संभल की शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई का मामला, जानिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा

संभल की शाही जामा मस्जिद में सफाई, रंगाई-पुताई के मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में 28 फरवरी को एएसआई - भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने एक रिपोर्ट पेश किया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद के अंदरूनी हिस्से को सिरेमिक रंग से रंगा गया है और फिलहाल इस पर सफेदी कराने की जरूरत नहीं है.

Mar 10, 2025 - 10:15
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संभल की शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई का मामला, जानिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा
संभल की शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई का मामला, जानिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट में संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर काफी अहम घटनाक्रम हुआ है. मस्जिद में सफाई, रंगाई-पुताई के मामले में आज कोर्ट में सुनवाई हुई. मस्जिद की सफेदी से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एएसआई के वकील को निर्देश दिया कि वे इस बारे में साफ तौर पर जानकारी लेकर आएं कि मस्जिद की बाहरी दीवारों की सफेदी से किस तरह का पूर्वाग्रह पैदा हो जाएगा.

जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद समिति की तरफ से उठाई गई आपत्ति पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश पारित किया. मस्जिद समिति ने कहा था कि उन्होंने केवल मस्जिद के बाहरी हिस्से की सफेदी और रोशनी के लिए इजाजत मांगी थी, जिसके लिए एएसआई से कोई खास जवाब नहीं मिला. समिति के वकील एस. एफ. ए. नकवी ने दलील दिया कि एएसआई केवल मस्जिद के आंतरिक हिस्से के बारे में बात कर रहा है.

मस्जिद समिति की दलीलें?

इस मामले में 28 फरवरी को एएसआई ने एक रिपोर्ट पेश किया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद के अंदरूनी हिस्से को सिरेमिक रंग से रंगा गया है और फिलहाल इस पर सफेदी कराने की जरूरत नहीं है. इसके जवाब में नकवी ने कहा कि वे सिर्फ मस्जिद की बाहरी दीवारों पर सफेदी और लाइटिंग चाहते हैं. इसके बाद कोर्ट ने एएसआई से मस्जिद परिसर में जमी धूल और उगी घास को साफ कराने को कहा.

एएसआई के क्या तर्क रहे?

भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण यानी एएसआई नेइलाहाबाद HC से अनुरोध किया कि वे एएसआई के दो लोगों को मस्जिद की जांच करने की इजाजत दें. इस पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के दो अधिकारी स्मारक का दौरा कर सकते हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी. अदालत ने संभल के जिला मजिस्ट्रेट को मस्जिद को एएसआई को सौंपने के लिए प्रशासन और मस्जिद समिति के बीच 1927 में हुए समझौते को पेश करने का आदेश भी दिया.

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,