जब दारा सिंह ने कहा था सिनेमा ने छीन लिया मेरा प्यार, ये सुपरस्टार थी पहलवान की पहली मोहब्बत

दारा सिंह की कम आयु में ही घर वालों ने उनकी मर्जी के बिना उनसे आयु में बहुत बड़ी लड़की से शादी कर दी थी. बाद में उन्होंने अपनी पसन्द से दूसरा विवाह सुरजीत कौर से की. उनकी दूसरी पत्नी सुरजीत कौर से तीन बेटियां और दो बेटे हैं.

Mar 23, 2025 - 06:08
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जब दारा सिंह ने कहा था सिनेमा ने छीन लिया मेरा प्यार, ये सुपरस्टार थी पहलवान की पहली मोहब्बत

दारा सिंह विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान थे. विश्व विजेता पहलवान दारा सिंह ने अपने करियर में कुश्ती के500 मुकाबले लड़े और  जीते. उन्होंने पचपन वर्ष की आयु तक पहलवानी की और पांच सौ मुकाबलों में किसी एक में भी पराजय का मुंह नहीं देखा.बाद में उन्होंने एक्ट्रेस मुमताज के साथ हिन्दी की स्टंट फ़िल्मों में डेब्यू किया. दारा सिंह ने कई फ़िल्मों में अभिनय के अलावा निर्देशन व लेखन भी किया. उन्हें  धारावाहिक रामायण में हनुमान के रोल से अपार लोकप्रियता मिली. फिल्मों में काम करने के दौरान ही उन्हें एक्ट्रेस मुमताज से प्यार हो गया. हिंदी सिनेमा में मुमताज को सुपरस्टार का दर्जा हासिल था. लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि  अभिनेत्री ने बी ग्रेड फिल्मों में काम किया था. सेट पर उन्होंने नौकरानी समेत कई छोटे मोटे रोल किए. उस दौर के बड़े स्टार्स उनसे बात तक करना पसंद नहीं करते थे.

दरअसल एक्ट्रेस मुमताज के पिता अब्दुल सलीम अस्कारी ईरान से थे. उनकी मां हबीब आगा और उनके पिता का वर्ष 1947 में मुमता के जन्म के ठीक एक साल बाद तलाक हो गया. ऐसे में मुमताज की मां उन्हें लेकर अपने पिता के घर चली गईं, जहां मुमताज का पालन पोषण हुआ. लंबे समय तक उनके परिवार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, जिसके चलते मुमताज और उनकी बहन मल्लिका ने सिनेमा में काम करने का फैसला लिया. मुमताज ने 13 साल की उम्र में फिल्म सोने की चिड़िया में काम किया. यह फिल्म 1958 में रिलीज हुई. इस फिल्म में उनका रोल इतना छोटा था कि किसी ने  नोटिस तक नहीं किया.

उसी दौरान वह पहलवान से अभिनेता बने दारा सिंह के साथ फिल्म फौलाद में नजर आई थीं. यह फिल्म 1963 में रिलीज हुई थी. यह एक बी ग्रेड फिल्म थी. एक इंटरव्यू में मुमताज ने कहा था कि कुछ हद तक,मैं कह सकती हूं कि मेरे करियर को दारा सिंह ने बनाया है. वह 16 एक्शन फिल्मों में बतौर लीड रोल मे नजर आईं, जिसमें फौलाद, वीर भीमसेन, टार्जन कम्स टू देल्ही, सिकंदर-ए-आजम, रूस्तम-ए-हिंद, राका और डाकू मंगल सिंह शामिल हैं. इन सब में उन्होंने दारा सिंह के साथ काम किया. कहा जाता है कि साथ काम करते हुए दारा सिंह और उनसे प्यार हो गया था. हालांकि मुमताज को इसके बाद एक के बाद एक फिल्में मिलती चली गईं और वह दारा सिंह से दूर होती गईं. बाद में दारा सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बॉलीवुड ने मुमताज को उनसे छीन लिया.

बता दें कि उस दौर में वह 2 से ढाई  लाख रुपए लेती थी. तब फिल्मों में उनकी भूमिका कुछ रोमांटिक दृश्यों और कुछ गानों के लिए होती थी. लीड रोल में वह राजेश खन्ना के साथ फिल्म दो रास्ते में नजर आईं. यह फिल्म 1969 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में उनकी भूमिका छोटी थी, लेकिन उन पर फिल्माए गए गाने बेहद पसंद किए गए. राज खोसला की इस ब्लॉकबस्टर फिल्म से वह स्टार बन गईं. उस साल राजेश खन्ना के साथ उनकी फिल्में दो रास्ते और बंधन सर्वाधिक कमाई करने वाली फिल्म बनी. मुमताज ने ‘दो रास्ते', ‘आप की कसम', ‘प्रेम कहानी', ‘दुश्मन', ‘रोटी', ‘फौलाद', ‘आंधी और तूफान', ‘टार्जन एंड किंगकॉन्ग', ‘बॉक्सर', ‘जवान मर्द' जैसी करीब 100 से अधिक फिल्मों में काम किया और इनमें से अधिकतर सफल रहीं. बाद में मुमताज शादी कर के विदेश में बस गई और फिल्मों को अलविदा कह दिया.

वहीं दारा सिंह की कम आयु में ही घर वालों ने उनकी मर्जी के बिना उनसे आयु में बहुत बड़ी लड़की से शादी कर दी थी. बाद में उन्होंने अपनी पसन्द से दूसरा विवाह सुरजीत कौर से की. उनकी दूसरी पत्नी सुरजीत कौर से तीन बेटियां और दो बेटे हैं. पहली वाली बीबी से पैदा उनका एकमात्र पुत्र प्रद्युम्न रंधावा अब मेरठ में रहता है जबकि दूसरी से पैदा विन्दु दारासिंह मुंबई में. 12 जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. 

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,