10 साल की उम्र में मजदूरी, बाल श्रम से मुक्त होती ही लिखी सफलता की इबारत, मैट्रिक की परीक्षा में रचा इतिहास

Bihar Board 10th Result 2025: सीतामढ़ी के संदीप कुमार ने आर्थिक तंगी से जूझते हुए मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा पास की। श्रम विभाग और प्रथम संस्था से मिली मदद से संदीप ने बाल श्रम से मुक्त होकर शिक्षा की दिशा में कदम बढ़ाए और अपनी मेहनत से सफलता हासिल की।

Mar 30, 2025 - 07:09
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10 साल की उम्र में मजदूरी, बाल श्रम से मुक्त होती ही लिखी सफलता की इबारत, मैट्रिक की परीक्षा में रचा इतिहास
सीतामढ़ी: लक्ष्य के साथ किसी भी क्षेत्र में काम करने से सफलता जरूर मिलती है। साथ ही ऐसे में लक्ष्य को पूरा करने में आर्थिक समेत अन्य कठिनाइयां भी दूर होती जाती है, यानी सफलता के रास्ते में पड़े रोड़े खुद ब खुद हटते जाते हैं। यह बात मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा में सफल संदीप कुमार पर सटीक बैठती है। वह आर्थिक रूप से काफी कमजोर पिता का बेटा है। उसकी उपलब्धि यह साबित करती है कि ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र, कहीं भी रहकर पूरी लगन से पढ़ाई करने पर कामयाबी जरूर मिलती है।

संदीप की जिंदगी की अलग दास्तां

वैसे तो मैट्रिक की परीक्षा जिले के हजारों बच्चे पास किए हैं, पर इनमें संदीप की दास्तां कुछ अलग है। वह कभी सोचा नहीं था कि मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा पास करेगा। हालांकि जिला प्रशासन समेत अन्य विभागों ने उसकी मदद की और उसने भी कुछ कर गुजरने की ठान ली। इसके साथ ही संदीप ने सफलता की एक नई इबारत लिख दी। पिता की ऐसी गरीबी थी कि वे संदीप को पढ़ा नहीं सकते थे। महज 10 साल की उम्र में ही संदीप को बाल मजदूरी कर परिवार को पैसे देने पड़ते थे।

बाल श्रम से मुक्त होते ही बदली जिंदगी

श्रम विभाग ने संदीप को बाल श्रम से मुक्त कराया था। फिर संदीप को शिक्षा के प्रति प्रेरित किया गया। उसने किताबों से दोस्ती कर ली। एक नई जिंदगी की प्रारंभ की। आर्थिक तंगी के कारण संदीप को स्कूल छोड़कर काम करना पड़ा था। जिला प्रशासन और प्रथम संस्था की मदद से फिर पढ़ाई शुरू की। श्रम अधीक्षक रमाकांत ने बताया कि विमुक्त कराने के बाद संदीप का नाम चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम में दर्ज किया गया और उसके नाम सीएम राहत कोष से 25 हजार रुपये की सावधि जमा कराई गई।

हर माह 500 रुपये की मदद

प्रथम संस्था के जिला समन्वयक सुधीर कुमार ने बताया कि संस्था के स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम के तहत संदीप को प्रतिमाह 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। साथ ही उसका नियमित फॉलो-अप किया गया और उसे शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाता रहा। श्री गांधी हाइस्कूल, परिहार से मैट्रिक की परीक्षा देकर संदीप ने तृतीय श्रेणी से पास किया है। रामचंद्र राम के पुत्र संदीप की इस उपलब्धि से न सिर्फ उसके परिवार में खुश है, यह अन्य वंचित बच्चों के लिए भी प्रेरणा बन गई है। डीएम रिची पाण्डेय ने कहा है कि यदि सही दिशा और अवसर मिले, तो कोई भी बच्चा अपने भविष्य को बेहतर बना सकता है।
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