दौलत हो तो ऐसी, नामीबिया के खजाने को क्यों पाना चाहते हैं दुनियाभर के देश? जहां पहुंचे PM मोदी

PM Modi Namibia Visit: पीएम मोदी नामीबिया में हैं. एयरपोर्ट पर पहुंचते ही वहां के पारंपरिक नृत्य से उनका भव्य स्वागत किया गया. नामीबिया को अपनी खूबियों के लिए जाना जाता है, लेकिन सबसे खास है वहां का खजाना, जिस पर दुनिया के ज्यादातर देशों की नजरे हैं. जानिए, क्या है वो खजाना और वो नामीबिया के लिए कितना जरूरी है.

दौलत हो तो ऐसी, नामीबिया के खजाने को क्यों पाना चाहते हैं दुनियाभर के देश? जहां पहुंचे PM मोदी
दौलत हो तो ऐसी, नामीबिया के खजाने को क्यों पाना चाहते हैं दुनियाभर के देश? जहां पहुंचे PM मोदी

PM मोदी पहली बार नामीबिया पहुंचे. वो नामीबिया जो अपने खास तरह के लिए खजाने के लिए दुनियाभर में फेमस है, जिसे दुनिया के ज्यादातर देश पाना चाहते हैं और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना चाहते हैं. दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया में PM मोदी का पहला दौरा कई मायनों में खास है. 27 सालों में यहां कोई भारतीय प्रधानमंत्री पहुंचा है. एयरपोर्ट पर उनका स्वागत यहां के पारंपरिक नृत्य के साथ किया गया.

नामीबिया ऐसा देश जो अपने यूरेनियम के विशाल भंडार के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. यह खनिज नामीबिया की अर्थव्यवस्था के लिए किसी खजाने से कम नहीं है. जानिए, नामीबिया के खजाने पर दुनिया की नजरें क्यों है और यह इस देश के लिए क्यों है खास?

नामीबिया के खजाने पर दुनिया की नजरें क्यों?

यूरेनियम एक खनिज है, जिसका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में किया जाता है. इससे बनने वाला न्यूक्लियर बम किसी भी देश को सुपरपावर देता है, जिसके दम पर वो देश दुश्मन को आंख दिखाता है. सुरक्षा और सैन्य रणनीति के लिहाज से यूरेनियम का खजाना बहुत महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि दुनिया के कई देश यूरेनियम को अपने रिजर्व में जमा कर रहे हैं, लेकिन नामीबिया के पास तो इसका खजाना है. वो अपनी खदानों के जरिए इसकी माइनिंग करता है और दुनिया के कई देशों को बेचकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देता है.

यूरेनियम का इस्तेमाल न्यूक्लियर पावर प्लांट्स में किया जाता है. बड़ी मात्रा में बिजली पैदा की जाती है. कोयला या गैस की तुलना में यूरेनियम का इस्तेमाल बेहतर माना जाता है. वर्तमान में दुनिया के कई देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए यूरेनियम से बिजली को बनाने की कोशिश में जुटे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं होता जो ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह बनती हैं.

यही वजह है कि यूरेनियम ऊर्जा, सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक कहा जाता है. दुनिया के सभी प्रमुख देश इसे हासिल करने और कंट्रोल करने की जुगत में लगे रहते हैं.

Top Uranium Production Country In The World

नामीबिया का खजाना क्यों खास है?

वर्ल्ड न्यूक्लियर एसोसिएशन के आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में नामीबिया यूरेनियम का उत्पादन करने वाले टॉप 5 देशों में शामिल रहा. नामीबिया की Rossing और Husab खदानों की गिनती दुनिया के सबसे बड़ी यूरेनियम खदानों में की जाती है. परमाणु ऊर्जा संयंत्रों इसका इस्तेमाल होने के कारण दुनियाभर में इसकी मांग बढ़ रही है. नतीजा, यूरेनियम नामीबिया की अर्थव्यस्था को रफ्तार दे रहा है.

Uranium Mines

नामीबिया में यूरेनियम की कई खदाने हैं.

चीन समेत दुनिया के कई देश नामीबिया में यूरेनियम खनन के लिए भारी निवेश कर चुके हैं. विदेश निवेश बढ़ने से यहां रोजगार के मौके पैदा हुए. खनन उद्योग में नामीबिया के युवाओं को ज्यादा अवसर मिल रहे हैं. हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं. यूरेनियम खनन से उस देश के पानी और जमीन की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ता है. रेडियोएक्टिव तत्व होने के कारण इनका सुरक्षित खनन जरूरी है. इसके साथ ही इसका स्टोरेज भी जरूरी है.

नामीबिया में यूरेनियम का खनन कैसे किया जाता है?

यूरेनियम का खनन कई तरह से किया जाता है. पहला है ओपन-पिट माइनिंग. इस प्रक्रिया में जमीन की सतह को खोदकर यूरेनियम का खनन किया जाता है. Rossing और Husab खदान में खनन इसी तरीके से होता है. दूसरी प्रक्रिया है इन-सिटू लीचिंग. यह खनन का आधुनिक तरीका है. इस प्रक्रिया में जमीन के नीचे रसायनिक घोल के जरिए यूरेनियम निकाला जाता है. वो भी बिना जमीन को बहुत ज्यादा खोदे. तीसरा तरीका है प्रॉसेसिंग. इस प्रक्रिया में खनन के बाद चट्टानों को क्रश किया जाता है और उसमें से यूरेनियम को निकाला जाता है.

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