हिमाचल BJP में गुटबाजी ने रोकी अध्यक्ष की ताजपोशी:चार महीने से चल रही लॉबिंग; 9 नाम रेस में, अब मोदी-शाह तय करेंगे

हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने 18 लाख नए सदस्य के साथ साथ ब्लॉक, जिला व राज्य कार्यकारिणी का गठन जरूर किया है। मगर गुटबाजी की वजह से अब तक प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी नहीं हो पाई, जबकि पार्टी ने 25 दिसंबर तक अध्यक्ष के चुनाव का दावा किया था। पार्टी सूत्र बताते हैं कि हिमाचल BJP को एक सप्ताह के भीतर के नया कप्तान मिल जाएगा। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व एक नाम पर सहमति बनाने के कई प्रयास कर चुका हैं। मगर, गुटबाजी की वजह से सहमति नहीं बन पा रही। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पसंद का अध्यक्ष बनेगा। फिलहाल, प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष की रेस में शामिल नेताओं की फेहरिस्त लंबी है। BJP अध्यक्ष पद की रेस में कांगड़ा से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज, विधायक विपिन सिंह परमार और मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल सबसे आगे माने जा रहे हैं। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर, विधायक सत्तपाल सत्ती, विधायक बिक्रम ठाकुर, राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी और विधायक त्रिलोक जम्वाल का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में गिना जा रहा है। बीजेपी के एक गुट ने अध्यक्ष पद के लिए चल रही खींचतान के बीच जयराम ठाकुर का नाम भी आगे सरकाया है। नेताओं की दावेदारी क्यों और वजह? 1. राजीव भारद्वाज अभी लोकसभा सांसद हैं। वह कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। उनके अध्यक्ष बनने से बीजेपी सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला को साधना चाहेगी। उनके अध्यक्ष बनने से आगामी विधानसभा चुनाव में वह पूरे प्रदेश में पार्टी को लीड कर पाएंगे। उन्होंने संगठन में विभिन्न पदों पर काम किया है और आरएसएस से भी जुड़ाव रहा है। 2. विपिन सिंह परमार वर्तमान में विधायक हैं। वह भी कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। इसलिए उनके अध्यक्ष बनने की भी खूब चर्चाएं हैं। परमार को सरकार और संगठन दोनों का अनुभव है। पूर्व सरकार में वह मंत्री और स्पीकर भी रह चुके हैं। उन्होंने संगठन में भी विभिन्न पदों पर काम किया है। 3. राजीव बिंदल वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह तेज-तर्रार नेता हैं। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ जगत प्रकाश नड्डा का भी आशीर्वाद है। मगर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ कुछ समय से अंदरखाते अनबन चल रही है। सूत्र बताते हैं कि जयराम ठाकुर, उन्हें अध्यक्ष के तौर पर नहीं देखना चाहते। 4. डॉ. सिकंदर अभी राज्यसभा सांसद हैं। अनुसूचित जाति वोट साधने के लिए पार्टी उन्हें भी अध्यक्ष बना सकती है। वह हमीरपुर जिला से संबंध रखते हैं। लिहाजा पार्टी मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए हमीरपुर में बड़ा नेता खड़ा कर सकती है। 5. त्रिलोक जम्वाल वर्तमान में विधायक हैं। उन्हें हिमाचल में जगत प्रकाश नड्डा का सबसे करीबी माना जाता है। सूत्र बताते हैं कि यदि नड्डा चाहेंगे तो उन्हें अध्यक्ष बना सकते हैं। नड्डा की वजह से ही त्रिलोक जम्वाल का नाम अध्यक्ष पद की रेस में ज्यादा चर्चा में हैं। 6. सत्तपाल सत्ती पूर्व में भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। उनका अध्यक्ष के तौर पर हिमाचल का सबसे लंबा 9 साल का कार्यकाल रहा है। वर्तमान में वह विधायक भी है। उनके अनुभव की वजह से उनके दोबारा अध्यक्ष बनने की चर्चाएं है। 7. विक्रम ठाकुर पूर्व सरकार में मंत्री और वर्तमान में विधायक हैं। कांगड़ा जिला साधने के लिए पार्टी उन्हें भी कमान दे सकती है। विक्रम ठाकुर को दबंग नेता माना जाता है और वह कांग्रेस सरकार पर आक्रामक ढंग से जुबानी हमला करते रहते हैं। 8. इंदू गोस्वामी वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। उनका कार्यकाल अगले साल मार्च में पूरा हो रहा है। वह प्रधानमंत्री मोदी की करीबी रही हैं। प्रदेश में 1998 में जब नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रभारी पर काम करते थे तो उस दौरान इंदू गोस्वामी ने मोदी की टीम में काम किया है। सूत्र बताते हैं कि यदि किसी अन्य नाम पर सहमति नहीं बनी तो बीजेपी महिला अध्यक्ष बना सकती है और ऐसे में इंदू गोस्वामी को कप्तान बनाया जा सकता है। 9. रणधीर शर्मा भाजपा के कद्दावर नेता है। वर्तमान में वह नयनादेवी से विधायक है। उन्होंने संगठन में विभिन्न पदों पर काम किया है। उनके भी अध्यक्ष बनने की चर्चाएं है। मगर राजनीति के जानकार मानते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के गृह जिला से होने की वजह से उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता,क्योंकि बिलासपुर में त्रिलोक जम्वाल नड्डा के सबसे करीबी माने जाते हैं। प्रदेश में चार महीने से अध्यक्ष के लिए लॉबिंग इनमें से कौन अध्यक्ष बनता है, यह हाईकमान तय करेगा। मगर प्रदेश में चार महीने से अध्यक्ष पद के लिए जबरदस्त लॉबिंग हुई है। प्रदेश के सभी सीनियर नेताओं ने बारी बारी दिल्ली दौड़ लगाई और शीर्ष नेताओं के साथ लॉबिंग भी की। मगर बीजेपी में फैसले सियासी गलियारों की चर्चाओं के आधार पर नहीं बल्कि शीर्ष नेतृत्व करता है।

Apr 4, 2025 - 19:32
 0  14
हिमाचल BJP में गुटबाजी ने रोकी अध्यक्ष की ताजपोशी:चार महीने से चल रही लॉबिंग; 9 नाम रेस में, अब मोदी-शाह तय करेंगे
हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने 18 लाख नए सदस्य के साथ साथ ब्लॉक, जिला व राज्य कार्यकारिणी का गठन जरूर किया है। मगर गुटबाजी की वजह से अब तक प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी नहीं हो पाई, जबकि पार्टी ने 25 दिसंबर तक अध्यक्ष के चुनाव का दावा किया था। पार्टी सूत्र बताते हैं कि हिमाचल BJP को एक सप्ताह के भीतर के नया कप्तान मिल जाएगा। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व एक नाम पर सहमति बनाने के कई प्रयास कर चुका हैं। मगर, गुटबाजी की वजह से सहमति नहीं बन पा रही। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पसंद का अध्यक्ष बनेगा। फिलहाल, प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष की रेस में शामिल नेताओं की फेहरिस्त लंबी है। BJP अध्यक्ष पद की रेस में कांगड़ा से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज, विधायक विपिन सिंह परमार और मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल सबसे आगे माने जा रहे हैं। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर, विधायक सत्तपाल सत्ती, विधायक बिक्रम ठाकुर, राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी और विधायक त्रिलोक जम्वाल का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में गिना जा रहा है। बीजेपी के एक गुट ने अध्यक्ष पद के लिए चल रही खींचतान के बीच जयराम ठाकुर का नाम भी आगे सरकाया है। नेताओं की दावेदारी क्यों और वजह? 1. राजीव भारद्वाज अभी लोकसभा सांसद हैं। वह कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। उनके अध्यक्ष बनने से बीजेपी सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला को साधना चाहेगी। उनके अध्यक्ष बनने से आगामी विधानसभा चुनाव में वह पूरे प्रदेश में पार्टी को लीड कर पाएंगे। उन्होंने संगठन में विभिन्न पदों पर काम किया है और आरएसएस से भी जुड़ाव रहा है। 2. विपिन सिंह परमार वर्तमान में विधायक हैं। वह भी कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। इसलिए उनके अध्यक्ष बनने की भी खूब चर्चाएं हैं। परमार को सरकार और संगठन दोनों का अनुभव है। पूर्व सरकार में वह मंत्री और स्पीकर भी रह चुके हैं। उन्होंने संगठन में भी विभिन्न पदों पर काम किया है। 3. राजीव बिंदल वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह तेज-तर्रार नेता हैं। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ जगत प्रकाश नड्डा का भी आशीर्वाद है। मगर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ कुछ समय से अंदरखाते अनबन चल रही है। सूत्र बताते हैं कि जयराम ठाकुर, उन्हें अध्यक्ष के तौर पर नहीं देखना चाहते। 4. डॉ. सिकंदर अभी राज्यसभा सांसद हैं। अनुसूचित जाति वोट साधने के लिए पार्टी उन्हें भी अध्यक्ष बना सकती है। वह हमीरपुर जिला से संबंध रखते हैं। लिहाजा पार्टी मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए हमीरपुर में बड़ा नेता खड़ा कर सकती है। 5. त्रिलोक जम्वाल वर्तमान में विधायक हैं। उन्हें हिमाचल में जगत प्रकाश नड्डा का सबसे करीबी माना जाता है। सूत्र बताते हैं कि यदि नड्डा चाहेंगे तो उन्हें अध्यक्ष बना सकते हैं। नड्डा की वजह से ही त्रिलोक जम्वाल का नाम अध्यक्ष पद की रेस में ज्यादा चर्चा में हैं। 6. सत्तपाल सत्ती पूर्व में भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। उनका अध्यक्ष के तौर पर हिमाचल का सबसे लंबा 9 साल का कार्यकाल रहा है। वर्तमान में वह विधायक भी है। उनके अनुभव की वजह से उनके दोबारा अध्यक्ष बनने की चर्चाएं है। 7. विक्रम ठाकुर पूर्व सरकार में मंत्री और वर्तमान में विधायक हैं। कांगड़ा जिला साधने के लिए पार्टी उन्हें भी कमान दे सकती है। विक्रम ठाकुर को दबंग नेता माना जाता है और वह कांग्रेस सरकार पर आक्रामक ढंग से जुबानी हमला करते रहते हैं। 8. इंदू गोस्वामी वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। उनका कार्यकाल अगले साल मार्च में पूरा हो रहा है। वह प्रधानमंत्री मोदी की करीबी रही हैं। प्रदेश में 1998 में जब नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रभारी पर काम करते थे तो उस दौरान इंदू गोस्वामी ने मोदी की टीम में काम किया है। सूत्र बताते हैं कि यदि किसी अन्य नाम पर सहमति नहीं बनी तो बीजेपी महिला अध्यक्ष बना सकती है और ऐसे में इंदू गोस्वामी को कप्तान बनाया जा सकता है। 9. रणधीर शर्मा भाजपा के कद्दावर नेता है। वर्तमान में वह नयनादेवी से विधायक है। उन्होंने संगठन में विभिन्न पदों पर काम किया है। उनके भी अध्यक्ष बनने की चर्चाएं है। मगर राजनीति के जानकार मानते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के गृह जिला से होने की वजह से उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता,क्योंकि बिलासपुर में त्रिलोक जम्वाल नड्डा के सबसे करीबी माने जाते हैं। प्रदेश में चार महीने से अध्यक्ष के लिए लॉबिंग इनमें से कौन अध्यक्ष बनता है, यह हाईकमान तय करेगा। मगर प्रदेश में चार महीने से अध्यक्ष पद के लिए जबरदस्त लॉबिंग हुई है। प्रदेश के सभी सीनियर नेताओं ने बारी बारी दिल्ली दौड़ लगाई और शीर्ष नेताओं के साथ लॉबिंग भी की। मगर बीजेपी में फैसले सियासी गलियारों की चर्चाओं के आधार पर नहीं बल्कि शीर्ष नेतृत्व करता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

Bharatiyanews हमारा अपना समाचार आप सब के लिए| इन सभी विषये के आप ब्लॉग समाचार पढ़े भारत में ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए, 2025 में ब्लॉग कैसे शुरू करें, घर पर तेजी से वजन कैसे कम करें, फोन पर रिज्यूमे कैसे बनाएं, आसानी से सरकारी नौकरी कैसे पाएं, घर पर बिरयानी कैसे पकाएं, भारत में शेयर बाजार में निवेश कैसे करें, अंग्रेजी बोलने के कौशल को कैसे सुधारें, YouTube चैनल कैसे बनाएं, ध्यान कैसे ठीक से करें, स्क्रैच से कोडिंग कैसे सीखें, हर महीने पैसे कैसे बचाएं, इंस्टाग्राम फॉलोअर्स कैसे बढ़ाएं, प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा कैसे पाएं, YouTube वीडियो कैसे डाउनलोड करें, पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कैसे करें, गुस्से को तुरंत कैसे नियंत्रित करें, तनाव और चिंता को कैसे कम करें, ऑनलाइन बैंक खाता कैसे खोलें, फ्रीलांसिंग करियर कैसे शुरू करें, बिना जिम के फिट कैसे रहें, रील्स को वायरल कैसे करें, पेटीएम अकाउंट कैसे बनाएं, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें, ऑनलाइन पीएफ बैलेंस कैसे चेक करें, प्राकृतिक रूप से डार्क सर्कल कैसे हटाएं, भारत में छात्रवृत्ति कैसे प्राप्त करें, कम समय में अमीर कैसे बनें, घर पर डालगोना कॉफी कैसे बनाएं, डीयू में एडमिशन कैसे लें, आधार को पैन कार्ड से कैसे लिंक करें, इंस्टाग्राम से पैसे कैसे कमाएं, घर पर मोबाइल फोन कैसे रिपेयर करें, भारत में जीएसटी के लिए पंजीकरण कैसे करें, वेबसाइट को मुफ्त कैसे बनाएं, एसएससी सीजीएल परीक्षा कैसे पास करें, वोटर आईडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, प्राकृतिक रूप से लंबाई कैसे बढ़ाएं, हिंदी में निबंध कैसे लिखें, मोबाइल नंबर के मालिक की जांच कैसे करें, पिंपल्स से जल्दी कैसे छुटकारा पाएं, घर पर योग कैसे करें, बॉलीवुड में अभिनेता कैसे बनें, ऑनलाइन ट्रेन टिकट कैसे बुक करें, हिंदी में चैटजीपीटी का उपयोग कैसे करें, यूपीआई से पैसे कैसे ट्रांसफर करें, इंस्टाग्राम अकाउंट को हमेशा के लिए कैसे डिलीट करें, मुफ्त में डिजिटल मार्केटिंग कैसे सीखें, भारत में छोटा व्यवसाय कैसे शुरू करें,