हिमाचल पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी को अग्रिम जमानत:ACS ओंकार ने सौंपी जांच रिपोर्ट, परिजनों के प्रताड़ना के आरोप सही पाए गए

हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में पूर्व एमडी एवं IAS अधिकारी हरिकेश मीणा को 2 मई तक अग्रिम जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट ने मीणा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इससे पहले सरकार ने हाईकोर्ट में अपनी स्टेट्स रिपोर्ट पेश की। कोर्ट में मीणा को पुलिस जांच में सहयोग करने को कहा है। वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने विमल नेगी मौत मामले में 70 पेज की सीलबंद जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सूत्र बताते हैं कि ACS की जांच रिपोर्ट में परिजनों द्वारा अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई है। पावर कॉरपोरेशन कर्मचारियों ने ACS को दिए बयान में बताया कि न केवल विमल नेगी, बल्कि दूसरे कर्मचारियों को भी देर रात तक दफ्तर में बिठाया जाता था। दफ्तर में कई बार गाली-गलोच जैसा माहौल होता था। पेखूवाला पावर प्रोजेक्ट के कारण विमल नेगी पर काफी दबाव था। अब यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री के कल-परसो शिमला लौटने पर उन्हें दी जाएगी। इस बीच हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से राहत मिली है। बता दें कि मीणा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, क्योंकि विमल नेगी के परिजनों ने IAS हरिकेश मीणा, IAS शिवम प्रताप सिंह और डायरेक्टर देसराज पर विमल नेगी की मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों के आरोप के बाद FIR इन आरोपों के बाद न्यू शिमला थाना में डायरेक्टर देसराज, एमडी और डायरेक्टर (पर्सनल) के खिलाफ FIR की गई है। अब तक की पुलिस और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की जांच में परिजनों द्वारा लगाए आरोप सही पाए गए हैं। इससे इन तीनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस वजह से पहले देसराज हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत को पहुंचे। हाईकोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। अब मीणा अग्रिम जमानत को कोर्ट पहुंचे हैं। 18 मार्च को मिला था विमल नेगी का शव बता दें कि बीते 10 मार्च को विमल नेगी दफ्तर से घर जाने के बजाय टैक्सी में बिलासपुर चले गए थे। 18 मार्च को गोविंद सागर झील में उनका शव मिला था। 19 को एम्स बिलासपुर में पोस्टमॉर्टम करवाया गया। इसी दिन परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन दफ्तर बीसीएस के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया। इसके बाद ही इस मामले में एफआईआर की गई और देसराज को सस्पेंड किया गया। मोबाइल की तलाश को गोबिंदसागर झील में उतारे गोताखोर अब पुलिस ने मृतक विमल नेगी के फोन को खोजने के लिए गोबिंदसागर झील में गोताखोर उतारे हैं। पुलिस को उम्मीद है कि विमल नेगी का मोबाइल उनकी मौत के कई राज खोल सकता है। हाईकोर्ट पहुंचे विमल नेगी के परिजन वहीं विमल नेगी के परिजन इस केस की सीबीआई जांच के लिए हिमाचल हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। एक-दो दिन में उनकी याचिका कोर्ट में एडमिट हो सकती है। इस याचिका के जरिए परिजन यह केस सीबीआई को देने की मांग करेंगे।

हिमाचल पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी को अग्रिम जमानत:ACS ओंकार ने सौंपी जांच रिपोर्ट, परिजनों के प्रताड़ना के आरोप सही पाए गए
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में पूर्व एमडी एवं IAS अधिकारी हरिकेश मीणा को 2 मई तक अग्रिम जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट ने मीणा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इससे पहले सरकार ने हाईकोर्ट में अपनी स्टेट्स रिपोर्ट पेश की। कोर्ट में मीणा को पुलिस जांच में सहयोग करने को कहा है। वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने विमल नेगी मौत मामले में 70 पेज की सीलबंद जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सूत्र बताते हैं कि ACS की जांच रिपोर्ट में परिजनों द्वारा अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई है। पावर कॉरपोरेशन कर्मचारियों ने ACS को दिए बयान में बताया कि न केवल विमल नेगी, बल्कि दूसरे कर्मचारियों को भी देर रात तक दफ्तर में बिठाया जाता था। दफ्तर में कई बार गाली-गलोच जैसा माहौल होता था। पेखूवाला पावर प्रोजेक्ट के कारण विमल नेगी पर काफी दबाव था। अब यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री के कल-परसो शिमला लौटने पर उन्हें दी जाएगी। इस बीच हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से राहत मिली है। बता दें कि मीणा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, क्योंकि विमल नेगी के परिजनों ने IAS हरिकेश मीणा, IAS शिवम प्रताप सिंह और डायरेक्टर देसराज पर विमल नेगी की मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों के आरोप के बाद FIR इन आरोपों के बाद न्यू शिमला थाना में डायरेक्टर देसराज, एमडी और डायरेक्टर (पर्सनल) के खिलाफ FIR की गई है। अब तक की पुलिस और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की जांच में परिजनों द्वारा लगाए आरोप सही पाए गए हैं। इससे इन तीनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस वजह से पहले देसराज हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत को पहुंचे। हाईकोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। अब मीणा अग्रिम जमानत को कोर्ट पहुंचे हैं। 18 मार्च को मिला था विमल नेगी का शव बता दें कि बीते 10 मार्च को विमल नेगी दफ्तर से घर जाने के बजाय टैक्सी में बिलासपुर चले गए थे। 18 मार्च को गोविंद सागर झील में उनका शव मिला था। 19 को एम्स बिलासपुर में पोस्टमॉर्टम करवाया गया। इसी दिन परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन दफ्तर बीसीएस के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया। इसके बाद ही इस मामले में एफआईआर की गई और देसराज को सस्पेंड किया गया। मोबाइल की तलाश को गोबिंदसागर झील में उतारे गोताखोर अब पुलिस ने मृतक विमल नेगी के फोन को खोजने के लिए गोबिंदसागर झील में गोताखोर उतारे हैं। पुलिस को उम्मीद है कि विमल नेगी का मोबाइल उनकी मौत के कई राज खोल सकता है। हाईकोर्ट पहुंचे विमल नेगी के परिजन वहीं विमल नेगी के परिजन इस केस की सीबीआई जांच के लिए हिमाचल हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। एक-दो दिन में उनकी याचिका कोर्ट में एडमिट हो सकती है। इस याचिका के जरिए परिजन यह केस सीबीआई को देने की मांग करेंगे।