सऊदी की धरती से अमेरिका ने ईरान और इजराइल दोनों की बजाई बैंड, दिखा MBS का रसूख

ट्रंप के सऊदी अरब दौरे ने मध्य पूर्व की भू-राजनीति में हलचल मचा दी है. 300 बिलियन डॉलर के समझौते के साथ, सीरिया पर प्रतिबंध हटाने के ऐलान ने ईरान को चिंतित किया है. हमास के साथ वार्ता और इज़राइल की अनदेखी ने नेतन्याहू सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया है. ट्रंप अपनी मध्य पूर्व यात्रा से ईरान और इजराइल दोनों को एक साथ झटका देने में लगे हैं.

May 14, 2025 - 07:10
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सऊदी की धरती से अमेरिका ने ईरान और इजराइल दोनों की बजाई बैंड, दिखा MBS का रसूख
सऊदी की धरती से अमेरिका ने ईरान और इजराइल दोनों की बजाई बैंड, दिखा MBS का रसूख

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के पहले विदेश दौरे पर हैं. मंगलवार को वह सऊदी अरब पहुंच जहां उनका शानदार स्वागत किया गया. इस दौरान ट्रंप ने सऊदी अरब के 300 बिलियन डॉलर की डील साइन की, साथ ही सीरिया को लेकर एक ऐसा ऐलान किया जिसके बाद इंवेस्टमेंट फॉरम में बैठे सभी लोग खड़े होकर तालियां बजाने लगे.

डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि वह सीरिया पर लगे सभी प्रतिबंध हटा देंगे और कहा कि अब समय आ गया है कि देश (सीरिया) आगे बढ़े, जिससे सालों से विनाशकारी गृहयुद्ध से तबाह होने के बाद अपनी ध्वस्त अर्थव्यवस्था को फिर से जिंदा करने का खास मौका मिलेगा. खबर है कि बुधवार को सऊदी अरब में ही डोनाल्ड ट्रंप से सीरिया के अंतरिम नेता अल-शरा मुलाकात कर सकते हैं. ये संभव सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की वजह से हो पाया है.

सीरिया और अल-शरा के लिए अमेरिका का नरम रुख ईरान के लिए चिंता का सबब बन सकता है. क्योंकि सीरिया का मजबूत होना सीधे तौर ईरान का क्षेत्र में प्रभाव को कम करेगा. साथ ही उसका संपर्क लेबनान से भी काट सकता है. वहीं ये इजराइल के लिए अच्छा संकेत नहीं है, क्योंकि ईरान अपनी सीमा पर किसी बी मुस्लिम देश को स्थिर नहीं देखना चाहता, जिसके लीडर कट्टर इस्लामी विचारधारा से आते हो.

वहीं अमेरिकी प्रशासन ने इस यात्रा से पहले ही इजराइल को दरकिनार का हमास से वार्ता शुरू की है. जिसके परिणामस्वरूप एक अमेरिकी-इजराइली बंधक को रिहा किया गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रंप के कतर दौरे पर गाजा युद्ध को लेकर भी बड़ा ऐलान हो सकता है.

ईरान के लिए बुरी खबर

सीरिया से प्रतिबंध हटने के बाद सीरिया को मजबूत होने का मौका मिलेगा. जाहिर है इस दौरान सीरिया की सेना भी मजबूत होगी. बशर अल असद के राज के दौरान ईरान का सीरिया में प्रभाव रहा है और IRGC की यहां खासा मौजूदगी रही है. सीरिया के सुरक्षा चक्र के मजबूत होने से IRGC को अपनी एक्सिस को देश में चलाना बेहद मुश्किल होगा. सीरिया ही लेबनान के हिजबुल्लाह के लिए सप्लाई रूट, जिसको अब पूरी तरह से बंद किया जा सकता है.

इजराइल को झटका

वहीं डोनाल्ड ट्रंप पहले ही हमास के साथ इजराइल के बिना बातचीत करना शुरू कर चुके हैं. कुछ जानकारों का मानना है कि ट्रंप अपनी छवि शांति के दूत की तरह बनाना चाहते हैं. यूक्रेन युद्ध, हूती, और भारत पाक में समझौता कराने के बाद वह इजराइल पर हमास के साथ समझौता करने का दबाव बना सकते हैं. ट्रंप के इन कदमों के बाद नेतन्याहू सरकार बैकफुट पर पहुंच गई है.

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