8वां वेतन आयोग: डीए और बेसिक पे के मर्जर पर सरकार का जवाब, पूरी डिटेल

केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए को मूल वेतन में मर्ज करने की किसी भी योजना को खारिज कर दिया है। कर्मचारियों ने इस मांग को रखा था, लेकिन सरकार ने जोर देकर कहा कि इसे मानने से वित्तीय बोझ बढ़ेगा। सरकार हर 6 महीने में डीए की दरों में संशोधन करती है।

Mar 19, 2025 - 07:26
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8वां वेतन आयोग: डीए और बेसिक पे के मर्जर पर सरकार का जवाब, पूरी डिटेल
नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को मूल वेतन/पेंशन में विलय करने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने यह जानकारी राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी। कुछ कर्मचारी संगठन 50% डीए को मूल वेतन में मिलाने की मांग कर रहे थे। लेकिन, छठे वेतन आयोग ने डीए को मूल वेतन में न मिलाने की सिफारिश की थी। सरकार ने इस सिफारिश को मान लिया था। वित्त मंत्रालय के ने मंगलवार को बताया कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सरकार हर 6 महीने में DA/DR की दरों में संशोधन करती है। वित्त मंत्री ने सोमवार को कहा था कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) से 36 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा। सरकार ने 8वें सीपीसी के गठन का फैसला किया है। इसकी रिपोर्ट सरकार को कब सौंपी जाएगी, यह समय आने पर तय किया जाएगा।

कर्मचारी संगठनों ने उठाई थी मांग

कुछ कर्मचारी संगठन डीए को मूल वेतन में मिलाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि डीए 50% से ज्यादा हो गया है। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने भी इस बारे में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के साथ बैठक की थी। इस बैठक में NC-JCM ने DoPT सचिव रचना शाह को बताया कि डीए 50% से ज्यादा हो गया है। ऐसे में इसे मूल वेतन में मिला देना चाहिए।लेकिन, सरकार ने फिलहाल इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है। वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि डीए/डीआर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसलिए दिया जाता है ताकि महंगाई का असर उनके वेतन/पेंशन पर न पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हर 6 महीने में डीए/डीआर की दरों में बदलाव करती है।कर्मचारी संगठनों का कहना है कि डीए को मूल वेतन में मिलाना जरूरी है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। महंगाई लगातार बढ़ रही है। ऐसे में डीए को मूल वेतन में मिलाना कर्मचारियों के हित में होगा।

सरकार को क‍िस बात का है एहसास?

सरकार का कहना है कि डीए को मूल वेतन में मिलाने से सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। ऐसे में सरकार फिलहाल इस प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। लेकिन, सरकार कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखती है और समय-समय पर डीए की दरों में बदलाव करती रहती है।पंकज चौधरी ने बताया कि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू होने के बाद से अब तक डीए/डीआर की 15 किस्तें दी जा चुकी हैं।इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 8वें सीपीसी के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 8वें सीपीसी से केंद्र सरकार के 36 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा। इसके अलावा, रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने 8वें सीपीसी के गठन का फैसला कर लिया है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,