्या सक्षम अयोध्या सुरम्य अयोध्या सुगम्य अयोध्या दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या के रूप में पुनरुद्धार के लिए हजारों करोड़ रुपए वर्तमान में यहां पर भौतिक विकास के लिए लग रहे हैं। राम जी की पेढ़ी नया घाट गुप्तार घाट ब्रह्मकुंड भरत कुंड सूरज कुंड विभिन्न कुंडों के कायाकल्प संरक्षण संचालन रखरखाव के कार्य हो रहे हैं। रामायण परंपरा की कल्चरल मैपिंग कराई जा रही है। रामगमन पद पर रामायण जी का निर्माण हो रहा है। नई अयोध्या में पुरातन संस्कृति और सभ्यता को संरक्षण तो हो ही रहा है, भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक पैमाने के अनुसार सभी नगरीय सुविधाएं भी विकसित हो रही है।

इस मोक्षदायनी नगरी को आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से अब सोलर सिटी के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। पूरी अयोध्या में विश्व के सनातन आस्था, संतों पर्यटकों शोधार्थियों जिज्ञासा के प्रमुख केंद्र के रूप में इसे बनाने की ओर से अग्रसर किया जा रहा है। एक नगर या तीर्थ भर का विकास नहीं है, उस विश्वास की विजय है। जिसे सत्यमेव जयते के रूप में भारत के राज चिन्ह में अंगीकार किया गया है। लोक आस्था और जन-विश्वास का विजय है। भारत के गौरव की पुनः प्रतिष्ठा है। अयोध्या का दिव्य दीपोत्सव नए भारत की सांस्कृतिक पहचान बन रहा है और श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह भारत की सांस्कृतिक अंतरात्मा को समरस की एक अभिव्यक्ति सिद्ध कर रहा है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है। यह राष्ट्र मंदिर है, निसंदेह श्री रामलीला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का एक ऐतिहासिक अवसर है। निश्चित रहिए, प्रभु राम की कृपा से अब कोई अयोध्या की परिक्रमा में बाधा नहीं बन पाएगा। अयोध्या की गलियों में अब गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगी। कर्फ्यू नहीं लगेगा। अभी तो यहां दीपोत्सव रामोत्सव और यहां की गलियों में श्री राम नाम संकीर्तन से यहां की गलियां गुंजायमान होंगी। क्योंकि अवधपुरी का मैं रामलला का विराजना राम राज्य की स्थापना की उद्घोषणा भी है। राम राज्य बैठे त्रिलोका हर्षित भए गए सब शोका राम राज्य भेदभाव रहित समृत समाज का उद्घोतक है और हमारे प्रधानमंत्री जी की नीतियों, विचारों और योजनाओं का आधार है।

भव्य दिव्य राम जन्मभूमि मंदिर के स्वप्न को साकार रूप देने में योगदान देने वाले सभी वास्तु विदों अभियंताओं शिल्पं और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सभी पदाधिकारियों को हृदय से धन्यवाद पुनः आप सभी को रामलला के विराज में की इस ऐतिहासिक पूण घड़ी की बधाई आदरणीय प्रधानमंत्री जी, आदरणीय सरसंघचालक जी, माननीय राज्यपाल महोदया और आप सभी महानुभावों का मैं एक बार फिर से हृदय से स्वागत और अभिनंदन करते हुए हम सब जो संकल्प पूर्वजों ने लिया था उसकी सिद्धि की भी सभी को बधाई देते हुए प्रभु के चरणों में एक बार पुनः नमन करते हुए, पूरे प्रदेश और देशवासियों को आज के श्रम उत्सव के सर पर कोटि-कोटि बधाई और अभिनंदन देते हुए, अपनी वाणी को विराम देता हूं, जय जय सीताराम।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार