1 अगस्त 1920 – बाल गंगाधर तिलक का निधन

1 August 1920 Bal Gangadhar Tilak passed away, 1 अगस्त 1920 – बाल गंगाधर तिलक का निधन

Aug 1, 2025 - 05:57
Aug 1, 2025 - 05:58
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1 अगस्त 1920 – बाल गंगाधर तिलक का निधन
बाल गंगाधर तिलक

1 अगस्त 1920 – बाल गंगाधर तिलक का निधन

1 अगस्त 1920 को भारत ने अपने एक महान राष्ट्रवादी नेता, विद्वान, गणितज्ञ और दार्शनिक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को खो दिया। उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख स्तंभों में गिना जाता है और वे "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा" के प्रखर उद्घोष के लिए अमर हैं।


प्रारंभिक जीवन

  • जन्म – 23 जुलाई 1856, रत्नागिरी, महाराष्ट्र में

  • शिक्षा – गणित और संस्कृत में गहरी रुचि, डेक्कन कॉलेज, पुणे से स्नातक

  • व्यवसाय – शिक्षक और बाद में पत्रकारिता में सक्रिय


राष्ट्रवादी संघर्ष

  • उन्होंने "केसरी" (मराठी) और "मराठा" (अंग्रेज़ी) नामक समाचार पत्र शुरू किए, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनजागरण का सशक्त माध्यम बने।

  • 1905 के बंग-भंग आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई।

  • स्वदेशी आंदोलन, बहिष्कार और राष्ट्रीय शिक्षा के पक्षधर थे।


विचार और दर्शन

  • उनका मानना था कि राजनीतिक स्वतंत्रता के बिना सामाजिक सुधार अधूरे हैं।

  • हिंदू संस्कृति और इतिहास से प्रेरित होकर उन्होंने गणेशोत्सव और शिवाजी जयंती जैसे उत्सवों को जन-आंदोलन का स्वरूप दिया।

  • वे अद्वितीय गणितज्ञ और दार्शनिक भी थे, जिन्होंने वेदांत और भारतीय इतिहास पर गहन अध्ययन किया।


ब्रिटिश शासन से संघर्ष

  • कई बार ब्रिटिश शासन द्वारा कारावास में डाले गए, जिनमें मांडले (बर्मा) की जेल में छह वर्षों का कठोर कारावास शामिल है।

  • जेल में रहते हुए उन्होंने प्रसिद्ध ग्रंथ "गीता रहस्य" लिखा।


निधन और विरासत

1 अगस्त 1920 को मुंबई में उनका निधन हुआ। उनके अंतिम संस्कार में लाखों लोग शामिल हुए, जो उनकी लोकप्रियता और सम्मान का प्रमाण था।
तिलक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को आक्रामक राष्ट्रवाद की दिशा दी और नई पीढ़ी को संघर्ष के लिए प्रेरित किया।


निष्कर्ष

बाल गंगाधर तिलक का जीवन देशभक्ति, साहस और त्याग का प्रतीक है। वे हमेशा याद किए जाएंगे, क्योंकि उन्होंने न केवल भारत को स्वतंत्रता की राह दिखाई, बल्कि भारतीय समाज में जागरूकता और आत्मसम्मान की लौ जगाई।

1 अगस्त 1920 को भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक का निधन हो गया था। उन्हें लोकमान्य के नाम से भी जाना जाता था। 
1 अगस्त 1920 को, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता, बाल गंगाधर तिलक का निधन हो गया. उन्हें "लोकमान्य" के नाम से भी जाना जाता था, जिसका अर्थ है "लोगों द्वारा (उनके नेता के रूप में) स्वीकार किया गया". तिलक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पहले नेताओं में से एक थे और उन्हें "भारतीय अशांति का जनक" कहा जाता था. उन्होंने स्वराज (स्व-शासन) के प्रबल समर्थक थे. तिलक का निधन 1920 में हुआ था, उसी दिन महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन शुरू करने की योजना बनाई थी, एक रिपोर्ट के अनुसार
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