सेनेटरी पैड मांगना जुर्म हो गया… 8,000 लोगों ने इस महिला को दी जान से मारने की धमकी

जापानी कम्युनिस्ट पार्टी की युवा नेता अयाका योशिदा को मुफ्त सेनेटरी नैपकिन की मांग करने पर 8000 से ज्यादा जान से मारने की धमकियां मिली हैं. इस बयान के कुछ ही दिनों बाद, मिए प्रांत की विधानसभा को 28 मार्च से लगातार ईमेल के जरिए जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं. उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है फिलहाल जांच शुरू हो चुकी है.

Apr 4, 2025 - 19:31
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सेनेटरी पैड मांगना जुर्म हो गया… 8,000 लोगों ने इस महिला को दी जान से मारने की धमकी
सेनेटरी पैड मांगना जुर्म हो गया… 8,000 लोगों ने इस महिला को दी जान से मारने की धमकी

जापान की राजनीति में महिला नेताओं की भूमिका बढ़ रही है, लेकिन उनके लिए रास्ता आज भी आसान नहीं है. इसका ताजा उदाहरण है जापानी कम्युनिस्ट पार्टी की 27 साल युवा नेता अयाका योशिदा, जिन्हें महज एक मानवीय और तार्किक मांग रखने पर जान से मारने की 8,000 से ज्यादा धमकियां मिल चुकी हैं. अयाका ने सार्वजनिक शौचालयों में मुफ्त सेनेटरी नैपकिन की व्यवस्था की अपील की थी. यह मांग करना उनके लिए डर और मानसिक दबाव की वजह बन गई.

मामला 25 मार्च का है, जब अयाका योशिदा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि उन्हें अचानक पीरियड्स शुरू हो गए थे, और त्सु सिटी हॉल के टॉयलेट में सेनेटरी नैपकिन की सुविधा नहीं थी. उन्होंने कहा कि 27 साल की उम्र में भी ऐसी स्थिति आ सकती है, और यही वजह है कि सेनेटरी नैपकिन भी टॉयलेट पेपर की तरह हर जगह उपलब्ध होने चाहिए. उनका यह बयान तर्कसंगत था, लेकिन कुछ कट्टरपंथियों को यह नागवार गुजरा.

मिल रही जान से मारने की धमकियां

इस बयान के कुछ ही दिनों बाद, मिए प्रांत की विधानसभा को 28 मार्च से लगातार ईमेल के जरिए जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं. जापान के अखबार माइनिची के मुताबिक, ये सभी धमकियां एक ही ईमेल पते से आई थीं और सभी में एक ही भाषा इस्तेमाल की गई थी. ‘मैं अयाका योशिदा को मार दूंगा, जो इतनी बड़ी होकर भी इमरजेंसी नैपकिन साथ नहीं रखती!’

पुलिस ने शुरू की जांच

अयाका ने 31 मार्च को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बताया कि उन्हें 8,000 से ज्यादा धमकियां मिल चुकी हैं और इससे वह डरी हुई हैं. उन्होंने कहा कि इन धमकियों का असर उन्हें चुप कराने और उनके राजनीतिक कामों को रोकने की कोशिश के तौर पर देखा जाना चाहिए. उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और जांच शुरू हो चुकी है.

ट्रोलिंग का शिकार होती है महिलाएं

हिरोशिमा यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र की एसोसिएट प्रोफेसर चिसातो कितानाका ने इस मामले पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जापान में महिला नेताओं या सार्वजनिक मंचों पर बोलने वाली महिलाओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. चाहे वो कार्यरत माताओं के समर्थन की बात हो या घरेलू हिंसा जैसे गंभीर मुद्दे, हर बार महिलाओं को धमकियों और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है.

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