1 मई की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ: इतिहास के पन्नों से

1 मई की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ: इतिहास के पन्नों से

May 31, 2025 - 18:42
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1 मई की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ: इतिहास के पन्नों से

???? 1 मई की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ: इतिहास के पन्नों से

लेखिका: दीक्षा अरोड़ा

1 मई को विश्व भर में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन यह दिन सिर्फ श्रमिकों के संघर्ष और अधिकारों की बात नहीं करता, बल्कि इतिहास में अनेक ऐसी घटनाएँ भी इस तारीख से जुड़ी हैं, जिन्होंने राजनीतिक, सामाजिक और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बदलाव लाए। आइए जानते हैं 1 मई को घटी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में—


1945 – सोवियत लाल सेना का बर्लिन में प्रवेश

द्वितीय विश्व युद्ध अपने अंतिम चरण में था। 1 मई 1945 को सोवियत संघ की लाल सेना ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में प्रवेश किया। यह नाज़ी जर्मनी के पतन की शुरुआत थी। हिटलर की आत्महत्या के एक दिन बाद, लाल सेना की यह जीत युद्ध की निर्णायक क्षणों में से एक बन गई। इस कदम ने यूरोप में नाजी शासन के अंत को चिह्नित किया।


1984 – फू दोरजी का ऑक्सीजन के बिना माउंट एवरेस्ट फतह करना

भारतीय पर्वतारोही फू दोरजी ने 1 मई 1984 को ऐसा कारनामा किया जो विश्व के इतिहास में दर्ज हो गया। उन्होंने बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की। यह एक अत्यंत साहसिक और शारीरिक क्षमता का प्रतीक मानी जाने वाली उपलब्धि थी, जिसने पर्वतारोहण के क्षेत्र में भारत का नाम ऊँचा किया।


1993 – श्रीलंका के राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदास की हत्या

1 मई 1993 को श्रीलंका के राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदास की एक आत्मघाती हमले में मृत्यु हो गई। यह हमला लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) द्वारा किया गया था। उनकी मृत्यु ने श्रीलंका में राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ा दिया।


1996 – संयुक्त राष्ट्र ने खुद को निर्धन घोषित किया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बुत्रोस बुत्रोस घाली ने घोषणा की कि संगठन आर्थिक संकट से गुजर रहा है। 1 मई 1996 को संयुक्त राष्ट्र ने खुद को औपचारिक रूप से “निर्धन” घोषित किया, जो वैश्विक शांति और विकास के लिए चिन्ताजनक संकेत था।


1998 – नाटो में पूर्वी यूरोपीय देशों की एंट्री

अमेरिकी सीनेट ने पोलैंड, हंगरी और चेक गणराज्य को नाटो (NATO) में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया। यह शीत युद्ध के बाद की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक थी, जिसने यूरोप की सामरिक संरचना को नया आकार दिया।


1999 – नेपाल में मृत्युदंड समाप्त

1 मई 1999 को नेपाल सरकार ने मृत्युदंड की सजा को समाप्त कर दिया। यह मानवाधिकारों की दिशा में नेपाल का एक ऐतिहासिक कदम था।


2000 – पाकिस्तान समेत तीन देशों की संसद भंग होने पर निलंबन

अंतर-संसदीय संघ (IPU) ने पाकिस्तान, आइवरी कोस्ट और सूडान की संसदों को भंग करने पर इन देशों को संघ से निलंबित कर दिया। यह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की दिशा में एक कड़ा कदम था।


2001 – लश्कर-ए-तोइबा और जैश-ए-मोहम्मद पर अमेरिकी प्रतिबंध

1 मई 2001 को अमेरिका ने आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तोइबा और जैश-ए-मोहम्मद को आतंकवादी संगठन घोषित किया। इसके साथ ही भारत को विशेष 301 सूची में शामिल किया गया, जो बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित थी।


2002 – इस्राइल ने हेब्रोन से सेना हटाई

1 मई 2002 को अमेरिका की अपील पर इस्राइल ने हेब्रोन शहर से अपनी सेना हटाई। यह पश्चिम एशिया में शांति स्थापना की दिशा में उठाया गया एक संवेदनशील कदम था।


2003 – पाल ब्रेमर की इराक में नियुक्ति

अमेरिकी राजनयिक पाल ब्रेमर को 1 मई 2003 को इराक का प्रशासक नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति इराक युद्ध के बाद की अमेरिकी नीति का हिस्सा थी।


2004 – यूरोपीय संघ में 10 नए देशों की सदस्यता

यूरोप की राजनीति में एक ऐतिहासिक बदलाव तब आया जब 1 मई 2004 को 10 नए देश यूरोपीय संघ का हिस्सा बने। इनमें चेक गणराज्य, एस्टोनिया, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, माल्टा और साइप्रस शामिल थे।


2005 – सद्दाम हुसैन ने अमेरिकी शर्तें ठुकराईं

इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने 1 मई 2005 को अमेरिका की ओर से दी गई सशर्त रिहाई की पेशकश ठुकरा दी। उन्होंने कहा कि वे अपने देश की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे।


2007 – भारत को वनडे क्रिकेट में 9वां स्थान

ईएसपीएन द्वारा जारी की गई वनडे क्रिकेट रैंकिंग में भारत को नवां स्थान प्राप्त हुआ। यह रैंकिंग उस समय भारतीय क्रिकेट टीम की संघर्षशील स्थिति को दर्शाती थी।


2008 – न्यायपालिका, आतंकवाद और कूटनीति

  • राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सात नए जजों की नियुक्ति की।

  • तालिबान समर्थित आतंकी गुट ने पाकिस्तान के डेरा अदम खेल पर कब्जा कर लिया।

  • बेलारूस ने 10 अमेरिकी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव आया।


2013 – स्व. रमेश भाई को श्रद्धांजलि

1 मई 2013 को स्व. रमेश भाई के 62वें जन्मदिवस और मजदूर दिवस के अवसर पर सर्वोदय आश्रम, टडियांवा में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस दिन भारतकोश पर रमेश भाई से संबंधित सामग्री को वैश्विक पाठक वर्ग को समर्पित किया गया।


1 मई को सिर्फ मजदूरों के संघर्ष को याद करने का दिन नहीं, बल्कि यह दिन विश्व इतिहास के अनेक महत्वपूर्ण मोड़ों का भी साक्षी रहा है। युद्ध, शांति, राजनीति, न्यायपालिका, खेल और सामाजिक सुधारों से जुड़े कई ऐतिहासिक घटनाक्रमों ने इस दिन को हमेशा के लिए यादगार बना दिया है।


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