संघर्ष के दौरान, भारतीय मूल की तीन महिलाओं को शहादत मिली
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
7 अक्टूबर को, हमास, एक चरमपंथी संगठन, ने दक्षिणी इजरायल के खिलाफ एक घातक हमला किया। इस हमले के बाद, दोनों पक्षों के बीच एक बड़ा संघर्ष आरंभ हुआ है, और इस संघर्ष में भारतीय मूल की महिलाएं भी शामिल थीं। इन महिलाओं में से एक ने इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) के सदस्य के रूप में सेवा की थी, और दूसरी महिला इजरायल की पुलिस बल में शामिल थी।
इजरायल और हमास की जंग में भारतीय मूल की तीन महिलाओं की जान चली गई है. तीन में से एक महिला इजरायल डिफेंस फोर्सेज का हिस्सा थी और एक पुलिस बल में शामिल थी. कहा जा रहा है कि हमास चरमपंथियों से लड़ते हुए उनकी जान चली गई.
हमास के साथ इस जंग में, यह पहली बार था जब भारतीय मूल की महिलाओं की शहादत हुई है, और इसे एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है। ये महिलाएं हमास के चरमपंथियों के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान की बाजी लगाईं।
इस घातक संघर्ष के दौरान, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़े दृढ शब्दों में कहा कि वे हमास के खिलाफ लड़ रहे हैं और वे हमास को पूरी तरह से अलग कर देंगे।
इस संघर्ष के दौरान, भारतीय मूल की तीन महिलाओं की मौत हो गई, और यह एक बड़ी खोज में उनके साहस और पराक्रम की पुष्टि करता है। ये महिलाएं अपने देश के सेना और पुलिस के सदस्यों के रूप में सेवा करती थीं, और उन्होंने इस घटना में भाग लेकर अपने देश के लिए जान की बाजी लगाई।
इस जंग में हुई महिलाओं की शहादत ने स्पष्ट किया कि यह संघर्ष बहुत ही उच्च तनाव वाला था, और वे अपने देश की सुरक्षा के लिए अपने जीवन की खेल रही थीं। ये महिलाएं अपने साहस और निरंतर सेवा के माध्यम से अपने देश के लिए प्रेरित करने का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
इस घटना के परिणामस्वरूप, भारतीय मूल की महिलाओं की शहादत ने इस संघर्ष की महत्वपूर्ण घटना के रूप में दुनिया भर में चर्चा का विषय बना है और उनके साहस को मान्यता दिलाता है।
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